Q. With reference to Jainism and Buddhism, which of the following idea/s are common to both?
Select the correct answer using the code given below:
Q. जैन धर्म और बौद्ध धर्म के संदर्भ में, निम्नलिखित विचारों में से कौन सा/से दोनों में समान हैं?
निम्नलिखित कूट का प्रयोग कर सही उत्तर का चयन कीजिए:
Explanation:
In the sixth and fifth centuries, northern India underwent a remarkable intellectual awakening of heterodox thinkers. Gosala, Gautama Buddha, Mahavira, Ajita Kesakambalin, and other thinkers renounced the world and wandered across the Gangetic plains, contemplating and reflecting on the social and cultural scenario of their times. During this time, Jain and Buddhist philosophy by Mahavira and Buddha came into prominence.
Jainism and Buddhism are alike in many aspects and have common features.
Statement 1 is correct: Both religions revolted against the prevalent varna system. Both were indifferent to the authority of the Vedas and denied the efficacy of rituals. Both believed in atheism, non violence, abstinence from killing, stealing, lying and ownership of property.
Statement 2 is correct: Both the Mahavira and the Buddha felt that only those who left their homes could gain true knowledge. They arranged for them to stay together in the sangha, an association of those who left their homes.
Even though they believed in similar ideas, the path chosen to attain them was different.
Statement 3 is incorrect: The Buddha emphasized individual agency and righteous action as the means to escape from the cycle of rebirth and attain self-realization and nibbana, literally the extinguishing of the ego and desire, and thus end the cycle of suffering for those who renounced the world. Whereas according to Jain teachings, the cycle of birth and rebirth is shaped through karma. Asceticism and penance are required to free oneself from the cycle of karma.
व्याख्या:
छठी और पांचवीं शताब्दी में, उत्तर भारत में भिन्न मत वाले विचारकों का उल्लेखनीय बौद्धिक जागरण हुआ। गोशाला, गौतम बुद्ध, महावीर, अजित केशकम्बलिन और अन्य विचारकों ने दुनिया का त्याग किया और अपने समय के सामाजिक एवं सांस्कृतिक परिदृश्य पर चिंतन करते हुए गंगा के मैदानों में घूमते रहे। इस समय के दौरान, महावीर और बुद्ध के साथ क्रमशः जैन और बौद्ध दर्शन का उदय हुआ।
जैन धर्म और बौद्ध धर्म कई पहलुओं में एक जैसे हैं और दोनों में कुछ विशेषताएं समान हैं।
कथन 1 सही है: दोनों धर्मों ने प्रचलित वर्ण व्यवस्था का विरोध किया। दोनों धर्म वेदों के अधिकार के प्रति उदासीन थे और अनुष्ठानों की प्रभावशीलता को अस्वीकृत करते थे। दोनों धर्म नास्तिकता, अहिंसा, हत्या, चोरी, झूठ और संपत्ति के स्वामित्व से परहेज में विश्वास करते थे।
कथन 2 सही है: महावीर और बुद्ध दोनों ने महसूस किया कि केवल अपने घरों का त्याग करने वाले लोग ही सच्चा ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने उनके लिए संघ (अपने घरों को त्यागने वाले लोगों की एक मंडली) में एक साथ रहने की व्यवस्था की।
यद्यपि वे समान विचारों में विश्वास करते थे, लेकिन उन्हें प्राप्त करने के लिए चुना गया मार्ग अलग था।
कथन 3 गलत है: बुद्ध ने पुनर्जन्म के चक्र से बचने और आत्मबोध तथा मुक्ति (वस्तुतः अहंकार और इच्छा का शमन) प्राप्त करने के साधन के रूप में व्यक्तिगत अभिकर्तृत्व और धार्मिक कार्रवाई पर जोर दिया और इस प्रकार संसार का त्याग करने वाले लोगों के लिए दुख के चक्र को समाप्त करने का मार्ग प्रशस्त किया। जबकि जैन शिक्षाओं के अनुसार, जन्म और पुनर्जन्म का चक्र कर्म से निर्धारित होता है। कर्म के चक्र से मुक्त होने के लिए वैराग्य और तप की आवश्यकता होती है।