The correct option is
D
1, 2 and 3
1, 2 और 3
Explanation:
The Battle of Plassey was fought between the East India Company led by Robert Clive and the Nawab of Bengal, Siraj-ud-Daulah in 1757.
Statement 1 is correct: The East India Company was granted the undisputed right to free trade in Bengal, Bihar and Orissa by Mir Jafar. The Company also received the zamindari of 24-Parganas near Calcutta.
Statement 2 is correct: Prior to 1757, the English trade in Bengal was largely financed through import of bullion from England, but after Plassey, Bengal became a major hub for bullion export, stopping the import of bullion from England.
Statement 3 is correct: The sovereignty of the Company over Calcutta was recognised and
all the French settlements in Bengal were surrendered to the Company.
Additional Information:
Following were the consequences of the Battle of Plassey:
- The Company received the zamindari of 24-Parganas near Calcutta.
- The Company was granted the undisputed right to free trade in Bengal, Bihar and Orissa.
- The sovereignty of the Company over Calcutta was recognised.
- All the French settlements in Bengal were surrendered to the Company.
- Bengal became a major hub for bullion export, stopping the import of bullion from England.
व्याख्या:
प्लासी की लड़ाई 1757 में रॉबर्ट क्लाइव के नेतृत्व में ईस्ट इंडिया कंपनी और बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला के बीच लड़ी गई थी।
कथन 1 सही है: ईस्ट इंडिया कंपनी को मीर जाफर द्वारा बंगाल, बिहार और उड़ीसा में मुक्त व्यापार का निर्विवाद अधिकार दिया गया था। कंपनी को कलकत्ता के पास 24-परगना की जमींदारी भी मिली।
कथन 2 सही है: 1757 से पूर्व, बंगाल में अंग्रेजी व्यापार का बड़े पैमाने पर वित्तपोषण इंग्लैंड से स्वर्ण-रजत (bullion) के आयात के माध्यम से हुआ था, लेकिन प्लासी की लड़ाई के बाद, बंगाल स्वर्ण-रजत (bullion) निर्यात के लिए एक प्रमुख केंद्र बन गया, जिसने इंग्लैंड से स्वर्ण-रजत के आयात को रोक दिया।
कथन 3 सही है: कलकत्ता पर कंपनी की संप्रभुता को मान्यता दी गई थी और बंगाल में मौजूद सभी फ्रांसीसी बस्तियों को कंपनी को सौंप दिया गया था।
अतिरिक्त जानकारी:
प्लासी की लड़ाई के परिणाम निम्नलिखित थे:
- कंपनी को कलकत्ता के पास 24-परगना की जमींदारी मिली।
- कंपनी को बंगाल, बिहार और उड़ीसा में मुक्त व्यापार का निर्विवाद अधिकार दिया गया था।
- कलकत्ता पर कंपनी की संप्रभुता को मान्यता दी गई थी।
- बंगाल में मौजूद सभी फ्रांसीसी बस्तियों को कंपनी को सौंप दिया गया।
- स्वर्ण-रजत (bullion) निर्यात के लिए बंगाल एक प्रमुख केंद्र बन गया, जिसने इंग्लैंड से स्वर्ण-रजत (bullion) के आयात को रोक दिया।