Q. Consider the following statements with reference to the ‘Inflationary Gap’ in the economy:
Which of the statements given above is/are correct?
Q. अर्थव्यवस्था में 'मुद्रास्फीति अंतराल' के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
Explanation: An inflationary gap is a macroeconomic concept that measures the difference between the prevailing level of real Gross Domestic Product (GDP) and the real GDP that would exist if an economy was working at full employment.
Statement 1 is correct: It happens when the demand for goods and services exceeds the supply. This happens because of high employment, a rise in government expenditure and more trade activities.
Statement 2 is incorrect: It is a situation of demand exceeding supply, so it is not the state of market equilibrium in the economy. The economy can be brought back to equilibrium by reducing the level of income at the disposal of consumers.
Statement 3 is correct: Reductions in government expenditure, increasing taxes, reducing transfer payments, etc., are some of the measures through which the inflationary gap can be minimized.
व्याख्या: मुद्रास्फीति अंतराल एक व्यापक आर्थिक अवधारणा है जो वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के मौजूदा स्तर और जब कोई अर्थव्यवस्था पूर्ण नियोजन पर काम कर रही हो तब के वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद के बीच के अंतर को मापता है।
कथन 1 सही है: यह तब होता है जब वस्तुओं और सेवाओं की मांग आपूर्ति से अधिक हो जाती है। यह उच्च रोजगार, सरकारी व्यय में वृद्धि और अधिक व्यापारिक गतिविधियों के कारण होता है।
कथन 2 गलत है: यह आपूर्ति से अधिक मांग की एक स्थिति है, इसलिए यह अर्थव्यवस्था में बाजार संतुलन की स्थिति नहीं है। उपभोक्ताओं के प्रयोज्य आय के स्तर को कम करके अर्थव्यवस्था को संतुलन में लाया जा सकता है।
कथन 3 सही है: सरकारी व्यय में कमी, करों में वृद्धि, हस्तांतरण भुगतान को कम करना आदि कुछ ऐसे उपाय हैं जिनके माध्यम से मुद्रास्फीति अंतराल को कम किया जा सकता है।