Q. With reference to the Appellate Body of the World Trade Organization (WTO), which one of the following statements is correct?
Q. विश्व व्यापार संगठन (WTO) की अपीलीय संस्था के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों में से कौन सा सही है?
Explanation:
Option (a) is incorrect: The DSB (Dispute Settlement Body) must adopt, and the parties must unconditionally accept, the Appellate Body report unless the DSB decides by consensus not to adopt the Appellate Body report within 30 days following its circulation to Members. Hence, the DSB has the power to reject a report of the Appellate Body.
Option (b) is incorrect: There are three main stages to the WTO dispute settlement process: (i) consultations between the parties; (ii) adjudication by panels and, if applicable, by the Appellate Body; and (iii) the implementation of the ruling, which includes the possibility of countermeasures in the event of failure by the losing party to implement the ruling. Hence, the Appellate Body of the World Trade Organization (WTO) is not the first stage in the dispute settlement process.
Option (c) is correct: The Dispute Settlement Body (DSB) can authorize the suspension of concessions in the event of non-compliance with its recommendations and rulings. If within a stipulated time period, the parties have not agreed to a suitable compensation, the complainant may ask the DSB for permission to impose trade sanctions against the respondent that has failed to implement. Technically, this is called “suspending concessions or other obligations under the covered agreements''. This request is authorised by the DSB. Hence, the Appellate Body has no power to impose sanctions on the member country in case it fails to comply with its rulings.
Option (d) is incorrect: To adjudicate upon disputes, a minimum quorum of 3 members is required.
व्याख्या:
विकल्प (a) गलत है: DSB (विवाद निपटान निकाय) को अपनाया जाना अनिवार्य है और और पक्षों को अपीलीय निकाय रिपोर्ट को बिना शर्त स्वीकार करना चाहिए, जब तक कि DSB सर्वसम्मति से अपीलीय निकाय की रिपोर्ट को सदस्यों को भेजे जाने के 30 दिनों के भीतर न अपनाने संबंधी कोई निर्णय नहीं लेती है। अतः, DSB के पास अपीलीय निकाय की रिपोर्ट को अस्वीकार करने की शक्ति है।
विकल्प (b) गलत है: WTO विवाद निपटान प्रक्रिया के तीन मुख्य चरण हैं: (i) पक्षों के बीच परामर्श द्वारा (ii) पैनल द्वारा निर्णय और, यदि लागू हो, अपीलीय निकाय द्वारा (iii) नियमों के कार्यान्वयन द्वारा, जिसमें हारी हुई पार्टी द्वारा नियमों को लागू करने के प्रति विफलता की स्थिति में प्रतिवाद की संभावना शामिल है। अतः, विश्व व्यापार संगठन (WTO) की अपीलीय संस्था विवाद निपटान प्रक्रिया में पहला चरण नहीं है।
विकल्प (c) सही है: विवाद निपटान निकाय (DSB) अपनी सिफारिशों और नियमों के गैर-अनुपालन की स्थिति में रियायतों के निलंबन को अधिकृत कर सकता है। यदि निर्धारित समय अवधि के भीतर, पक्ष एक उपयुक्त मुआवजे के लिए सहमत नहीं होते हैं, तो शिकायतकर्ता DSB से उस प्रतिवादी के खिलाफ व्यापार प्रतिबंध लगाने की अनुमति मांग सकता है जो नियमों को लागू करने में विफल रहा है। तकनीकी रूप से, इसे "शामिल किए गए समझौतों के तहत रियायतें या अन्य दायित्वों को निलंबित करना" कहा जाता है। ऐसा अनुरोध DSB द्वारा अधिकृत किया जाता है। इसलिए, नियमों के अनुपालन में विफल रहने पर अपीलीय निकाय के पास सदस्य देश पर प्रतिबंध लगाने की कोई शक्ति नहीं होती है।
विकल्प (d) गलत है: विवादों पर निर्णय करने के लिए, न्यूनतम 3 सदस्यों की गणपूर्ति आवश्यक होती है।