Q. Which of the following measure(s) will not help in tackling the demand-pull inflation in the Indian economy?
Select the correct answer using the codes given below:
Q. निम्नलिखित में से कौन सा उपाय भारतीय अर्थव्यवस्था में मांग-जनित मुद्रास्फीति से निपटने में सहायता नहीं करेगा?
निम्नलिखित कूट का प्रयोग कर सही उत्तर का चयन कीजिए:
Explanation:
Demand-pull inflation occurs when aggregate demand in an economy outpaces aggregate supply. To tackle demand-pull inflation, liquidity should be reduced.
Point 1 is incorrect: Higher taxes would reduce the money with the public and as a result the demand for goods and services would be reduced. Hence, the introduction of the Agricultural Cess could be a method to combat demand-pull inflation.
Point 2 is correct: Printing extra money will increase the money in the economy and that means more money in the hands of people which will increase the demand-pull inflation.
Point 3 is correct: Introducing a new line of subsidies will form part of government expenditure to provide more money in the hands of people. Also, if the government undertakes deficit financing to achieve this, it increases the flow of money in the market and thereby increases inflation.
व्याख्या:
मांग-जनित मुद्रास्फीति में किसी अर्थव्यवस्था में कुल मांग कुल आपूर्ति से अधिक हो जाती है। मांग-जनित मुद्रास्फीति के समाधान हेतु तरलता को कम किया जाना चाहिए।
कथन 1 गलत है: उच्च करों से जनता के पास धन कम होगा तथा परिणामस्वरूप वस्तुओं और सेवाओं की मांग कम हो जाएगी। इसलिए, कृषि उपकर लगाना, मांग-जनित मुद्रास्फीति से निपटने का एक उपाय हो सकता है।
कथन 2 सही है: अतिरिक्त धन के मुद्रण से अर्थव्यवस्था में तरलता बढ़ेगी और इसका अर्थ है कि लोगों के हाथ में अधिक धन होगा जो मांग-जनित मुद्रास्फीति को बढ़ाएगा।
कथन 3 सही है: सब्सिडी के एक नए क्रम की शुरुआत लोगों के हाथों में अधिक पैसा उपलब्ध कराने के लिए सरकारी व्यय का हिस्सा होगा। साथ ही, यदि सरकार इसे प्राप्त करने के लिए घाटे का वित्तीयन (deficit financing) करती है, तो यह बाजार में धन के प्रवाह को बढ़ाती है और इस प्रकार मुद्रास्फीति बढ़ती है।