Q. Consider the following statements with respect to National Commission for Backward Classes (NCBC):
Which of the statements given above is/are correct?
Q. राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (NCBC) के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
Explanation:
Statement 1 is incorrect: The National Commission for Backward Classes (NCBC) has been granted constitutional status through the 102nd Constitutional Amendment Act. It was initially constituted by the central government by the National Commission for Backward Classes Act 1993 . The central government has repealed the act w.e.f from 15/8/2018
Statement 2 is correct: Article 338B has been inserted through the 102nd Constitution Amendment forming a commission for the socially and educationally backward classes. The commission consists of a chairperson, vice chairperson and three other members in the rank and pay of secretary to the Govt of India.
Statement 3 is incorrect: The 127th Constitutional Amendment Bill provides that the state governments are not required to consult NCBC while creating a state list of socially and educationally backward classes. However it mandates the central and state governments to consult the NCBC on all major policy matters affecting the socially and educationally backward classes.
व्याख्या:
कथन 1 गलत है: राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (NCBC) को 102वें संविधान संशोधन अधिनियम के माध्यम से संवैधानिक दर्जा दिया गया है। शुरुआत में राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग अधिनियम,1993 द्वारा केंद्र सरकार द्वारा इसका गठन किया गया था। केंद्र सरकार ने 15/8/2018 से अधिनियम को निरस्त कर दिया है।
कथन 2 सही है: 102वें संविधान संशोधन के माध्यम से अनुच्छेद 338B अंतःस्थापित गया जिसके द्वारा सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़े वर्गों के लिए एक आयोग का गठन किया गया। आयोग में एक अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और भारत सरकार के सचिव रैंक के तीन अन्य सदस्य होते हैं।
कथन 3 गलत है: 127वां संविधान संशोधन विधेयक यह प्रावधान करता है कि राज्य सरकारों को सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़े वर्गों की राज्य सूची बनाते समय NCBC से परामर्श करने की आवश्यकता नहीं है। हालांकि यह केंद्र और राज्य सरकारों को सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़े वर्गों को प्रभावित करने वाले सभी प्रमुख नीतिगत मामलों पर NCBC से परामर्श करने का अधिकार देता है।