The correct option is
C
2 and 3 only
केवल 2 और 3
Explanation: National Commission for Minority Educational Institutions (NCMEI) Act defines Minority Educational Institution as a college or an educational institution established and administered by a minority or minorities. But the Indian Constitution does not define the term minority. As per Government notification, there are six notified religious minority communities- Sikh, Muslim, Parsi, Jain, Christian and Buddhist. Till today the Indian Government has not notified any linguistic minority in the country.
Statement 1 is incorrect: Article 30 (1) of the Indian Constitution says that linguistic and religious minorities can establish and administer educational institutions of their choice. But there are some eligibility criteria:
- These institutions are established and administered by minority communities.
- If the institution is administered by a trust, then the majority members must be from minority communities.
- These institutions should be established for the benefit of minority communities.
Therefore, MEI can’t be established by the majority community, as the majority of the members must be from minority communities.
Statement 2 is correct: In 2002 Madras High Court said that minority status cannot be conferred on a minority educational institution for a particular period to be renewed periodically like a driving license. So, once conferred with the status of minority educational institution, there is no need for its renewal periodically.
Statement 3 is correct: It has been held by the Supreme Court in Case of P. A. Inamdar Vs. State of Maharashtra [2006 (6) SCC 537] that the policy of reservation in admission and employment cannot be made applicable to a minority institution. MEI covered under Article 30 (1) of the Constitution including a Madarsa is also exempted from the purview of the Right of Children to Free and Compulsory Education Act.
व्याख्या: राष्ट्रीय अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थान आयोग (NCMEI) अधिनियम, अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थान को एक अल्पसंख्यक व्यक्ति या अल्पसंख्यक व्यक्तियों के समूह द्वारा स्थापित और प्रशासित एक महाविद्यालय या एक कॉलेज या एक शैक्षणिक संस्थान के रूप में परिभाषित करता है। लेकिन भारतीय संविधान अल्पसंख्यक शब्द को परिभाषित नहीं करता है। सरकारी अधिसूचना के अनुसार, 6 अधिसूचित धार्मिक अल्पसंख्यक समुदाय इस प्रकार हैं- सिख, मुस्लिम, पारसी, जैन, ईसाई और बौद्ध। अभी तक भारत सरकार ने देश में किसी भी भाषायी अल्पसंख्यक को अधिसूचित नहीं किया है।
कथन 1 गलत है: भारतीय संविधान के अनुच्छेद 30 (1) के अनुसार, भाषायी और धार्मिक अल्पसंख्यक अपनी पसंद के शैक्षणिक संस्थानों की स्थापना और प्रशासन कर सकते हैं। लेकिन इसके लिए कुछ पात्रता मानदंड निर्धारित किए गए हैं:
- ये संस्थान अल्पसंख्यक समुदायों द्वारा स्थापित और प्रशासित होने चाहिए।
- यदि संस्था को एक न्यास (ट्रस्ट) द्वारा प्रशासित किया जाता है, तो बहुमत सदस्यों (majority members) को अल्पसंख्यक समुदायों से होना चाहिए।
- अल्पसंख्यक समुदायों के लाभ के लिए इन संस्थानों की स्थापना की जानी चाहिए।
- इसलिए, अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थानों की स्थापना बहुसंख्यक समुदाय द्वारा नहीं की जा सकती है, क्योंकि इसके अधिकांश सदस्य अल्पसंख्यक समुदायों से होने चाहिए।
कथन 2 सही है: 2002 में मद्रास उच्च न्यायालय ने कहा कि एक अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्था को विशेष अवधि के लिए एक ड्राइविंग लाइसेंस की तरह समय समय पर नए सिरे से अल्पसंख्यक दर्जा प्रदान नहीं किया जा सकता है। इसलिए, एक बार अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थान का दर्जा दिए जाने के बाद, समय-समय पर इसके नवीनीकरण की आवश्यकता नहीं होती है।
कथन 3 सही है: पी. ए. इनामदार बनाम महाराष्ट्र राज्य [2006 (6) SCC 537] के मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि प्रवेश और रोजगार में आरक्षण की नीति अल्पसंख्यक संस्थान पर लागू नहीं की जा सकती। मदरसा सहित संविधान के अनुच्छेद 30 (1) के तहत शामिल अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थानों को बच्चों के लिए निःशुल्क और अनिवार्य शिक्षा अधिकार अधिनियम के दायरे से भी छूट दी गई है।