Read the following passage and answer the question that follows.
During the last five years, about 13 States/Union Territories (UTs) have announced farm loan waiver schemes. Debt waiver can bring some relief to selected groups of farmers in the short run, but has negative effects on fiscal deficit of States, credit allocation and credit discipline of borrowers and also creates a moral hazard problem. Moreover, only a small proportion of farmers benefit from such schemes. It has been found that the announcement of loan waivers in the past has slowed down credit flow to the sector in the States. There is no credible evidence to show that the loan waiver schemes have reduced the distress of the farmers. The Commission, therefore, is of the considered view that farm loan waiver is not a solution to address agrarian problems but need to address structural and institutional deficiencies in the sector by undertaking comprehensive reforms in agricultural marketing and trade policies, logistics and infrastructure and institutional arrangements.
Q. With reference to the above passage, which of the following statement(s) is/are incorrect?
1. The negative effects such as, fiscal deficit of States, credit allocation due to loan waiver is minimal compared to the relief it provides to the farmer.
2. Though comprehensive reforms in agricultural marketing and trade policies are required, for a short period loan waivers provide the necessary stress relief.
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर प्रश्न का उत्तर दें:
पिछले पांच वर्षों के दौरान, लगभग 13 राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों (UT) ने कृषि ऋण माफी योजनाओं की घोषणा की है।ऋण माफी से अल्पावधि में किसानों के कुछ चुने हुए समूहों को राहत मिल सकती है, लेकिन इसका राज्यों के राजकोषीय घाटे, ऋण आवंटन और कर्त्ताओं के ऋण अनुशासन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है और यह एक नैतिक जोखिम की समस्या भी पैदा करता है।इसके अलावा किसानों के एक छोटे से समूह को ही इस तरह की योजनाओं का लाभ मिलता है।यह देखा गया है कि अतीत में ऋण माफी की घोषणा से राज्यों में इस क्षेत्र में ऋण प्रवाह धीमा हो गया है।यह दिखाने के लिए कोई विश्वसनीय प्रमाण नहीं है कि ऋण माफी योजनाओं ने किसानों की परेशानी को कम कर दिया है।इसलिए, आयोग का विचार है कि कृषि ऋण माफी कृषि समस्याओं के समाधान का तरीका नहीं है, बल्कि कृषि विपणन और व्यापार नीतियों, रसद और बुनियादी ढांचे तथा संस्थागत व्यवस्थाओं में व्यापक सुधार के लिए इस क्षेत्र में संरचनात्मक और संस्थागत कमियों को दूर करने की आवश्यकता है।
Q. उपरोक्त गद्यांश के संदर्भ में, निम्नलिखित में कौन सा/से कथन गलत है/हैं?
1. ऋण माफी के कारण राज्यों का राजकोषीय घाटा, ऋण आवंटन जैसे नकारात्मक प्रभाव किसान को दिए जाने वाली राहत की तुलना में अतिअल्प है।
2. हालांकि कृषि विपणन और व्यापार नीतियों में व्यापक सुधार की आवश्यकता है, छोटी अवधि के लिए ऋण छूट तनाव से राहत प्रदान करती है।