Q. With reference to the term ‘deep learning’, consider the following statements:
Which of the statements given above is/are correct?Perspective: Context: Questions related to modern technologies like Artificial Intelligence (AI), Internet of Things (IoT), etc. are frequently asked by UPSC. The question seems technical but UPSC asks such questions to check the basic understanding and awareness of aspirants regarding emerging technological advancements. In such questions if we read it carefully, we may encounter some keys which may help us to solve the question. So, let us look at statement 3. It says that deep learning has no practical applications at present. It is an extreme statement and needs to be analysed. We all might have heard about social media algorithms which track the activity of humans and based on that provide an analysis of behavioural patterns. Analysis done by machines is then used for providing us video recommendations, advertisements, etc. We also might have heard about SOFIA (humanoid robot) which uses deep learning to behave like humans. Deep Learning is very much in the news and current affairs, especially during COVID times when the consumption of digital services and content has risen sharply. So, from this knowledge of current affairs, we can say that statement 3 is incorrect and eliminate it. This gives us the answer i.e. option (c). We should also note that statement 2 says that it does not require ‘repeated’ human interventions. It is a negative statement too but the use of the term ‘repeated’ does not allow it to become a blanket or strong negative statement. Also, it fits the general definition of artificial intelligence and hence a careful observation will help us in avoiding eliminating statement 2 and solving the question incorrectly. |
परिप्रेक्ष्य: संदर्भ: आधुनिक तकनीकों जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT), आदि से संबंधित प्रश्न अक्सर UPSC द्वारा पूछे जाते हैं। यह प्रश्न तकनीकी लगता है, लेकिन यूपीएससी उभरते तकनीकी प्रगति के बारे में अभ्यर्थियों की बुनियादी समझ और जागरूकता की जांच करने के लिए ऐसे सवाल पूछता है। ऐसे प्रश्नों को यदि हम ध्यान से पढ़ें, तो हमें कुछ ऐसे बिंदु मिल सकते हैं, जिससे प्रश्न को हल करने में हमें मदद मिल सकती हैं। तो, आइए हम कथन 3 को देखें। यह कहता है कि वर्तमान में डीप लर्निंग का कोई व्यावहारिक अनुप्रयोग नहीं है। यह एक चरम कथन है और इसका विश्लेषण करने की आवश्यकता है। हम सभी ने सोशल मीडिया एल्गोरिदम के बारे में सुना होगा जो मनुष्यों की गतिविधि को ट्रैक करते हैं और उसके आधार पर व्यवहार पैटर्न का विश्लेषण प्रदान करते हैं। मशीनों द्वारा किए गए विश्लेषण का उपयोग हमें वीडियो सिफारिशें, विज्ञापन आदि प्रदान करने के लिए किया जाता है। हमने SOFIA (ह्यूमनॉइड रोबोट) के बारे में भी सुना होगा, जिसमें मनुष्यों की तरह व्यवहार करने के लिए डीप लर्निंग का उपयोग होता है। डीप लर्निंग समाचार और समसामयिकी में बहुत ज्यादा रहता है, खासकर COVID के दौरान जब डिजिटल सेवाओं और सामग्री की खपत तेजी से बढ़ी है। इसलिए, समसामयिकी के इस ज्ञान से, हम कह सकते हैं कि कथन 3 गलत है और इसे समाप्त कर सकते हैं। इससे हमें उत्तर के रूप में विकल्प (c) की प्राप्ति होती है। हमें यह भी ध्यान देना चाहिए कि कथन 2 कहता है कि इसके लिए 'बार-बार' मानवीय हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है। यह एक नकारात्मक कथन भी है, लेकिन 'बार-बार' शब्द का उपयोग इसे एक दृढ़ नकारात्मक कथन नहीं बनने देता है। साथ ही, यह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की सामान्य परिभाषा में फिट बैठता है तथा इसलिए सावधानीपूर्वक अवलोकन करने से हमें कथन 2 को छांटने और प्रश्न को गलत तरीके से हल करने से हमें बचाएगा । |