(क) न
(ख) आम्
(ग) न
(घ) न
(ङ) न
(च) आम्
उपयुक्तकथनानां समक्षम् 'आम्' अनुपयुक्तकथनानां समक्षं न इति लिखत −
यथा
सिंह: करिणां कुलं हन्ति।
आम्
(क)
कातरो युद्धे युद्धयते।
-
(ख)
कस्तूरी मृगात् जायते।
(ग)
मृगात् सिंह: पलायते
(घ)
कंस: जघान कृष्णम्।
(ङ)
तक्रं शक्रस्य दुर्लभम्।
(च)
जयन्त: कृष्णस्य पुत्र।
श्लोकांशान् योजयत −
क
ख
किं कुर्यात् कातरो युद्धे
मृगात् सिंह: पलायते।
विद्वद्भि: का सदा वन्घा
अत्रैवोक्तं न बुध्यते।
कं सञ्जघान कृष्ण:
काशीतलवाहिनी गङ्गा।
कथं विष्णुपदं प्रोक्तं