The correct option is A
1 and 3 only
केवल 1 और 3
Explanation:
Statement 1 is incorrect: All the states having scheduled tribes do not have the scheduled areas. For example-Tamil nadu have scheduled tribes like Toda, Malayali, Kurumbas, Kanikaran, but do not have any designated scheduled areas. Till 2016, only ten states have scheduled areas under fifth scheduled. These are-Andhra Pradesh, Telangana, Chhattisgarh, Gujarat, Himachal Pradesh, Jharkhand, Madhya pradesh, Maharashtra, Odisha and Rajasthan.
Statement 2 is correct: The fifth schedule of the constitution deals with the administration and control of scheduled areas and scheduled tribes in any state except the four states of Assam, Meghalaya, Tripura, and Mizoram. The sixth Schedule of the constitution, on the other hand, deals with the administration of the tribal areas in the four northeastern states of Assam, Meghalaya,Tripura and Mizoram.
Statement 3 is incorrect: The president, not the Parliament is empowered to declare an area to be a scheduled area. He can also increase or decrease its area, alter its boundary lines, rescind such designation or make fresh orders for such redesignation on an area in consultation with the governor of the state concerned.
व्याख्या:
कथन 1 गलत है: अनुसूचित जनजाति वाले सभी राज्यों में अनुसूचित क्षेत्र नहीं हैं।उदाहरण के लिए-तमिलनाडु में टोडा, मलयाली, कुरुम्बा, कणिकरण जैसी जनजातियाँ हैं, लेकिन यहाँ कोई निर्दिष्ट अनुसूचित क्षेत्र नहीं है।2016 तक, केवल दस राज्यों में पाँचवीं अनुसूची के अंतर्गत अनुसूचित क्षेत्र हैं।ये हैं-आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, छत्तीसगढ़, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा और राजस्थान।
कथन 2 सही है: संविधान की पांचवीं अनुसूची असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम को छोड़कर किसी भी राज्य में अनुसूचित क्षेत्रों और अनुसूचित जनजातियों के प्रशासन और नियंत्रण से संबंधित है।दूसरी ओर, संविधान की छठी अनुसूची, चार पूर्वोत्तर राज्यों असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम में जनजातीय क्षेत्रों के प्रशासन से संबंधित है।
कथन 3 गलत है: राष्ट्रपति को किसी क्षेत्र को अनुसूचित क्षेत्र घोषित करने का अधिकार है।वह इसके क्षेत्र को बढ़ा या घटा सकता है, इसकी सीमा रेखाओं में फेरबदल कर सकता है, रद्द कर सकता है या संबंधित राज्य के राज्यपाल से परामर्श कर ऐसे क्षेत्र को बहाल करने के लिए नए आदेश जारी कर सकता है।