Q. With reference to the religious movement in ancient times, the term ‘Prapatti’ refers to which one of the following?
Q. प्राचीन काल में धार्मिक आंदोलन के संदर्भ में, 'प्रपत्ति' शब्द निम्नलिखित में से किस एक को संदर्भित करता है?
Explanation:
Sharanagati or Prapatti, in the devotional school of Hindu denominations known as Vaishnavism, is the process of total surrender to God (i.e. putting one’s soul completely in the hands of God).
In the sixth century B.C.E, Bhagavatism flourished side by side with Buddhism and Jainism. It is widely understood to be a religious creed in Hinduism. The followers of the creed are devoted to Lord Krishna. Bhagavatism is a branch of Vaishnavism, where the devotees worship the various avatars of Lord Vishnu.
Vasudeva Krishna was the founder of Bhagavatism. Its philosophy consisted of three basic principles:
व्याख्या:
शरणागति या प्रपत्ति, वैष्णववाद के रूप में जाने जाने वाले हिंदू संप्रदायों की भक्ति साखा में, भगवान के प्रति पूर्ण समर्पण की प्रक्रिया है (अर्थात किसी की आत्मा को पूरी तरह से भगवान के हाथों में देना)।
छठी शताब्दी ईसा पूर्व में, भगवतवाद, बौद्ध धर्म और जैन धर्म के साथ-साथ फला-फूला। इसे व्यापक रूप से हिंदू धर्म में एक धार्मिक पंथ के रूप में समझा जाता है। इस पंथ के अनुयायी भगवान कृष्ण के प्रति समर्पित होते हैं। भगवतवाद वैष्णववाद की एक शाखा है, जहां भक्त भगवान विष्णु के विभिन्न अवतारों की पूजा करते हैं।
वासुदेव कृष्ण भगवतवाद के संस्थापक थे। इसके दर्शन में तीन बुनियादी सिद्धांत शामिल थे: