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Question

Q. With reference to the National Commission for Backward Classes (NCBC), which was in news recently, consider the following statements:

Which of the statements given above is/are correct?

Q. हाल ही में चर्चित राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (NCBC) के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:

उपर्युक्त कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?


A

1 only
केवल 1
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B

2 and 3 only
केवल 2 और 3
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C

2, 3 and 4 only
केवल 2, 3 और 4
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D

1, 2 and 4 only
केवल 1, 2 और 4
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Solution

The correct option is C
2, 3 and 4 only
केवल 2, 3 और 4

Explanation:

Statement 1 is incorrect: It was established through the National Commission for Backward Classes Act of 1993 under the Ministry of Social Justice and Empowerment. But in 2018, through the 102nd Constitutional Amendment Act, it was made a Constitutional body under article 338B.

Statement 2 is correct: The Commission was the outcome of Indra Sawhney & Others v. Union of India. The Supreme Court of India in its Judgement directed the Government of India, State Governments and Union Territory Administrations to constitute a permanent body for entertaining, examining and recommending upon requests for inclusion and complaints of over-inclusion and under-inclusion in the list of OBCs.

Statement 3 is correct: It recommends inclusions and exclusions from the list of communities notified as backward for the purpose of job reservations.

Statement 4 is correct: The Commission has the same powers as a Civil Court trying a suit related to safeguards provided for socially and educationally backward classes under the Constitution or under any other law for the time being in force or under any order of the Government.

Perspective:

Context: Sub categorization of OBCs by the National Commission for Backward Classes (NCBC) was in the news. Further, NCBC is made a Constitutional body. UPSC asks questions about Constitutional and non-Constitutional bodies frequently.

This question requires basic knowledge regarding the functioning of NCBC. Here, we can draw parallels between powers and functions of NCBC with those of NCSC and NCST which are other Constitutional bodies for vulnerable sections. As institutions like NCSC/NCST etc have the powers of a civil court, the same can be true for the NCBC as well. Thus statement 4 seems logical and can be marked as correct. So, by applying this concept we are left with only two choices, that are, Option (c) and (d).

Further, if we read statement 3 that is talking about inclusion/exclusion of OBCs in the list it seems appropriate because this body is formed for the welfare of Other Backward Classes and providing reservation is one of the mechanisms for social upliftment of Other Backward Classes envisaged in the Constitution of India. Hence, we can mark statement 3 as correct. This leads to only one option that is Option (c).

The students are expected to go through basic current affairs. The basic knowledge of the 102nd Amendment Act, which provided constitutional status to the National Commission for Backward Classes (NCBC) will help you to eliminate statement 1.


व्याख्या:

कथन 1 गलत है: इसे सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के तहत 1993 के पिछड़ा वर्ग राष्ट्रीय आयोग अधिनियम के माध्यम से स्थापित किया गया था। लेकिन 2018 में, 102 वें संवैधानिक संशोधन अधिनियम के जरिए इसे अनुच्छेद 338 B के तहत एक संवैधानिक निकाय बना दिया गया था।

कथन 2 सही है: आयोग इंदिरा साहनी और अन्य बनाम भारत संघ वाद का परिणाम था। भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने अपने निर्णय में भारत सरकार, राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासन को निर्देश दिया था कि वे ओबीसी की सूची में शामिल किए जाने और आवश्यकता से अधिक और कम शामिल किए जाने की शिकायतों की जांच और सिफारिश के लिए एक स्थायी निकाय का गठन करें।

कथन 3 सही है: यह सूची में उन समुदायों का समावेशन और बहिष्करण की सिफारिश करता है जिन्हें नौकरी में आरक्षण हेतु पिछड़े के रूप में अधिसूचित किया जाता है।

कथन 4 सही है: आयोग को संविधान के तहत सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्गों के लिए प्रदान किए गए सुरक्षा उपायों से संबंधित मुकदमे की सुनवाई के लिए या सरकार के किसी आदेश द्वारा किसी अन्य कानून के तहत दीवानी न्यायालय के समान शक्तियाँ प्राप्त हैं।

परिप्रेक्ष्य:

संदर्भ: राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (NCBC) द्वारा ओबीसी का उप वर्गीकरण चर्चा में था। इसके अलावा, NCBC को एक संवैधानिक निकाय बनाया गया है। यूपीएससी संवैधानिक और गैर-संवैधानिक निकायों के बारे में अक्सर प्रश्न पूछती है।

इस प्रश्न के लिए NCBC के कार्यकलाप के बारे में बुनियादी जानकारी की आवश्यकता है। यहां, हम NCSC और NCST की शक्तियों और कार्यों के बीच समानताएँ दर्शा सकते हैं जो कमजोर वर्गों के लिए अन्य संवैधानिक निकाय हैं। NCSC/ NCST जैसी संस्थाओं को दीवानी न्यायालय की सभी शक्तियाँ प्राप्त हैं, यही तथ्य NCBC के लिए भी सही है। इस प्रकार कथन 4 तर्कसंगत लगता है और इसे सही के रूप में चिह्नित किया जा सकता है। इसलिए, इस अवधारणा को लागू करने पर हमारे पास केवल दो विकल्प बचते हैं, वे हैं, विकल्प (c) और (d)।

इसके अलावा, यदि हम कथन 3 को पढ़ते हैं जो सूची में ओबीसी को शामिल करने / बहिष्कृत करने की बात करता है, तो यह उचित लगता है क्योंकि यह निकाय अन्य पिछड़ा वर्ग के कल्याण के लिए बना है और आरक्षण प्रदान करना अन्य पिछड़ा वर्ग के सामाजिक उत्थान हेतु भारत के संविधान में परिकल्पित एक तंत्र है। इसलिए, हम कथन 3 को सही मान सकते हैं। इसलिए केवल एक ही विकल्प बचता है जो (c) है।

छात्रों से मौलिक समसामयिकी पढ़ने की अपेक्षा की जाती है। 102 वें संशोधन अधिनियम का मौलिक ज्ञान, जिसके द्वारा राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (NCBC) को संवैधानिक दर्जा प्रदान किया गया था, आपको कथन 1 को हटाने में सहायता करेगा।


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