Q16. Consider the following statements regarding Seahorses.
1. Seahorses are tiny fishes that are named for the shape of their head, which looks like the head of a tiny horse.
2. In Sea Horse, the male bears the unborn young.
3. They are found in shallow tropical and temperate waters throughout the world.
Which of the above statement(s) is/are correct?
Q16. समुद्री घोड़े (Seahorses) के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:
1. समुद्री घोड़े एक छोटी मछली हैं, जिसका नाम उसके सिर के आधार पर रखा गया है जो छोटे घोड़े के समान दिखता है।
2. समुद्री घोड़े के नर अजन्मे बच्चे को धारण करते हैं।
3. ये विश्वभर में उष्णकटिबंधीय एवं समशीतोष्ण कटिबंधीय जल में पाये जाते हैं।
उपरोक्त में से कौन सा/से कथन सत्य है/हैं?
(d) All of the above
(d) उपर्युक्त सभी
Seahorses are tiny fishes that are named for the shape of their head, which looks like the head of a tiny horse. There are at least 25 species of seahorses.
Seahorses are truly unique, and not just because of their unusual equine shape. Rarer still, they are among the only animal species on Earth in which the male bears the unborn young.
Found in shallow tropical and temperate waters throughout the world.
A female seahorse lays dozens, sometimes hundreds, of eggs in a pouch on the male seahorse‘s abdomen. It resembles a kangaroo‘s pouch for carrying young. Seahorse young hatch after up to 45 days in the brood pouch.
Unlike kangaroos, baby seahorses do not return to the pouch.
समुद्री घोड़े एक छोटी मछली है जिसका नाम उसके सिर के आकार पर आधारित है जो छोटे घोड़े के समान दिखता है। समुद्री घोड़े की कुल 25 प्रजाति पायी जाती हैं। यह मात्र अपने सिर के आकार के कारण ही विशिष्ट नहीं है बल्कि इसकी विशिष्टता इससे भी परिलक्षित होती है कि विश्व के एक मात्र पशु प्रजाति है जिसमें नर बच्चे को धारण करते हैं। ये विश्वभर में उष्णकटिबंधीय एवं समशीतोष्ण कटिबंधीय जल में पाये जाते हैं।
मादा, नर के पेट से लगे थैले में दर्जनों अंडे पैदा करती है। यह पाउच/धानी कंगारू के थैली जैसी होती है जिसमें वह बच्चे को वहन करता है। इसी थैली में लगभग 45 दिनों के बाद बच्चे अपने अंडे से निकलते हैं। कंगारू के विपरीत समुद्री घोड़े के बच्चे थेले से बाहर निकलने के बाद दुबारा वापस नहीं जाते हैं।