The correct option is A
1 and 2 only
केवल 1 और 2
Explanation:
Building monumental forts with embattlements was a regular feature in medieval times, often symbolising the seat of power of a king. Some examples of strong, complex edifices which still exercise the imagination of the visitor are the forts of Chittor, Gwalior, Daulatabad, earlier known as Devgiri and Golconda. There were several strategic devices used in the forts to confound the enemy
Statement 1 is correct:
Daulatabad had several strategic devices to confound the enemy, such as staggered entrances so that gates could not be opened even with the help of elephants. It also had twin forts, one within the other but at a higher elevation and accessed by a complex defence design arrangement. One wrong turn in the labyrinth or complex pathway could lead to the enemy soldier going in circles or falling to his death several hundred feet below.
Statement 2 is correct:
Concentric circles of outer walls were employed in Golconda, so that the enemy had to breach these at all stages before getting in.
Statement 3 is incorrect:
Chittorgarh bears the distinction of being the largest fort in Asia and was occupied for the longest length of time as the seat of power. But the fort was deserted in light of the introduction of artillery in the 16th century, and therefore the capital was shifted to more secure Udaipur, located on the eastern flank of Aravalli hill range, where heavy artillery & cavalry were not effective.
On the other hand, the Jaigarh fort situated in the Aravalli hill range features a cannon named "Jaivana"(Jaivana Cannon), which was manufactured in the fort precincts.The fort was built by Jai Singh II in 1726 to protect the Amer Fort and its palace complex.
किलेबंद स्मारकीय किलों का निर्माण मध्ययुगीन काल की एक सामान्य विशेषता थी,जो अक्सर किसी राजा या शासक की शक्ति का प्रतीक था।कुछ उदहारण हैं :चित्तौड़, ग्वालियर, दौलताबाद (जिन्हें पहले देवगिरि और गोलकोंडा के नाम से जाना जाता था) के किले।शत्रुओं को भ्रमित करने के लिए किलों में कई रणनीतिक उपकरणों का उपयोग किया जाता था।
कथन 1 सही है:
दौलताबाद के पास दुश्मन को भ्रमित करने के लिए कई रणनीतिक उपकरण थे, जैसे डोलने या लड़खड़ाने वाले प्रवेश द्वार ताकि हाथी की मदद से भी द्वार नहीं खोले जा सकें।इसमें जुड़वाँ किले भी थे, एक अंदर दूसरा।ये ऊंचाई पर स्थित होते थे और यहाँ जटिल रक्षा व्यवस्था द्वारा ही पहुँचा जा सकता था।भूलभुलैया या जटिल रास्ते में एक गलत मोड़ से दुश्मन के सैनिक घिर सकते थे या सैकड़ों फ़ीट नीचे गिरने पर उनकी मौत हो सकती थी।
कथन 2 सही है:
गोलकुंडा के किले में संकेंद्रित बाहरी दीवारे स्थित थी,ताकि दुश्मन को अंदर प्रवेश करने से पहले इन सबकों पार करना पड़े।
कथन 3 गलत है:
चित्तौड़गढ़ को एशिया में सबसे बड़ा किला होने का गौरव प्राप्त है और सर्वाधिक लंबे समय तक यह शक्ति का केंद्र था।लेकिन किले को 16 वीं शताब्दी में तोपखाने की शुरुआत के बाद त्याग दिया गया और राजधानी को अरावली पहाड़ी श्रृंखला के पूर्वी तट पर स्थित उदयपुर स्थानांतरित कर दिया गया। इसकी अवस्थिति अधिक सुरक्षित थी जहां भारी तोपखाने और घुड़सवार सेना प्रभावी नहीं थे।
दूसरी ओर, अरावली पहाड़ी श्रृंखला में स्थित जयगढ़ किले में "जयवाना" (जयवाना तोप) नामक एक तोप है,जिसका निर्माण किले के अहाते में किया गया था।किले को 1726 में जय सिंह द्वितीय ने आमेर किले और इसके महल परिसर की सुरक्षा के लिए बनवाया था।