Q. With reference to the Parliament of India, consider the following statements:
Which of the statements given above is/are correct?
Q. भारत की संसद के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:
उपर्युक्त कथनों में से कौन सा/से सही है / हैं?
Explanation:
Statement 1 is incorrect: Adjournment sine die means terminating a sitting of Parliament for an indefinite period. In other words, when the House is adjourned without naming a day for reassembly, it is called adjournment sine die. The power of adjournment, as well as adjournment sine die lies with the presiding officer of the house. He/She can also call a sitting of the house before the date or time to which it has been adjourned or at any time after the house has been adjourned sine die.
Statement 2 is correct: When the Lok Sabha is dissolved, all business including bills, motions, resolutions, notices, petitions and so on pending before it or its committees lapse. They (to be pursued further) must be reintroduced in the newly-constituted Lok Sabha. However, some pending bills and all pending assurances that are to be examined by the Committee on Government Assurances do not lapse on the dissolution of the Lok Sabha.
व्याख्या :
कथन 1 गलत है: "अनियत दिन के लिए स्थगन" का अर्थ है अनिश्चित काल के लिए संसद की बैठक का निलंबन। दूसरे शब्दों में, जब अगली बैठक की जानकारी दिए बिना ही सदन स्थगित कर दी जाती है, तो इसे "अनियत दिन के लिए स्थगन" कहा जाता है। स्थगन, साथ ही "अनियत दिन के लिए स्थगन" की शक्ति सदन के पीठासीन अधिकारी के पास होती है। वह नियत समय या उससे पहले या "अनियत दिन के लिए स्थगन" के बाद कभी भी बैठक बुला सकता है।
कथन 2 सही है: जब लोकसभा को भंग किया जाता है, तो विधेयक, प्रस्ताव, संकल्प, नोटिस, याचिका सहित सभी गतिविधियाँ जो इसके या इसकी समितियों के सामने विचाराधीन होती हैं, समाप्त हो जाती हैं। उन्हें (आगे बढ़ाने के लिए) नव-गठित लोकसभा में फिर से प्रस्तुत किया जाना अनिवार्य है । हालाँकि, कुछ लंबित विधेयकों और सभी लंबित आश्वासनों जिनकी जाँच सरकारी आश्वासनों संबंधी समिति को करनी होती है, लोकसभा के भंग होने पर समाप्त नहीं होती हैं।