Q. Which of the following duties have been constitutionally prescribed for the Centre?
Select the correct answer using the codes given below:
Q. केंद्र के लिए निम्नलिखित में से कौन से कर्तव्य संवैधानिक रूप से निर्धारित किए गए हैं?
निम्नलिखित कूट का प्रयोग कर सही उत्तर का चयन कीजिए:
Explanation:
The Constitution of India imposes certain duties on the Centre so that it can exercise control over the state administration.
Statement 1 is correct: The constitution under Article 355 has obligated the centre to Protect every state against external aggression and internal disturbance.
Statement 2 is incorrect: Under Article 356, the President Rule can be imposed in a State in case of failure of constitutional machinery in the state. However, in the S R Bommai case, Supreme court ruled that Article 356 cannot be invoked on the grounds that there are serious allegations of corruption against the state government and are performing their duties with mala fide intention.
Statement 3 is incorrect: The Second Commission on the Centre-State Relations i.e. the Punchhi Commission had recommended that there should be an effective mechanism to involve the states in the finalisation of the Term of Reference (ToR) of the Finance Commissions. However, there doesn't exist any constitutionally prescribed duty for the Centre in this regard.
व्याख्या:
भारत का संविधान केंद्र पर कुछ अधिरोपित करता है ताकि राज्य प्रशासन पर नियंत्रण रखा जा सके।
कथन 1 सही है: अनुच्छेद 355 के तहत संविधान ने बाह्य आक्रमण और आंतरिक अशांति से प्रत्येक राज्य की रक्षा करने के लिए केंद्र को बाध्य किया है।
कथन 2 गलत है: अनुच्छेद 356 के तहत, राज्य में संवैधानिक मशीनरी की विफलता के मामले में राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है। हालाँकि, एस.आर. बोम्मई मामले में, सर्वोच्च न्यायालय ने फैसला दिया कि अनुच्छेद 356 को इस आधार पर लागू नहीं किया जा सकता है कि राज्य सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं और वे गलत इरादे के साथ अपना कर्तव्य निभा रही हैं।
कथन 3 गलत है: केंद्र-राज्य संबंधों पर दूसरे आयोग अर्थात पुंछी आयोग ने सिफारिश की थी कि वित्त आयोगों के संदर्भ की अवधि (TOR) को अंतिम रूप देने में राज्यों को शामिल करने के लिए एक प्रभावी तंत्र होना चाहिए। हालांकि, इस संबंध में केंद्र के लिए संवैधानिक रूप से कोई कर्तव्य निर्धारित नहीं है।