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Question

Q. With reference to the Brahmo Samaj, which of the following statements is incorrect?

Q. ब्रह्म समाज के संदर्भ में, निम्नलिखित में कौन सा कथन गलत है?


A

Faith in the doctrines of Karma and Rebirth were optional
कर्म और पुनर्जन्म के सिद्धांतों में विश्वास स्वैच्छिक था।
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B

It did not believe in idol worship but, it believed in divine avataras
यह मूर्ति पूजा में विश्वास नहीं करता था, परन्तु यह दिव्य अवतार में विश्वास करता था।
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C
It worked for the abolition of the purdah system.
इसने पर्दा प्रथा के उन्मूलन के लिए काम किया।
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D

It denied that any scripture could enjoy the status of ultimate authority.
इसने यह मानने से इंकार किया कि किसी धर्म-शास्त्र को परम शक्ति प्राप्त हो सकती है।
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Solution

The correct option is B
It did not believe in idol worship but, it believed in divine avataras
यह मूर्ति पूजा में विश्वास नहीं करता था, परन्तु यह दिव्य अवतार में विश्वास करता था।

Explanation :

The long-term agenda of the Brahmo Samaj - to purify Hinduism and preach monotheism-was based on the twin pillars of

(i) Reason

(ii)Vedas and Upanishads.

Option (a) is correct.

It took no definite stand on the doctrine of;karma and transmigration of soul and left it to- individual Brahmos to believe either way;

Option (b) is incorrect.

It discarded faith in divine avataras (incarnations).

Option (c) is correct.

It condemned the prevailing Hindu prejudice against going abroad. It worked for a respectable status for women in society—condemned sati, worked for abolition, of purdah system, discouraged child marriages and polygamy, crusaded for widow remarriage and for provisions.

Option (d) is correct.

It criticised the caste system. In matters of social reform, the Samaj attacked many dogmas and superstitions.It denied that any scripture could enjoy the status of ultimate authority transcending/ human reason and conscience;

व्याख्या :

ब्रह्म समाज का दीर्घकालिक लक्ष्य हिंदू धर्म को शुद्ध करना और एकेश्वरवाद का प्रचार करना था।यह दो स्तम्भों पर आधारित था:

(i) तर्क तथा (ii) वेद और उपनिषद।

विकल्प (a) सही है।

इसने आत्मा और कर्म के सिद्धांत पर कोई निश्चित रुख नहीं अपनाया और इसे व्यक्तिगत विश्वास पर छोड़ दिया;

विकल्प (b) गलत है।

इसने दिव्य अवतारों (अवतारों) में विश्वास को नकारा।

विकल्प (c) सही है।

इसने विदेश जाने के खिलाफ हिंदू धर्म में प्रचलित पूर्वाग्रह की निंदा की।इसने समाज में महिलाओं को सम्मानजनक स्थिति दिलाने के लिए काम किया।इसने सती प्रथा की आलोचना की।इसने पर्दा प्रथा का उन्मूलन, बाल विवाह और बहुविवाह रोकने तथा विधवा पुनर्विवाह के क्षेत्र में भी काम किया।

विकल्प (d) सही है।

इसने जाति व्यवस्था की आलोचना की।सामाजिक सुधार की दिशा में ब्रह्म समाज ने कई रूढ़ियों और अंधविश्वासों पर प्रहार किया।इसने इस बात से असहमति जताई कि किसी धर्म-शास्त्र को मानवीय तर्क या विवेक की उपेक्षा कर परम शक्ति प्राप्त हो सकती है।


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