'व्यक्तित्व के विकास में प्रश्न की भूमिका' विषय पर कक्षा में चर्चा कीजिए।
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प्रश्न व्यक्तित्व के विकास में बहुत बड़ी भूमिका रखता है। प्रश्न उसके दिमाग में उठने वाले विचारों की प्रतिक्रिया है। इससे उसकी वैचारिक शक्ति और इच्छा का पता चलता है। यही कारण है कि लोग बच्चों के प्रश्नों के हर जवाब का उत्तर देते हैं। बच्चे हर चीज़ को जानना चाहते हैं। प्राप्त जानकारी को वे ऐसे ही स्वीकार नहीं करते हैं। उनकी तर्क शक्ति हमें चारों से घेर लेती है। वे जब पूछते हैं, तो विषय सरल से होकर गंभीर होता चला जाता है। कई बार उनके द्वारा पूछे गए सरल प्रश्न से चलते हुए वे जटिल प्रश्नों का अंबार लगा देते हैं। जितना वे जानते चले जाते हैं, उनके ज्ञान में बढ़ोतरी होती चली जाती है। अतः प्रश्न पूछने वाले को अच्छा माना जाता है। यह समझा जाता है कि किसी विषय पर वह गहराई से सोचता है। प्रश्न पूछकर वह उसे और जानना चाहता है और अपनी शंका का समाधान चाहता है।