Q. With reference to the Leonids Meteor Shower, recently in the news, consider the following statements:
Which of the statements given above is/are correct?
Q. हाल ही में चर्चा में रहे लियोनिड उल्का बौछार के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
Explanation:
Leonids Meteor Shower is an annual spectacle in the night sky in November. It turns into a meteor storm every 33 years or so. In 2021, the shower was active in the month of November.
Statement 1 is incorrect: The meteor shower is caused by the debris of a small comet known as the 55P/Tempel-Tuttle (not Comet Hale-Bopp), which is located in the Leo constellation. It takes comet Tempel-Tuttle 33 years to orbit the Sun once. Every 33 years, a Leonid shower turns into a meteor storm. A meteor storm should have at least 1,000 meteors per hour.
Statement 2 is correct: The Leonids are also called fireballs and earthgazer meteors. Fireballs, because of their bright colours, and earthgazer, because they streak close to the horizon. Fireballs are larger explosions of light and colour that can last longer than an average meteor streak. The light we see is a result of the friction between the meteorite and the molecules present in the Earth’s atmosphere because of which it burns.
Statement 3 is incorrect: Meteors, also known as shooting stars, by definition, are pieces of dust and debris from space that burn up in Earth's atmosphere. Hence, all the meteors in this shower will not collide with the Surface of the Earth. Meteoroids are objects in space that range in size from dust grains to small asteroids. If any part of a meteoroid survives the fall through the atmosphere and lands on Earth, it is called a meteorite
Additional Information:
व्याख्या:
लियोनिड उल्का बौछार नवंबर में रात्रि में आकाश में होने वाली एक वार्षिक घटना है। यह हर 33 साल में एक उल्का तूफान में परिवर्तित हो जाती है। 2021 में, नवंबर के महीने में यह बौछार सक्रिय थी।
कथन 1 गलत है: उल्का बौछार एक छोटे धूमकेतु के मलबे के कारण होती है जिसे 55P/टेंपल-टटल ( हेल-बोप धूमकेतु नहीं) के रूप में जाना जाता है, जो सिंह नक्षत्र में स्थित है। धूमकेतु टेंपल-टटल को सूर्य की एक परिक्रमा पूरी करने में 33 वर्ष का समय लगता है। हर 33 साल में लियोनिड की बौछार उल्का तूफान में बदल जाती है। एक उल्का तूफान में प्रति घंटे कम से कम 1,000 उल्काएं होनी चाहिए।
कथन 2 सही है: लियोनिड को आग का गोला और अर्थगेजर (earthgazer) उल्का भी कहा जाता है। चमकीले रंगों के कारण इन्हें आग का गोला और क्षितिज के करीब रेखा का निर्माण करने के कारण अर्थगेज़र कहा जाता है। आग के गोले प्रकाश और रंग के बड़े विस्फोट होते हैं जो औसत उल्का रेखा की तुलना में अधिक समय तक टिक सकते हैं। हम जो प्रकाश देखते हैं वह उल्कापिंड और पृथ्वी के वायुमंडल में मौजूद अणुओं के बीच घर्षण का परिणाम है जिसके कारण यह जलता है।
कथन 3 गलत है: उल्का (Meteors), जिसे टूटता तारा भी कहा जाता है, परिभाषा के अनुसार, अंतरिक्ष के धूल और मलबे के टुकड़े होते हैं जो पृथ्वी के वायुमंडल में प्रज्वलित होते हैं। इसलिए, इस बौछार के सभी उल्का पृथ्वी की सतह से नहीं टकराते हैं। उल्कापिंड (Meteoroids) अंतरिक्ष में ऐसी वस्तुएं हैं जिनका आकार धूल के कणों से लेकर छोटे क्षुद्रग्रहों तक के बराबर होता है। यदि किसी उल्कापिंड का कोई भाग बच जाता है और वायुमंडल से होकर पृथ्वी पर गिरता है, तो उसे उल्कापिंड (Meteorite) कहा जाता है।
अतिरिक्त जानकारी: