Q. With reference to the Prehistoric cultures in India, consider the following statements:
Which of the statements given above is/are correct?
Q. भारत में प्रागैतिहासिक संस्कृतियों के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिएः
उपर्युक्त कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?
Explanation:
The prehistoric period is divided into three periods: Paleolithic (or Old Stone Age), Mesolithic (or Middle Stone Age), and Neolithic (or New Stone Age), this era is marked by the use of tools by our early human ancestors (who evolved around 300,000 B.C.) and the eventual transformation from a culture of hunting and gathering to farming and settlement.
Statement 1 is incorrect: The geographical distribution of the Palaeolithic sites suggests that this culture was spread throughout the length and breadth of the Indian subcontinent.
Figure: Paleothic sites in India
Statement 2 is correct: The rock paintings were an important and distinct feature of the Mesolithic people though their beginning may be traced to the upper Palaeolithic period. These paintings are made on the walls of rock shelters, most of which have been found at Bhimbetka in Madhya Pradesh. These throw light on the social and economic life of Mesolithic people. The main subjects of paintings are hunting, fishing and food gathering. Animals like boar, buffalo, monkey and nilgai are often depicted in these paintings. The social activities like the child birth, rearing of a child and burial ceremony are also shown in the rock paintings. The scenes of hunting in a group suggest that Mesolithic people lived in small groups.
Statement 3 is correct: The Neolithic tools consist of the ground tools having smooth surfaces, and well rounded and symmetrical shapes. The grinding made the tools sharper, polished and more effective than those in the earlier period. The ground stone tools of the Neolithic period included different types of axes called ‘celt’. Besides the stone tools, the sites of this period have also yielded various types of bone objects such as needles, scrapers, borers, arrowheads, pendants, bangles and earrings.
व्याख्या:
प्रागैतिहासिक काल को तीन अवधियों में विभाजित किया गया है: पुरापाषाण (या पुराना पाषाण युग), मध्य पाषाण (या मध्य पाषाण युग), और नवपाषाण (या नया पाषाण युग), इस युग की विशेषता हमारे प्रारंभिक मानव पूर्वजों (जिनकी उत्पत्ति लगभग 300,000 ईसा पूर्व हुई) द्वारा उपकरणों का उपयोग एवं शिकारी और संग्रहकर्ता की संस्कृति से कृषि और बस्तियाँ बसाने की संस्कृति में परिवर्तित होना है।
कथन 1 गलत है: पुरापाषाण कालीन स्थलों के भौगोलिक वितरण से पता चलता है कि यह संस्कृति संपूर्ण भारतीय उपमहाद्वीप में फैली हुई थी।
चित्र: भारत में पुरापाषाण स्थल
कथन 2 सही है: शैल चित्रकला मध्य पाषाण काल के लोगों की एक महत्त्वपूर्ण और प्रमुख विशेषता थी, हालाँकि इसकी शुरुआत उत्तर पुरापाषाण काल में हो गई थी। ये चित्र शैलाश्रयों की दीवारों पर बनाए गए हैं, जिनमें से अधिकांश मध्य प्रदेश के भीमबेटका में पाए गए हैं। ये मध्यपाषाण काल के लोगों के सामाजिक और आर्थिक जीवन पर प्रकाश डालते हैं। चित्रों का मुख्य विषय शिकार, मछली पकड़ना और भोजन एकत्र करना है। इनमें प्रायः सूअर, भैंस, बंदर और नीलगाय जैसे जानवरों को चित्रित किया गया है। बच्चे के जन्म, उसके पालन-पोषण और शवाधान समारोह जैसी सामाजिक गतिविधियों को भी शैल चित्रों में दिखाया गया है। समूह में शिकार करने के दृश्य से पता चलता है कि मध्य पाषाण काल के लोग छोटे-छोटे समूहों में रहते थे।
कथन 3 सही है: नवपाषाण काल के औजारों में पत्थर के औजार शामिल थे जिनकी सतह चिकनी थी और वे गोल एवं आकार में समरूप थे। घिसाई ने औजारों को पहले के औजारों की तुलना में तेज, पॉलिशदार और अधिक प्रभावी बना दिया था। नवपाषाण काल के पत्थर के औजारों में विभिन्न प्रकार की कुल्हाड़ियाँ शामिल थीं जिन्हें 'सेल्ट' (celt) कहा जाता है। पत्थर के औजारों के अलावा, इस अवधि के स्थलों से विभिन्न प्रकार की हड्डी की वस्तुएँ जैसे सुई, खुरचनी, छेदक, तीर के निशान, पेंडेंट, चूड़ियाँ और झुमके भी मिले हैं।