Q. Consider the following statements with reference to ‘Statutory Grants’:
Which of the statements given above is/are correct?
Q. 'विधिक अनुदान' के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
उपर्युक्त कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?
Explanation: Statutory Grants, as the name suggests are the grants given by the Parliament of India to specific states (not all the states) from the Consolidated Fund of India. Article 275 of the Indian Constitution empowers the Parliament to make such grants.
Statement 1 is correct: These grants are given on the recommendation of the Finance Commission. The constitution also provides for specific grants for promoting the welfare of the scheduled tribe in a state or for raising the level of the administration of the scheduled areas.
Statement 2 is correct: Recently, the Finance Ministry released its fifth monthly installment of the Post Devolution Revenue Deficit (PDRD) Grant of Rs 9,871 crore to the states. The Post Devolution Revenue Deficit Grant is provided to the States under Article 275 (hence a statutory grant) of the Constitution. The grants are released as per the recommendations of the Fifteenth Finance Commission (in monthly installments) to meet the gap in the Revenue Accounts of the States post-devolution.
व्याख्या: जैसा कि नाम से पता चलता है, विधिक अनुदान, भारत की संसद द्वारा देश की संचित निधि से विशिष्ट राज्यों (सभी राज्यों को नहीं) को दिया जाने वाला अनुदान है। भारतीय संविधान का अनुच्छेद 275 संसद को ऐसे अनुदान प्रदान करने का अधिकार देता है।
कथन 1 सही है: ये अनुदान वित्त आयोग की सिफारिश पर दिए जाते हैं। संविधान, राज्य में अनुसूचित जनजाति के कल्याण को बढ़ावा देने या अनुसूचित क्षेत्रों के प्रशासन के स्तर को ऊपर उठाने के लिए विशिष्ट अनुदान प्रदान करता है।
कथन 2 सही है: हाल ही में, वित्त मंत्रालय ने राज्यों को 9,871 करोड़ रुपए के विचलन उपरांत राजस्व घाटा (Post Devolution Revenue Deficit- PDRD) अनुदान की अपनी पाँचवीं मासिक किस्त जारी की है। विचलन उपरांत राजस्व घाटा अनुदान संविधान के अनुच्छेद 275 (इसलिए एक विधिक अनुदान) के तहत राज्यों को प्रदान किया जाता है। ये अनुदान विचलन उपरांत राज्यों के राजस्व खातों में व्याप्त अंतर को पूरा करने के लिए पंद्रहवें वित्त आयोग (मासिक किश्तों में) की सिफारिशों के अनुसार जारी किए जाते हैं।