The correct option is B
2 only
केवल 2
Explanation:
Statement 1 is incorrect: Recently launched Information Network for Animal Productivity and Health (INAPH) also christened as Pashu Aadhaar, is being developed by the NDDB (National Dairy Development Board). NDDB is set up by an act of Parliament.
Statement 2 is correct: Animals that get the Pashu Aadhaar under the initiative will be tagged with an ear tag that would display its own UID which is a 12-digit number. Aim is to provide PashuAadhar to 535 million animals (Cattle, buffalo, sheep, goat, and pig). If implemented successfully, INAPH will be the world's largest database of animals.
Note: This is in the news as INAPH will be used for the recently launched “National Animal Disease Control Programme”.
The Prime Minister launched the National Animal Disease Control Programme (NACDP) in september 2019 to control and finally eradicate the Foot & Mouth Disease (FMD) and Brucellosis amongst the livestock. The programme, which is a 12,652 Crore fully Central Government sponsored, aims to vaccinate over 600 million cattle in the country.
व्याख्या:
कथन 1 गलत है: हाल ही में लॉन्च किए गए "पशु उत्पादकता और स्वास्थ्य के लिए सूचना नेटवर्क को पशू आधार के रूप में भी नामांकित किया गया है, इसे राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) द्वारा विकसित किया जा रहा है। एनडीडीबी, संसद के एक अधिनियम द्वारा स्थापित किया गया है।
कथन 2 सही है: इस पहल के तहत पशु आधार प्राप्त करने वाले पशु को एक 'कान टैग" दिया जाएगा जो कि 12-अंकीय संख्या वाला यूआईडी होगा।
इसका उद्देश्य 535 मिलियन पशुओं (मवेशी, भैंस, भेड़, बकरी और सुअर) को पशु आधार प्रदान करना है। यदि इसे सफलतापूर्वक लागू किया जाता है, तो INAPH विश्व स्तर पर जानवरों का सबसे बड़ा डेटाबेस होगा।
नोट: यह चर्चा में रहा है क्योंकि INAPH का उपयोग हाल ही में लॉन्च किए गए "राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम" के लिए किया जाएगा।
प्रधान मंत्री ने सितंबर 2019 में राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम (एनएसीडीपी) की शुरूआत की, ताकि पशुओं से फुट एंड माउथ डिजीज (एफएमडी) और ब्रुसेलोसिस को समाप्त किया जा सके एवं इस पर प्रभावी नियंत्रण स्थापित हो सके।
इस कार्यक्रम की लागत 12,652 करोड़ रूपए है और पूरी तरह से केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित है, इसका लक्ष्य देश में 600 मिलियन से अधिक मवेशियों का टीकाकरण करना है।