Q. Consider the following statements regarding the judicial organisation in British India:
Which of the statements given above is/are correct?
Q. ब्रिटिश भारत में न्यायिक संगठन के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
उपर्युक्त कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?
Explanation:
The British laid the foundations of a new system of dispensing justice through a hierarchy of civil and criminal courts. Though given a start by Warren Hastings, the system was stabilised by Cornwallis in 1793.
Statement 1 is incorrect: In each district a Diwani Adalat, or Civil Court, was established and presided over by the District Judge who belonged to the Civil Service. To deal with criminal cases, Cornwallis divided the Presidency of Bengal into four Divisions, in each of which a Court of Circuit presided over by the civil servants was established. In short, civil courts at district level were called Sadar Adalats and criminal courts at district level were called Courts of Circuit.
Statement 2 is correct: Below the District Court were Registrars’ Courts, headed by Europeans, and a number of subordinate courts headed by Indian judges known as ‘Munsifs’ and ‘Amins’.
Statement 3 is correct: In 1865, High Courts were established at Calcutta, Madras and Bombay to replace the Sadar Courts of Diwani (civil) and Nizamat(criminal).
व्याख्या:
अंग्रेजों ने दीवानी और फौजदारी अदालतों के माध्यम से एक नई न्यायिक प्रणाली की नींव रखी। हालाँकि, इसकी शुरुआत वारेन हेस्टिंग्स ने की, लेकिन 1793 में कॉर्नवालिस द्वारा इस प्रणाली को स्थायित्व प्रदान किया गया।
कथन 1 गलत है: प्रत्येक जिले में एक दीवानी अदालत, या सिविल कोर्ट की स्थापना की गई थी जिसकी अध्यक्षता जिला न्यायाधीश द्वारा की जाती थी जो सिविल सेवा से संबंधित थे। आपराधिक मामलों के लिए, कार्नवालिस ने बंगाल प्रेसीडेंसी को चार प्रभागों में विभाजित किया, जिनमें से प्रत्येक में सिविल सेवकों की अध्यक्षता में सर्किट कोर्ट स्थापित किए गए थे। संक्षेप में, जिला स्तर पर दीवानी अदालतों को सदर अदालत और आपराधिक न्यायालयों को कोर्ट ऑफ सर्किट कहा जाता था।
कथन 2 सही है: जिला न्यायालय के बाद रजिस्ट्रार न्यायालय जिसकी अध्यक्षता यूरोपियनों द्वारा की जाती थी, और कई अधीनस्थ न्यायालय थे, जिनकी अध्यक्षता भारतीय न्यायाधीशों द्वारा की जाती थी जिन्हें 'मुंसिफ' और 'अमीन' के रूप में जाना जाता था।
कथन 3 सही है: 1865 में, कलकत्ता, मद्रास और बॉम्बे में उच्च न्यायालयों की स्थापना दीवानी (सिविल) और निज़ामत (आपराधिक) सदर न्यायालयों को प्रतिस्थापित करने के लिए की गई थी।