Q. With reference to the Civil Disobedience Movement, consider the following statements:
Which of the statements given above is/are correct?
Q. सविनय अवज्ञा आंदोलन के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
उपर्युक्त कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?
A
1 only
केवल 1
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B
2 and 3 only
केवल 2 और 3
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C
3 only
केवल 3
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D
1, 2 and 3
1, 2 और 3
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Solution
The correct option is B
2 and 3 only
केवल 2 और 3 Explanation:
Statement 1 is incorrect:Gopabandhu Chaudhuri popularised the movement in Orissa and led the salt satyagraha in the coastal areas of Balasore, Cuttack and Puri districts. Kalka Prasad, a local leader in Rai Bareilly, promoted the no-rent campaign.
Statement 2 is correct: Andhra Region District salt marches were organised in east and west Godavari, Krishna and Guntur. A number of ‘sibirams’ (military style camps) were set up to serve as the headquarters of the Salt Satyagraha.
Statement 3 is correct: The methods like No-rent campaigns and forest satyagraha were used during the Civil-Disobedience movement. Maharashtra, Karnataka, Central Provinces saw defiance of forest laws such as grazing and timber restrictions and public sale of illegally acquired forest produce. In United Provinces a no-rent campaign was organised wherein a call was given to zamindars to refuse to pay revenue to the government.
व्याख्या:
कथन 1 गलत है: गोपबंधु चौधरी ने उड़ीसा में आंदोलन को लोकप्रिय बनाया और बालासोर, कटक तथा पुरी जिलों के तटीय क्षेत्रों में नमक सत्याग्रह का नेतृत्व किया। राय बरेली में एक स्थानीय नेता, कालका प्रसाद ने ‘नो-रेंट’ अभियान को बढ़ावा दिया।
कथन 2 सही है: आंध्र क्षेत्र में जिला नमक मार्च का आयोजन पूर्व और पश्चिम गोदावरी, कृष्णा और गुंटूर में किया गया था। नमक सत्याग्रह के मुख्यालय के रूप में कार्य करने के लिए कई 'सिबिरम' (सैन्य शैली के शिविर) स्थापित किए गए थे।
कथन 3 सही है: सविनय-अवज्ञा आंदोलन के दौरान ‘नो-रेंट’ अभियान और ‘वन सत्याग्रह’ जैसे तरीकों का इस्तेमाल किया गया था। महाराष्ट्र, कर्नाटक एवं मध्य प्रांत चराई और लकड़ी काटने पर प्रतिबंध जैसे वन कानूनों की अवहेलना और अवैध रूप से इकट्ठा किए गए वनोपज की सार्वजनिक बिक्री के साक्षी थे। संयुक्त प्रांत में ‘नो-रेंट’ अभियान चलाया गया जिसके अंतर्गत जमींदारों से सरकार को राजस्व देने से इनकार करने का आह्वान किया गया था।