Q. With reference to the Parliamentary System in India, which of the following statements is/are correct?
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Q. भारत की संसदीय प्रणाली के संदर्भ में, निम्नलिखित में से कौन सा/से कथन सही है / हैं?
निम्नलिखित कूटों का उपयोग करके सही उत्तर चुनें:
Explanation:
Statement 1 is correct: The parliamentary system of government is the one in which the executive is responsible to the legislature for its policies and acts. The presidential system of government, on the other hand, is one in which the executive is not responsible to the legislature for its policies and acts.
Statement 2 is correct: This is the bedrock principle of parliamentary government. The ministers are collectively responsible to the Parliament in general and to the Lok Sabha in particular (Article 75). They act as a team, and swim and sink together. The principle of collective responsibility implies that the Lok Sabha can remove the ministry (i.e., the council of ministers headed by the prime minister) from office by passing a vote of no confidence.
Statement 3 is incorrect: The doctrine of separation of powers is the basis of the American presidential system. The legislative, executive and judicial powers of the government are separated and vested in the three independent organs of the government.
व्याख्या :
कथन 1 सही है: सरकार की संसदीय प्रणाली में कार्यपालिका अपनी नीतियों और कार्यों के लिए विधायिका के प्रति उत्तरदायी होता है। दूसरी ओर, सरकार की अध्यक्षीय प्रणाली वह है जिसमें कार्यपालिका अपनी नीतियों और कार्यों के लिए विधायिका के प्रति उत्तरदायी नहीं होता है।
कथन 2 सही है: यह संसदीय सरकार का आधारभूत सिद्धांत है। मंत्री सामूहिक रूप से संसद के प्रति और विशेष रूप से लोकसभा के प्रति जिम्मेदार होते हैं (अनुच्छेद 75)। वे एक टीम के रूप में कार्य करते हैं। उनकी सफलता या असफलता सामूहिक होती है । सामूहिक जिम्मेदारी का सिद्धांत यह बताता है कि लोकसभा अविश्वास प्रस्ताव पारित करके मंत्रिमंडल (यानी प्रधान मंत्री की अध्यक्षता वाली मंत्रिपरिषद) को पद से हटा सकती है।
कथन 3 गलत है: शक्तियों के पृथक्करण का सिद्धांत अमेरिकी राष्ट्रपति प्रणाली का आधार है। सरकार की विधायी, कार्यकारी और न्यायिक शक्तियों का पृथक्कीकरण किया गया है और इसे सरकार के तीन स्वतंत्र अंगों में निहित किया गया है।