wiz-icon
MyQuestionIcon
MyQuestionIcon
1
You visited us 1 times! Enjoying our articles? Unlock Full Access!
Question

Q. With reference to the “Curative Petition” in judicial system, consider the following statements:

Which of the above given statements is/are incorrect?

Q. न्यायिक प्रणाली में "उपचारात्मक याचिका" के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:

ऊपर दिए गए कथनों में से कौन सा /से गलत है / हैं?


A

1 and 2 only
केवल 1 और 2
No worries! We‘ve got your back. Try BYJU‘S free classes today!
B

2 and 4 only
केवल 2 और 4
No worries! We‘ve got your back. Try BYJU‘S free classes today!
C

1 only
केवल 1
Right on! Give the BNAT exam to get a 100% scholarship for BYJUS courses
D

2 and 3 only
केवल 2 और 3
No worries! We‘ve got your back. Try BYJU‘S free classes today!
Open in App
Solution

The correct option is C
1 only
केवल 1

Explanation:

Statement 1 is incorrect: A Curative petition is a way to ask the Supreme court to review and revise their own decisions even after a Review petition in Dismissed. Thus, they are not synonymous.

Statement 2 is correct: Curative Petition can be filled in the Supreme Court only, whereas, Review Petition can be filled in both Supreme Courts and High Courts.

Statement 3 is correct: The concept of Curative petition originated from the case of Rupa Ashok Hurra Vs. Ashok Hurra and Anr9 (2002). Where the following question arose before the Supreme court “whether an aggrieved person is entitled to any relief against the final order of the supreme court after the dismissal of review Petition”. Hence, curative Petition originated in India.

Statement 4 is correct: The Concept of Curative Petition is supported by Article 137 of the constitution of India. Review of judgments or orders by the Supreme Court Subject to the provisions of any law made by Parliament or any rules made under Article 145, the Supreme Court shall have power to review any judgment pronounced or order made by it.

व्याख्या :

कथन 1 गलत है: एक उपचारात्मक याचिका सुप्रीम कोर्ट को अपने स्वयं के फैसलों को खारिज करने के लिय दायर गई पुनर्विचार याचिका के बाद भी समीक्षा करने और उसे संशोधित करने का एक तरीका है। इस प्रकार, वे पर्यायवाची नहीं हैं।

कथन 2 सही है: उपचारात्मक याचिका सुप्रीम कोर्ट में ही दायर की जा सकती है, जबकि पुनर्विचार याचिका सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट दोनों में दायर की जा सकती है।

कथन 3 सही है: उपचारात्मक याचिका की अवधारणा रूपा अशोक हुर्रा बनाम अशोक हुर्रा और अनर 9 (2002) के मामले से उत्पन्न हुई । जहां सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष निम्नलिखित प्रश्न उठे कि "क्या एक पीड़ित व्यक्ति समीक्षा याचिका के खारिज होने के बाद सर्वोच्च न्यायालय के अंतिम आदेश के खिलाफ किसी भी राहत का हकदार है"। इसलिए, उपचारात्मक याचिका भारत में उत्पन्न हुई।

कथन 4 सही है: उपचारात्मक याचिका की अवधारणा भारत के संविधान के अनुच्छेद 137 द्वारा समर्थित है। संसद द्वारा बनाए गए किसी भी कानून या अनुच्छेद 145 के तहत बनाए गए किसी भी नियम के प्रावधानों के अधीन सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्णयों या आदेशों की समीक्षा।

सर्वोच्च न्यायालय के पास किसी भी निर्णय की समीक्षा या उसके द्वारा दिए गए आदेश की समीक्षा करने की शक्ति होगी।


flag
Suggest Corrections
thumbs-up
0
similar_icon
Similar questions
Q. Q. Consider the following statements with reference to the Review Petition under Article 137 of the constitution of India:Which of the statements given above is/are correct?

Q. भारत के संविधान के अनुच्छेद 137 के तहत पुनर्विचार याचिका के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
  1. यह सर्वोच्च न्यायालय का तंत्र है जिसके जरिए यह अपने निर्णयों पर पुनर्विचार कर उन गंभीर त्रुटियों में सुधार करता है जिनके परिणामस्वरूप न्याय का हनन हुआ है।
  2. न्यायालय के पास केवल "प्रत्यक्ष त्रुटि" में सुधार करने के लिए अपने निर्णयों पर पुनर्विचार करने की शक्ति है, न कि "अप्रासंगिक छोटी त्रुटियों" में।
  3. केवल मामले के पक्षकार ही इसके तहत निर्णय पर पुनर्विचार की मांग कर सकते हैं।
उपर्युक्त कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?

  1. 1 only
    केवल 1

  2. 1 and 2 only
    केवल 1 और 2

  3. 2 and 3 only
    केवल 2 और 3

  4. 1, 2 and 3
    1, 2 और 3
Q. Q. With reference to a Judge of the High Court in India, consider the following statements:Which of the above given statements are correct?

Q. भारत में उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:
  1. सर्वोच्च न्यायालय के विपरीत, किसी प्रतिष्ठित न्यायविद को उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त नहीं किया जा सकता है।
  2. न्यायिक स्वतंत्रता को बनाए रखने के लिए, संविधान ने उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों का कार्यकाल तय किया है।
  3. एक न्यायाधीश राज्य के राज्यपाल के समक्ष शपथ लेता है।
  4. राष्ट्रपति के आदेश से ही किसी उच्च न्यायालय के न्यायाधीश को उसके पद से हटाया जा सकता है।
ऊपर दिए गए कथनों में से कौन से सही हैं?

  1. 1 and 2 only
    केवल 1 और 2

  2. 1, 3 and 4 only
    केवल 1, 3 और 4

  3. 3 and 4 only
    केवल 3 और 4

  4. 1, 2 and 3 only
    केवल 1, 2 और 3
View More
Join BYJU'S Learning Program
similar_icon
Related Videos
thumbnail
lock
The Powers of The High Court
CIVICS
Watch in App
Join BYJU'S Learning Program
CrossIcon