Q. With reference to development of sanskrit, consider the following statements :
Which of the above statements is/are correct?
Q. संस्कृत के विकास के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:
उपरोक्त कथनों में कौन सा/से सही है/हैं?
Explanation :
Statement 1 is incorrect : The foreign princes patronized and cultivated Sanskrit Literature. The earliest specimen of kavya style is found in Junagadh inscription of Rudradaman in Kathiawar in about AD 150. Mauryas had declined much earlier.
Statement 2 is correct : The rulers and princes were great patrons of Sanskrit language and scholars. The inscriptions are composed in chaste sanskrit emphasizing the importance given to the language. Royal patronage was given to writers such as Ashvaghosha. Even the avadanas which were written during the period show a Buddhist hybridized version of Sanskrit.
Statement 3 is incorrect : Ashvaghosha composed Saundarananda which is an example of Sanskrit kavya. He also wrote the treatise of Buddhacharita which is the biography of Lord Buddha.
व्याख्या:
कथन 1 गलत है:विदेशी राजकुमारों ने संस्कृत साहित्य का संरक्षण और संवर्धन किया।काव्य शैली का सर्वप्रथम साक्ष्य लगभग 150 ई. में काठियावाड़ में रुद्रदामन के जूनागढ़ अभिलेख में पाया जाता है।मौर्यों का पतन काफी पहले ही हो चुका था।
कथन 2 सही है: शासक और राजकुमार संस्कृत भाषा और विद्वानों के महान संरक्षक थे। संस्कृत में रचित अभिलेख इस भाषा को दिए गए महत्व पर बल देते हैं।अश्वघोष जैसे लेखकों को शाही संरक्षण प्रदान किया गया था।यहां तक उस अवधि के दौरान भी जब संस्कृत के बौद्ध मिश्रित संस्करण मिलते हैं।
कथन 3 गलत है: अश्वघोष ने सौन्दरानंद की रचना की जो संस्कृत काव्य का एक उदाहरण है।उन्होंने बुद्धचरित भी लिखा जो भगवान बुद्ध की जीवनी है।