Q. With reference to the Constituent Assembly, consider the following statements:
Which of the statements given above is/are correct?
Q. संविधान सभा के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
Explanation:
Statement 1 is incorrect: It was in 1934 that the idea of a Constituent Assembly for India was put forward for the first time by M.N. Roy, a pioneer of Communist movement in India. In 1935, the Indian National Congress (INC), for the first time, officially demanded a Constituent Assembly to frame the Constitution of India. In 1938, Jawaharlal Nehru, on behalf of the INC declared that ‘the Constitution of free India must be framed, without outside interference, by a Constituent Assembly elected on the basis of adult franchise’.
Statement 2 is correct: The Indian Independence Act of 1947 made the position of the Constituent Assembly a fully sovereign body, which could frame any Constitution it pleased. The Act empowered the Assembly to abrogate or alter any law made by the British Parliament in relation to India.
व्याख्या:
कथन 1 गलत है: 1934 में भारत के लिए संविधान सभा का विचार पहली बार भारत में कम्युनिस्ट आंदोलन के अग्रणी नेता एम.एन. रॉय द्वारा प्रस्तुत किया गया था। 1935 में, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) ने पहली बार आधिकारिक तौर पर भारत के संविधान को बनाने के लिए एक संविधान सभा की मांग की। 1938 में, जवाहरलाल नेहरू ने INC की ओर से घोषणा की कि 'स्वतंत्र भारत का संविधान, बाह्य हस्तक्षेप के बिना, वयस्क मताधिकार के आधार पर निर्वाचित एक संविधान सभा द्वारा तैयार किया जाना चाहिए'।
कथन 2 सही है: 1947 के भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम ने संविधान सभा को पूर्ण रूप से संप्रभु निकाय की स्थिति प्रदान की , जो अपनी इच्छानुसार संविधान को बना सकती थी। इस अधिनियम ने विधानसभा को भारत के संबंध में ब्रिटिश संसद द्वारा बनाए गए किसी भी कानून को निरस्त करने या बदलने का अधिकार दिया।