The correct option is D
Neither 1 nor 2
न तो 1 और न ही 2
The governor is appointed by the president by warrant under his hand and seal. In a way, he is a nominee of the Central government. But, as held by the Supreme Court in 1979, the office of governor of a state is not an employment under the Central government. It is an independent constitutional office and is not under the control of or subordinate to the Central government.
Statement 1 is incorrect:
According to convention, while appointing the governor, the president is required to consult the chief minister of the state concerned, so that the smooth functioning of the constitutional machinery in the state is ensured. This is not a constitutional requirement. The convention has been violated in some of the cases. The procedure of consulting the chief minister in the appointment of the state governor should be prescribed in the Constitution itself.This is one of the recommendations of the Sarkaria Commission on Centre–state relations.
Statement 2 is incorrect:
The impeachment of the President is a quasi-judicial procedure in the Parliament., but the Governor is not removed by any such quasi-judicial process. The governor has no security of tenure and no fixed term of office. He may be removed by the President at any time. A governor holds office for a term of five years from the date on which he enters upon his office. However, this term of five years is subject to the pleasure of the President. The Supreme Court held that the pleasure of the President is not justifiable.
राज्यपाल को राष्ट्रपति द्वारा उसके हस्ताक्षर और मुहर सहित अधिपत्र के माध्यम से नियुक्त किया जाता है। एक तरह से वह केंद्र सरकार द्वारा नामांकित होते हैं। लेकिन, जैसा कि 1979 में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा निर्धारित किया गया था, किसी राज्य के राज्यपाल का पद केंद्र सरकार के अधीन रोजगार नहीं है। यह एक स्वतंत्र संवैधानिक पद है और केंद्र सरकार के नियंत्रण में या अधीनस्थ नहीं है।
कथन 1 गलत है:
परिपाटी के अनुसार, राज्यपाल की नियुक्ति करते समय, राष्ट्रपति को संबंधित राज्य के मुख्यमंत्री से परामर्श करने की आवश्यकता होती है, ताकि राज्य में संवैधानिक मशीनरी का सुचारु संचालन सुनिश्चित हो सके। यह संवैधानिक आवश्यकता नहीं है। कुछ मामलों में परिपाटी का उल्लंघन किया गया है। राज्य के राज्यपाल की नियुक्ति में मुख्यमंत्री से परामर्श की प्रक्रिया संविधान में ही निर्धारित की जानी चाहिए। यह केंद्र-राज्य संबंधों पर सरकारिया आयोग की सिफारिशों में से एक है।
कथन 2 गलत है:
राष्ट्रपति का महाभियोग संसद में एक अर्ध-न्यायिक प्रक्रिया है। लेकिन राज्यपाल को ऐसी किसी भी अर्ध-न्यायिक प्रक्रिया से हटाया नहीं जाता है। राज्यपाल के पास कार्यकाल की कोई सुरक्षा नहीं है और न ही कोई निश्चित कार्यकाल है। उसे किसी भी समय राष्ट्रपति द्वारा हटाया जा सकता है। एक राज्यपाल अपनी नियुक्ति की तिथि से पाँच वर्ष की अवधि के लिए पद धारण करता है। हालांकि, पाँच वर्ष का यह कार्यकाल राष्ट्रपति के प्रसादपर्यंत होता है। सर्वोच्च न्यायालय ने निर्धारित किया है कि राष्ट्रपति की मर्ज़ी न्यायोचित नहीं है।