The correct option is B
Dashavatar temple, Deogarh
दशावतार मंदिर, देवगढ़ ।
Explanation:
Option (a) is incorrect: Lakshmana Temple, Khajuraho: It was designed by king Chandela, Dhanga, in 954 AD. This is dedicated to Vishnu, and is Khajuraho's largest temple.
Option (b) is correct: The Dashavatara temple at Deogarh was built in the early sixth century CE. This makes it a classic example of a late Gupta Period type of temple. This temple is in architectural panchayatana style where the main shrine is constructed on a rectangular plinth with four smaller subsidiary shrines at the four corners (making it a total number of five shrines, hence the name, panchayatana). It is known for its sculptural reliefs of Lord Vishnu such as Sheshashayana., Nara-Narayan and Gajendramoksha.
Option (c) is incorrect: Sun temple , Konark: It was built around 1240 by Eastern Ganga Dynasty rulers.
It is set on a high foundation, covering its walls with large, detailed ornamental carvings. These include twelve pairs of huge wheels sculpted with spokes and hubs, representing the Sun god's chariot wheels .The whole temple comes to resemble a colossal processional chariot.
Option (d) is incorrect: Brihadiswara temple,Thanjavur: Thanjavur's magnificent Shiva temple, also named the Rajarajeswara, was completed by Rajaraja Chola around 1009 AD. Massive Nandi-figures dot the shikhara's corners.
व्याख्या :
विकल्प (a) गलत है: लक्ष्मण मंदिर, खजुराहो: यह 956 ईस्वी में राजा चंदेल, धंग द्वारा बनाया गया था। यह विष्णु को समर्पित है, और खजुराहो का सबसे बड़ा मंदिर है।
विकल्प (b) सही है: देवगढ़ के दशावतार मंदिर का निर्माण छठी शताब्दी की शुरुआत में हुआ था। यह मंदिर गुप्त काल के अंत का सर्वश्रेष्ट्र उदाहरण है। इस मंदिर का स्थापत्य पंचायतन शैली में है, वास्तु पंचायतन शैली में है जहां मुख्य मंदिर एक आयताकार चबूतरे पर निर्मित है ।जिसके चार कोनों पर चार छोटे तीर्थ स्थल बने हुए है । (यह पाँच तीर्थों की कुल संख्या है, इसलिए नाम, पंचायतन)। यह भगवान विष्णु की प्रमुख मूर्तिकला के लिए जाना जाता है जैसे कि शेषनायण, नारा-नारायण, और गजेन्द्रमोक्ष।
विकल्प (c) गलत है: सूर्य मंदिर, कोणार्क: इसका निर्माण लगभग 1240 में पूर्वी गंग वंश के शासकों द्वारा किया गया था। यह एक उच्च आधार पर स्थापित किया गया है, इसकी दीवारों को बड़ी विस्तृत सजावटी नक्काशियों के साथ बनाया गया है। इनमें सूर्य देव के रथ के पहियों का प्रतिनिधित्व करते हुए बारह जोड़ी विशाल पहियों को शामिल किया गया है। पूरा मंदिर एक विशाल जुलूस रथ जैसा दिखता है।
विकल्प (d) गलत है: बृहदीश्वर मंदिर, तंजावुर: तंजावुर का शानदार शिव मंदिर, जिसका नाम राजराजेश्वर भी है, को राजराजा चोल ने लगभग 1009 ईस्वी में पूरा किया था। विशाल नंदी-की आकृतियों के शिखर के कोनों को बिंदुओं से बनाया गया हैं।