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Question

Q. With reference to the Committees on Panchayati Raj Institutions (PRIs), consider the following Statements:

1. Balwant Rai Mehta Committee proposed three tier Panchayati Raj system.
2. Gadgil Committee recommended direct elections for the members of Panchayats at all three levels.
3. The Ashok Mehta Committee recommended for constitutional recognition of PRIs.
4. GVK Rao Committee recommended a regular Social Audit for monitoring the utilisation of funds at local level.
Which of the above given statements is/are correct?

Q. पंचायती राज संस्थाओं (पीआरआई) पर समितियों के संदर्भ में, निम्नलिखित विवरणों पर विचार कीजिए:

1. बलवंत राय मेहता समिति ने तीन स्तरीय पंचायती राज व्यवस्था का प्रस्ताव रखा।
2. गाडगिल समिति ने सभी तीन स्तरों पर पंचायतों के सदस्यों के लिए प्रत्यक्ष चुनावों की सिफारिश की।
3. अशोक मेहता समिति ने पीआरआई की संवैधानिक मान्यता की सिफारिश की।
4. जी.वी.के. राव समिति ने स्थानीय स्तर पर धन के उपयोग की निगरानी के लिए एक नियमित सामाजिक लेखा परीक्षा की सिफारिश की।

उपर्युक्त कथनों में से कौन से सही हैं?

A

1 and 2 only
केवल 1 और 2
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B

1, 3 and 4 only
केवल 1, 3 और 4
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C

3 and 4 only
केवल 3 और 4
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D

1, 2 and 3 only
केवल 1, 2 और 3
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Solution

The correct option is A
1 and 2 only
केवल 1 और 2

Explanation:

Statement 1 is correct:
The Balwant Rai Mehta committee was set up in the year 1957 to examine Community Development Programme and National Extension Service recommended scheme of Democratic decentralisation. The committee recommended the establishment of a three tier Panchayati Raj system: gram panchayat at the village level, Panchayat Samiti at block level, and Zilla Parishad at district level. These three should be organically linked through a device of indirect elections.

Statement 2 is correct: The committee on policy and programs under the chairmanship of V. N Gadgil was constituted in 1988 to consider the question of making Panchayati Raj institution effective. The committee in one of its recommendations proposed that the members of panchayats at all the three levels should be directly elected.

Statement 3 is incorrect: The LM Singhvi committee, and not the Ashok Mehta committee recommended for constitutional recognition, protection, and preservation of PRIs. It was constituted in 1986 to prepare a concept paper on revitalisation of Panchayati Raj Institutions for democracy and development.

Statement 4 is incorrect: The Ashok Mehta committee set up in the year 1977 on Panchayati Raj institutions submitted the report in which it advocated the appointment of a Minister of Panchayati Raj in state Council of Ministers to look after the affairs of Panchayati Raj Institutions.

व्याख्या:
कथन 1 सही है:
बलवंत राय मेहता समिति की स्थापना वर्ष 1957 में सामुदायिक विकास कार्यक्रम और राष्ट्रीय विस्तार सेवा की सिफारिश करने के लिए की गई थी जो लोकतांत्रिक विकेंद्रीकरण की योजना थी। समिति ने तीन स्तरीय पंचायती राज व्यवस्था की स्थापना की सिफारिश की: ग्राम स्तर पर ग्राम पंचायत, ब्लॉक स्तर पर पंचायत समिति और जिला स्तर पर जिला परिषद। इन तीनों को अप्रत्यक्ष चुनाव तंत्र के माध्यम से व्यवस्थित रूप से जोड़ा जाना चाहिए।

कथन 2 सही है: पंचायती राज संस्था को प्रभावी बनाने के प्रश्न पर विचार करने के लिए 1988 में वी. एन. गडगिल की अध्यक्षता में नीति और कार्यक्रमों पर समिति का गठन किया गया था। समिति ने अपनी एक सिफारिश में प्रस्ताव दिया कि तीनों स्तरों पर पंचायतों के सदस्यों को प्रत्यक्ष रूप से चुना जाना चाहिए।

कथन 3 गलत है: एलएम सिंघवी समिति, न कि अशोक मेहता समिति ने पीआरआई को संवैधानिक मान्यता, सुरक्षा और संरक्षण के लिए सिफारिश की। यह 1986 में लोकतंत्र और विकास के लिए पंचायती राज संस्थानों के पुनरोद्धार पर एक अवधारणा पत्र तैयार करने के लिए गठित की गयी थी।

कथन 4 गलत है: पंचायती राज संस्थाओं पर वर्ष 1977 में गठित अशोक मेहता समिति ने रिपोर्ट पेश की जिसमें उसने पंचायती राज संस्थाओं के मामलों की देखभाल के लिए राज्य मंत्रिपरिषद में पंचायती राज मंत्री की नियुक्ति की वकालत की।

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Q.

Q32. Consider the following statements regarding three-tier panchayati raj system:

1. The Panchayat Samiti is the executive body while the Zila Parishad is advisory, coordinating and supervisory body.

2. The three-tier panchayati raj system was recommended by the Ashok Mehta Committee.

3. Balwant Rai Mehta Committee had recommended that the three-tier system of panchayati raj should be replaced by the two-tier system.

Which of the above statement(s) is/are correct?

त्रिस्तरीय पंचायती राज प्रणाली के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:

1. पंचायत समिति कार्यकारी निकाय है जबकि जिला परिषद सलाहकार, समन्वयकारी और पर्यवेक्षी निकाय है।

2. अशोक मेहता समिति द्वारा त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था की सिफारिश की गई।

3. बलवंत राय मेहता समिति ने सिफारिश की थी कि पंचायती राज की त्रिस्तरीय प्रणाली को दो-स्तरीय प्रणाली द्वारा प्रतिस्थापित किया जाना चाहिए।

उपरोक्त में से कौन सा/से कथन सत्य है/हैं?


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