तुम्हारी भेंट-मुलाकात अक्सर कुछ ऐसे लोगों से भी होती होगी या हो सकती है जिनकी आँखें नहीं होतीं, जो बोल और सुन नहीं सकते। कुछ वैसे भी लोग होंगे या हो सकते हैं जो हाथ-पैर या अपने किसी अन्य अंग से सामान्य मनुष्य की तरह काम नहीं कर सकते। अब तुम बताओ कि–
(क) यदि तुम्हें किसी गूँगे व्यक्ति से कुछ समझना हो तो क्या करोगे?
(ख) यदि तुम्हें किसी बहरे व्यक्ति को कुछ बताना हो तो क्या करोगे?
(ग) यदि तुम्हें किसी अंधे व्यक्ति को कुछ बताना हो तो क्या करोगे?
(घ) किसी ऐसे व्यक्ति के साथ खेलने का अवसर मिल जाए जो चल फिर नहीं सकता हो तो क्या करोगे?
(क) हम इशारों से या कुछ द्योतक दिखाकर उसके बारे में लिखकर पूछेंगे। जो वह कहना चाहेंगे उसे ध्यान से उनके इशारे से या उनकी लिखावट से समझेंगे।
(ख) उसे लिखकर या इशारों से समझाएँगे और समझेंगे।
(ग) अंधे व्यक्ति को कुछ बताने के लिए उसे बोलकर बताएँगे या उसका हाथ पकरकर उसे स्पर्श कराकर समझाएँगे।
(घ) उसके साथ बैठकर खेलनेवाला कोई खेल खेलेंगे; जैसे –लूडो, कैरम, ताश, शतरंज आदि।