Q. With reference to the imposition of ‘President’s Rule’ in a state, consider the following statements:
Which of the statements given above is/are correct?
Q. किसी राज्य में 'राष्ट्रपति शासन' को लागू करने के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिएः
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
Explanation:
The President’s Rule can be imposed on two grounds:
Statement 1 is incorrect: If approved by both the Houses of Parliament, the President’s Rule continues for six months (not one year). It can be extended for a maximum period of three years with the approval of the Parliament, every six months. The 42nd Constitutional Amendment Act of 1976 had raised the period from six months to one year. But, the 44th constitutional Amendment Act of 1978 again reduced the period to six months.
Statement 2 is correct: The President acquires the following extraordinary powers when the President’s Rule is imposed in a state:
Statement 3 is correct: When the state legislature is suspended or dissolved, the Parliament can delegate the power to make laws for the state to the President or to any authority specified by him in this regard. Any such law made continues to be operative even after the President’s Rule. This means that the period for which such a law remains in force is not coterminous with the duration of the proclamation. But it can be repealed or altered or re-enacted by the state legislature.
व्याख्या:
राष्ट्रपति शासन दो आधार पर घोषित किया जा सकता है:
कथन 1 गलत है: संसद के दोनों सदनों द्वारा अनुमोदित होने के बाद राष्ट्रपति शासन छह महीने (एक वर्ष नहीं) के लिए जारी रहता है। इसे हर छह महीने में संसद की मंजूरी से अधिकतम तीन साल के लिए बढ़ाया जा सकता है। 1976 के 42वें संविधान संशोधन अधिनियम के माध्यम से इस अवधि को छह महीने से बढ़ाकर एक वर्ष कर दिया गया था। लेकिन, 1978 के 44 वें संविधान संशोधन अधिनियम के माध्यम से इस अवधि को घटाकर पुनः छह महीने कर दिया गया।
कथन 2 सही है: जब किसी राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू हो तो राष्ट्रपति को निम्नलिखित असाधारण शक्तियां प्राप्त हो जाती हैं:
कथन 3 सही है: जब राज्य विधायिका को निलंबित या भंग कर दिया जाता है, तो संसद राज्य के लिए कानून बनाने की शक्ति राष्ट्रपति या उनके द्वारा इस संबंध में निर्दिष्ट किसी भी प्राधिकारी को सौंप सकती है। ऐसा कोई भी कानून राष्ट्रपति शासन के पश्चात भी प्रभाव में रहेगा। अर्थात ऐसा कोई कानून जो इस अवधि में प्रभावी है, राष्ट्रपति शासन की घोषणा की समाप्ति पर अप्रभावी नहीं होगा। परन्तु इसे राज्य विधायिका द्वारा वापस अथवा परिवर्तित या पुन: अधिनियमित किया जा सकता है।