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Question

Q. With reference to the amendment of the Indian constitution, consider the following statements:

Which of the above statements are incorrect?

Q. भारतीय संविधान के संशोधन के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:

उपर्युक्त कथनों में से कौन से गलत हैं?


A

1 and 2 only
केवल 1 और 2
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B

2 only
केवल 2
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C

1, 3 and 4 only
केवल 1, 3, और 4
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D

1, 2, 3 and 4
1, 2, 3 और 4
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Solution

The correct option is B
2 only
केवल 2

Explanation:

Statement 1 is correct: In the Kesavananda Bharathi case, the Supreme court held that the Parliament under Article 368 can amend any part of the Constitution including the Fundamental Rights but without affecting the ‘basic structure’ of the Constitution. However, the Supreme Court is yet to define or clarify as to what constitutes the ‘basic structure’ of the Constitution. From the various judgements, the following have emerged as ‘basic features’ of the Constitution or elements/components/ingredients of the ‘basic structure’ of the constitution:

  1. Supremacy of the Constitution.
  2. Sovereign, democratic and republican nature of the Indian polity.
  3. Secular character of the Constitution.
  4. Separation of powers between the legislature, the executive and the judiciary.
  1. Federal character of the Constitution.
  2. Unity and integrity of the nation.
  3. Welfare state (socio-economic justice).
  4. Judicial review, etc.

Statement 2 is incorrect: The British system is based on the doctrine of the sovereignty of Parliament. It means if a law passed by the British parliament cannot be declared as null and void or unconstitutional by the court.

In the case of India, the Supreme Court can declare the parliamentary laws as unconstitutional through its power of judicial review. Because in India Parliament is not supreme in India and enjoys limited and restricted powers due to a written Constitution, the federal system, judicial review and fundamental rights.

Statement 3 is correct: Those provisions of the Constitution which are related to the federal structure of the polity can be amended by a special majority of the Parliament and also with the consent of half of the state legislatures by a simple majority.

The following provisions can be amended in this way:

  1. Election of the President and its manner.
  2. Extent of the executive power of the Union and the states.
  3. Supreme Court and high courts.
  4. Distribution of legislative powers between the Union and the states.
  5. Any of the lists in the Seventh Schedule.
  6. Representation of states in Parliament.
  7. Power of Parliament to amend the Constitution and its procedure (Article 368 itself).

Statement 4 is correct: Article 13 declares that a constitutional amendment is not a law and hence cannot be challenged. However, the Supreme Court held in the Kesavananda Bharati case (1973) that a Constitutional amendment can be challenged on the ground that it violates a fundamental right that forms a part of the ‘basic structure’ of the Constitution and hence, can be declared as void.

व्याख्या:

कथन 1 सही है: केशवानंद भारती मामले में, सर्वोच्च न्यायालय ने कहा था कि अनुच्छेद 368 के तहत संसद मौलिक अधिकारों सहित संविधान के किसी भी भाग में संशोधन कर सकती है, लेकिन इस क्रम में संविधान की 'आधारभूत संरचना’ प्रभावित नहीं होनी चाहिए। हालाँकि, सर्वोच्च न्यायालय ने अभी भी यह परिभाषित या स्पष्ट नहीं किया है कि संविधान की ’आधारभूत संरचना’ क्या है। विभिन्न निर्णयों से, निम्नलिखित बिंदु संविधान की ’मूल विशेषताओं’ या संविधान की 'आधारभूत संरचना’ के तत्वों/घटकों/अवयवों के रूप में सामने आए हैं:

  1. संविधान की सर्वोच्चता।
  2. भारतीय राजव्यवस्था का संप्रभु, लोकतांत्रिक और गणतंत्रात्मक स्वरूप।
  3. संविधान का धर्मनिरपेक्ष चरित्र।
  4. विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच शक्तियों का पृथक्करण।
  5. संविधान का संघीय चरित्र।
  6. राष्ट्र की एकता और अखंडता।
  7. कल्याणकारी राज्य (सामाजिक-आर्थिक न्याय)।
  8. न्यायिक समीक्षा, आदि।

कथन 2 गलत है: ब्रिटिश प्रणाली संसद की संप्रभुता के सिद्धांत पर आधारित है। इसका अर्थ है कि ब्रिटिश संसद द्वारा पारित कानून को अदालत द्वारा अमान्य या असंवैधानिक घोषित नहीं किया जा सकता है।

भारत के मामले में, सर्वोच्च न्यायालय अपनी न्यायिक समीक्षा की शक्ति के माध्यम से संसदीय कानूनों को असंवैधानिक घोषित कर सकता है। क्योंकि भारत में संसद सर्वोच्च निकाय नहीं है तथा एक लिखित संविधान, संघीय व्यवस्था, न्यायिक समीक्षा और मौलिक अधिकारों के कारण संसद के पास सीमित और प्रतिबंधित शक्तियाँ हैं।

कथन 3 सही है: संविधान के वे प्रावधान जो राजव्यवस्था के संघीय ढांचे से संबंधित हैं, संसद के विशेष बहुमत द्वारा और कम से कम आधे राज्य विधानसभाओं की सहमति के साथ साधारण बहुमत से संशोधित किए जा सकते हैं।

निम्नलिखित प्रावधानों में उपर्युक्त विधियों के जरिए संशोधन किया जा सकता है:

  1. राष्ट्रपति का चुनाव और उसका तरीका।
  2. संघ और राज्यों की कार्यकारी शक्ति का विस्तार।
  3. सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय।
  4. संघ और राज्यों के बीच विधायी शक्तियों का वितरण।
  5. सातवीं अनुसूची में कोई भी सूची।
  6. संसद में राज्यों का प्रतिनिधित्व।
  7. संविधान और उसकी प्रक्रिया में संशोधन के लिए संसद की शक्ति (स्वयं अनुच्छेद 368)।

कथन 4 सही है: अनुच्छेद 13 के अनुसार संविधान संशोधन एक कानून नहीं है और इसलिए इसे चुनौती नहीं दी जा सकती है। हालाँकि, केशवानंद भारती मामले (1973) में सर्वोच्च न्यायालय ने कहा है कि यदि एक संवैधानिक संशोधन से मौलिक अधिकारों का उल्लंघन होता है, जो कि संविधान के 'आधारभूत संरचना' का एक भाग है, तो इसे चुनौती दी जा सकती है और इसलिए, इसे अमान्य घोषित किया जा सकता है।


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