The correct option is C
2 and 3 only
केवल 2 और 3
Explanation:
Science and Mathematics were highly developed during the ancient period in India. Ancient Indians contributed immensely to the knowledge of Mathematics as well as various branches of Science.
Statement 1 is incorrect: Bhaskaracharya was the leading light of the 12th century. He was born in Bijapur, Karnataka. He is famous for his book, Siddhanta Shiromani. It is divided into four sections: Lilavati (Arithmetic), Beejaganit (Algebra), Goladhyaya (Sphere) and Grahaganit (mathematics of planets). Bhaskara introduced the Chakrawat Method or the Cyclic Method to solve algebraic equations. This method was rediscovered six centuries later by European mathematicians, who called it the inverse cycle. In the nineteenth century, an Englishman, James Taylor, translated Lilavati and made this great work known to the world.
Statement 2 is correct: Nagarjuna was a tenth-century scientist. He wrote Rasaratnakara. The main aim of his experiments was to transform base elements into gold, like the alchemists in the western world. Even though he was not successful in his goal, he succeeded in making an element with a gold-like shine. Till date, this technology is used in making imitation jewellery. In his treatise, Rasaratnakara, he discusses methods for the extraction of metals like gold, silver, tin and copper.
Statement 3 is correct: Varahamihira wrote Brihat Samhita. He was another well-known scientist of the ancient period in India. He lived in the Gupta period. Varahamihira made great contributions in the fields of hydrology, geology and ecology. He was one of the first scientists to claim that termites and plants could be the indicators of the presence of underground water. Another theory, which has attracted the world of science is the earthquake cloud theory given by Varahmihira in his Brihat Samhita. The thirty second chapter of this samhita is devoted to signs of earthquakes. He has tried to relate earthquakes to the influence of planets, undersea activities, underground water, unusual cloud formation and abnormal behaviour of animals.
Statement 4 is incorrect: Jain Guru Mahaviracharya wrote Ganit Sara Sangraha in 850 A.D., which is the first textbook on arithmetic in present day form. The current method of solving Least Common Multiple (LCM) of given numbers was also described by him. Thus, long before John Napier introduced it to the world, it was already known to Indians.
व्याख्या:
भारत में प्राचीन काल में विज्ञान और गणित का अत्यधिक विकास हुआ था।प्राचीन भारतीयों ने गणित के ज्ञान के साथ-साथ विज्ञान की विभिन्न शाखाओं के विकास में योगदान दिया।
युग्म 1 सुमेलित नहीं है: भास्कराचार्य 12वीं शताब्दी के समय में अपने युग से अग्रणी थे। उनका जन्म कर्नाटक के बीजापुर में हुआ था। वह अपनी पुस्तक सिद्धांत शिरोमणि के लिए जाने जाते हैं। इस पुस्तक को चार खंडों में विभाजित किया गया है: लीलावती (अंकगणित), बीजगणित (अलजेब्रा), गोलाध्याय (गोला ) और ग्रहगणित (ग्रहों का गणित)। भास्कर ने बीजगणित के समीकरणों को हल करने हेतु चक्रावत विधि या चक्रीय विधि की शुरुआत की। इस पद्धति को छह सदियों बाद यूरोपीय गणितज्ञों द्वारा फिर से खोजा गया, जिन्होंने इसे `इनवर्स साइक्लिक' कहा। उन्नीसवीं सदी में एक अंग्रेज जेम्स टेलर ने लीलावती का अनुवाद किया और इस महान कृति से दुनिया को अवगत कराया।
युग्म 2 सुमेलित है: नागार्जुन 10वीं शताब्दी के वैज्ञानिक थे, जिन्होंने रसरत्नाकर की रचना की। उनके प्रयोगों का मुख्य उद्देश्य पश्चिमी दुनिया के रसायनज्ञों की तरह आधार धातुओं को सोने में बदलना था। भले ही वह अपने लक्ष्य में सफल नहीं हुए, लेकिन वह सोने जैसी चमकदार धातु बनाने में सफल रहे। आज तक, इस तकनीक का उपयोग नकली आभूषण बनाने में किया जाता है। अपने ग्रंथ रसरत्नाकर में, उन्होंने सोना, चांदी, टिन और तांबे जैसी धातुओं के निष्कर्षण के तरीकों के संबंध चर्चा की है।
युग्म 3 सुमेलित है: वराहमिहिर ने बृहत संहिता लिखी। वह भारत में प्राचीन काल के प्रसिद्ध वैज्ञानिक थे। वह गुप्त काल में निवास करते थे। वराहमिहिर ने जल विज्ञान, भूविज्ञान और पारिस्थितिकी के क्षेत्र में महान योगदान दिया है। वह उन पहले वैज्ञानिकों में से एक थे जिन्होंने दावा किया था कि दीमक और पौधे, भूमिगत जल की उपस्थिति के संकेतक हो सकते हैं। एक अन्य सिद्धांत, जिसने विज्ञान की दुनिया को आकर्षित किया है, वह है वराहमिहिर द्वारा अपनी बृहत संहिता में दिया गया भूकंप मेघ सिद्धांत। इस संहिता का बत्तीसवां अध्याय भूकंप के संकेतों को समर्पित है। उन्होंने भूकंपों को ग्रहों के प्रभाव, समुद्र के नीचे की गतिविधियों, भूमिगत जल, असामान्य बादल निर्माण और जानवरों के असाधारण व्यवहार से जोड़ने का प्रयास किया है।
युग्म 4 सुमेलित नहीं है: जैन गुरु महावीराचार्य ने 850 ईस्वी में गणित सार संग्रह लिखा, जो वर्तमान समय में अंकगणित पर पहली पाठ्यपुस्तक है। उनके द्वारा लघुतम समापवर्तय (LCM) को ज्ञात करने की वर्तमान विधि का भी वर्णन किया गया था। अर्थात्, जॉन नेपियर द्वारा इसे दुनिया के सामने प्रस्तुत करने के, बहुत पहले से भारतीयों को यह पता था।