The correct option is D
1, 2 and 3
1, 2 और 3
Explanation:
Statement 1 is correct: Unlike in the case of SCs, STs and OBCs, the constitution has defined the persons who belong to the Anglo-indian community. Accordingly, an Anglo-Indian means a person whose father or any of whose other male progenitors in the male line is or was of European descent but who is domiciled within the territory of india and is or was born within such territory of parents habitually resident therein and not established there for temporary purpose only.
Statement 2 is correct: The Constitution does not specify the castes or tribes which are to be called the SCs or the STs. It leaves to the President the power to specify as to what castes or tribes in each state and union territory are to be treated as the SCs and STs. Thus, the lists of the SCs or STs vary from state to state and union territory to Union Territory. In case of the states, the President issues the notification after consulting the Governor of the state concerned.
Statement 3 is correct: Any inclusion or exclusion of any caste or tribe from presidential notification can be done only by the Parliament and not by a subsequent presidential notification. The President have issued several orders specifying the SCs and STs in different states and union territories and these have also been amended by the Parliament.
व्याख्या:
कथन 1 सही है: एससी, एसटी और ओबीसी के मामले के विपरीत, संविधान में एंग्लो-इंडियन समुदाय से संबंधित व्यक्तियों को परिभाषित किया गया है। तदनुसार, एक एंग्लो-इंडियन से तात्पर्य एक ऐसे व्यक्ति से है जिसके पिता या पुरुष वर्ग में अन्य पुरुष पूर्वजों में से कोई भी यूरोपीय वंश का है/था, लेकिन जो भारत के क्षेत्र में अधिवासित है/था और ऐसे क्षेत्र में पैदा हुआ है/था जहाँ उसके माता-पिता स्वभावतः निवासी हैं/थे और केवल अस्थायी उद्देश्य से वहां आकर नहीं रहे।
कथन 2 सही है: संविधान में उन जातियों या जनजातियों को निर्दिष्ट नहीं किया गया है जिन्हें एससी या एसटी कहा जाता है। राष्ट्रपति को यह निर्दिष्ट करने की शक्ति दी गई है कि प्रत्येक राज्य और केंद्र शासित प्रदेश में किस जाति या जनजाति को अनुसूचित जाति और जनजाति के रूप में माना जाए। इस प्रकार, एससी या एसटी की सूची राज्य और राज्य तथा केंद्र शासित प्रदेश और केंद्रशासित प्रदेश के अनुसार भिन्न-भिन्न होती है। राज्यों के मामले में, राष्ट्रपति संबंधित राज्य के राज्यपाल से परामर्श करने के बाद अधिसूचना जारी करता है।
कथन 3 सही है: राष्ट्रपति की अधिसूचना में किसी भी जाति या जनजाति का समावेशन या अपवर्जन केवल संसद द्वारा किया जा सकता है न कि राष्ट्रपति की उत्तरवर्ती अधिसूचना द्वारा । राष्ट्रपति ने विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में एससी और एसटी को निर्दिष्ट करते हुए कई आदेश जारी किए हैं और इनमें संसद द्वारा संशोधन भी किया गया है।