Q. With reference to Off-budget borrowings, consider the following statements:
Which of the statements given above is/are correct?
Q. बजटेतर ऋण (Off-budget borrowings) के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
उपर्युक्त कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?
Explanation: Off-Budget borrowings are those financial liabilities that are incurred by Public Sector Undertakings (PSUs) for which repayment of the entire principal and interest is done from the Government budget. In recent years, several Central PSUs have raised resources from the market by issuing the Government of India-Fully Serviced Bonds (GoIFSB) for which the repayment of both principal and interest is to be done from the Budget.
Statement 1 is correct: In the past, Schemes like the Pradhan Mantri Krishi Sinchayee Yojana, Deen Dayal Upadhayay Gram Jyoti Yojana, Swachh Bharat Mission, etc. were financed out of off-budget borrowings.
Statement 2 is incorrect: Off-budget borrowings can occur in both revenue as well as in capital expenditure. Food subsidy bills/arrears of Food Corporation of India through borrowings is an example of Revenue Expenditure. Indian Railway Finance Corporation borrowing for railway projects is an example of Capital Expenditure.
Statement 3 is correct: As these borrowings are made by state-owned firms, they are not part of the official budget calculations. Hence, they are excluded from the fiscal deficit calculations though it does add to the total debt of the government. The Comptroller and Auditor General has recommended the disclosure of such off-budget borrowings to enable correct estimation of the economy.
व्याख्या:
व्याख्या: बजटेतर ऋण वैसी वित्तीय देनदारियाँ हैं जो सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) द्वारा व्यय किए जाते हैं और इसके संपूर्ण मूलधन तथा ब्याज का पुनर्भुगतान सरकारी बजट से किया जाता है। हाल के वर्षों में, कई केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों ने भारत सरकार द्वारा पूरी तरह से सेवित बांड (GoIFSB) जारी करके बाजार से संसाधन जुटाए हैं, जिसके लिए मूलधन और ब्याज दोनों का पुनर्भुगतान बजट से किया जाना है।
कथन 1 सही है: अतीत में, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना, स्वच्छ भारत मिशन आदि योजनाओं को बजटेतर ऋण से वित्तपोषित किया गया था।
कथन 2 गलत है: बजटेतर ऋण का उपयोग राजस्व के साथ-साथ पूंजीगत व्यय में भी किया जा सकता है। ऋण के माध्यम से भारतीय खाद्य निगम के खाद्य सब्सिडी बिल/बकाया का भुगतान राजस्व व्यय का एक उदाहरण है। भारतीय रेलवे वित्त निगम द्वारा रेलवे परियोजनाओं के लिए ऋण लेना पूंजीगत व्यय का एक उदाहरण है।
कथन 3 सही है: चूँकि ये ऋण राज्य के स्वामित्व वाली फर्मों द्वारा लिए जाते हैं, इसलिए वे आधिकारिक बजट गणना का हिस्सा नहीं हैं। इसलिए उन्हें राजकोषीय घाटे की गणना से बाहर रखा जाता है, फिर भी यह सरकार के कुल ऋण में शामिल है। नियंत्रक और महालेखा परीक्षक ने अर्थव्यवस्था के सही अनुमान को सक्षम करने के लिए ऐसे बजटेतर ऋण के प्रकटन की सिफारिश की है।