Q. With respect to the Prasar Bharati Corporation, consider the following statements:
Which of the statements given above is/are correct?
Q. प्रसार भारती निगम के संबंध में, निम्नलिखित कथनों पर विचार करें: उपर्युक्त कथनों में से कौन सा/से सही है / हैं ?
A
1 and 2 only
केवल 1 और 2
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B
2 only
केवल 2
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C
1 and 3 only
केवल 1 और 3
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D
3 only
केवल 3
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Solution
The correct option is B
2 only
केवल 2 Explanation:
Public broadcaster Prasar Bharati (PB) has turned down a resolution moved by the Union ministry of information and broadcasting (I&B) to appoint a serving IAS officer to its board saying the resolutions moved by the ministry would “amount to infringing Prasar Bharati’s autonomy”.
Statement 1 is incorrect: It is a statutory autonomous body set up by an Act of Parliament and comprises the Doordarshan Television Network and All India Radio. The Parliament of India passed the Prasar Bharati Act to grant autonomy in 1990.
Statement 2 is correct: The Prasar Bharati Corporation’s main objective is to provide autonomy to Doordarshan and Akashvani in order to “educate and entertain the public.” Section 12 (3) (b) of the act reinforces that the purpose of establishing the corporation is to gather news, not propaganda.
Statement 3 is incorrect: The President of India appoints the Chairman and the other Members, except the ex officio members, nominated members and the elected members.
व्याख्या:
सार्वजनिक प्रसारणकर्ता प्रसार भारती (पीबी) ने केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय (आईएंडबी) द्वारा एक सेवारत आईएएस अधिकारी को अपने बोर्ड में नियुक्त करने के एक प्रस्ताव को ठुकरा दिया है, प्रसार भारती का तर्क है कि मंत्रालय द्वारा उठाए गए प्रस्तावों का “प्रसार भारती की स्वायत्तता पर प्रभाव पडेगा । "
कथन 1 गलत है: यह संसद के अधिनियम द्वारा स्थापित एक वैधानिक स्वायत्त निकाय है और इसमें दूरदर्शन टेलीविजन नेटवर्क और ऑल इंडिया रेडियो भी शामिल हैं। भारत की संसद ने 1990 में इसे स्वायत्तता प्रदान करने के लिए प्रसार भारती अधिनियम पारित किया।
कथन 2 सही है: प्रसार भारती निगम का मुख्य उद्देश्य हैदूरदर्शन और आकाशवाणी को "जनता को शिक्षित और मनोरंजन करने" के लिए स्वायत्तता प्रदान करना है। अधिनियम की धारा 12 (3) (b) इस बात को पुष्ट करती है कि निगम की स्थापना का उद्देश्य प्रचार नहीं, अपितु समाचार एकत्र करना है।
कथन 3 गलत है: केवल पदेन सदस्यों, नामित सदस्यों और निर्वाचित सदस्यों को छोड़कर भारत का राष्ट्रपति अध्यक्ष और अन्य सदस्यों की नियुक्ति करता है।