Q50. Which of the following pairs is/ are correctly matched?
Select the correct answer using the codes given below:
Q50. निम्नलिखित में से कौन सी जोड़ी सही सुमेलित है/हैं?
1. कलारीपयट्टू- केरल 2. सिलंबम- तमिलनाडु
3. थोडा- उत्तर प्रदेश 4. थांग-ता-असम
नीचे दिए गए कूट का उपयोग करके सही उत्तर चुनें:
(a) Only 1 and 2
(a) केवल 1 और 2
Ans:50)(a)
Explanation: Kalaripayattu : One of the oldest martial arts in India, Kalaripayattu, although practiced in most parts of southern India, originated in the state of Kerala in the 4th century A.D. This art form includes mock duels (armed and unarmed combat) and physical exercises.
Silambam : Silambam, a kind of staff fencing, is a modern and scientific martial art of Tamil Nadu. The kings that ruled in Tamil Nadu, including Pandya, Chola and Chera, had promoted it during their reign.
Thang-ta : Created by the Meitei people of Manipur, Thanga-ta is an armed martial art that finds its mention in the most lethal combat forms.
Thoda : Originating in the state of Himachal Pradesh, Thoda is a mixture of martial arts, sport and culture. It takes place during Baisakhi (13th and 14th April) every year. A number of community prayers are done so as to invoke the blessings of Goddesses Mashoo and Durga, the pincipal deities.उत्तर:50)(a)
व्याख्या: कलारीपयट्टू: भारत की सबसे पुरानी मार्शल आर्ट में से एक, कलारीपयट्टू, हालांकि दक्षिणी भारत के अधिकांश हिस्सों में प्रचलित है, जिसकी उत्पत्ति केरल राज्य में चौथा शताब्दी में हुई थी। इस कला रूप में नकली युगल (सशस्त्र और निहत्थे युद्ध) और शारीरिक व्यायाम शामिल हैं।
सिलंबम: सिलंबम, एक तरह का स्टाफ फेंसिंग है, जो तमिलनाडु की एक आधुनिक और वैज्ञानिक मार्शल आर्ट है। पांड्य, चोल और चेर सहित तमिलनाडु में शासन करने वाले राजाओं ने अपने शासनकाल के दौरान इसे बढ़ावा दिया था।
थांग-ता: मणिपुर के मेइती लोगों द्वारा निर्मित, थांगा-टा एक सशस्त्र मार्शल आर्ट है जिसका उल्लेख सबसे घातक युद्ध रूपों में मिलता है।
थोडा: हिमाचल प्रदेश राज्य में उत्पन्न, थोडा मार्शल आर्ट, खेल और संस्कृति का मिश्रण है। यह हर साल बैसाखी (13 और 14 अप्रैल) के दौरान होता है। कई देवी-देवताओं की पूजा और देवी दुर्गा का आशीर्वाद लेने के लिए कई सामुदायिक प्रार्थनाएँ की जाती हैं।