A. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 1 से संबंधित: आज इससे संबंधित कुछ नहीं है। B. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित: आज इससे संबंधित कुछ नहीं है। C. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित: पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी
भारतीय अर्थव्यवस्था
D. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 4 से संबंधित: आज इससे संबंधित कुछ नहीं है। E. संपादकीय: आज इससे संबंधित कुछ नहीं है। F. प्रीलिम्स तथ्य:
G. महत्वपूर्ण तथ्य:
H. UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न: I. UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न: |
ऑपरेशन गज ने चित्तूर के कुमकी के महत्त्व को उजागर किया
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित
पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी
विषय: संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण और क्षरण, पर्यावरणीय प्रभाव का आकलन।
प्रारंभिक परीक्षा: कुमकी, ऑपरेशन गज, एशियाई हाथी – संरक्षण स्थिति, हाथी परियोजना।
मुख्य परीक्षा- भारत में मानव-पशु संघर्ष, वनों का संरक्षण।
प्रसंग:
- आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले के रामपुरम गांव में एक जंगली हाथी ने तबाही मचाई, जिसमें किसानों की मौत हो गई और अन्य घायल हो गए।
इससे कैसे निपटा गया?
- वन विभाग ने हाथी को “बहुत खतरनाक” माना और हाथी को पकड़ने के लिए चित्तूर और तिरूपति जिलों की छह रेंजों के पर्यवेक्षकों, पशु ट्रैकरों और बीट अधिकारियों सहित 100 कर्मियों की एक टीम तैनात की।
- ऑपरेशन में मदद के लिए नानियाला वन शिविर (चित्तूर, आंध्र प्रदेश) से कुमकी (प्रशिक्षित हाथी) को लाया गया था। ये कैप्टिविटी में प्रशिक्षित किए गए हाथी होते हैं जिनका उपयोग किसी घायल जंगली हाथी को पकड़ने और बचाने या चिकित्सा उपचार प्रदान करने के लिए किया जाता है।
- जंगली हाथी को एक गन्ने के खेत में पाया गया और कुमकियों ने कुछ घंटों तक उसका पीछा किया, अंततः उसे पकड़ लिया गया और बेहोश कर दिया गया।
- पकड़े गए हाथी को चिकित्सा परीक्षण और सुरक्षित रखने के लिए तिरूपति के श्री वेंकटेश्वर प्राणी उद्यान में ले जाया गया।
- वन विभाग और ग्रामीणों ने “ऑपरेशन गज” के दौरान जंगली हाथी को पकड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका के लिए प्रशिक्षित हाथियों को श्रेय दिया।
संरक्षण के प्रयास
- एशियाई हाथी
- यह एशिया का सबसे बड़ा भूमि स्तनपायी है।
- वे अफ़्रीकी बुश हाथी से छोटे होते हैं।
- मादाओं में टस्क (हाथी दाँत) आमतौर पर नहीं होते हैं, वहीं ये नर में अधिक विकसित होते हैं।
- मनुष्यों, वानरों और कुछ डॉल्फ़िन प्रजातियों में पाए जाने वाले नियोकोर्टेक्स के समान बड़ा और सुविकसित नियोकोर्टेक्स पाया जाता है।
- इनमें अन्य सतही जीवों की तुलना में संज्ञानात्मक प्रोसेसिंग के लिए सेरेब्रल कॉर्टेक्स की अधिक मात्रा होती है।
- ये करुणा, सहयोग, आत्म-जागरूकता और भाषा सहित भावनाओं और व्यवहारों की एक श्रृंखला प्रदर्शित करते हैं।
- श्रीलंकाई हाथी (एलिफस मैक्सिमस मैक्सिमस), भारतीय हाथी (एलिफस मैक्सिमस इंडिकस) और सुमात्राण हाथी (एलिफस मैक्सिमस सुमैट्रानस) महत्वपूर्ण उपप्रजातियां हैं।
- इसे IUCN लाल सूची में ‘लुप्तप्राय’ के रूप में सूचीबद्ध किया गया है।
- यह भारतीय वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की अनुसूची I और CITES के परिशिष्ट I में सूचीबद्ध है।
- यह भारत भर के 28 राज्यों में से 16 में पाया जा सकता है।
हाथी परियोजना भारत सरकार द्वारा 1992 में तीन मुख्य लक्ष्यों के साथ एक केंद्र प्रायोजित योजना के रूप में शुरू की गई थी:
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- हाथियों, उनके आवासों और प्रवास मार्गों की सुरक्षा करना।
- मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करना।
- कैप्टिव हाथियों के कल्याण में सुधार करना।
- पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय हाथी परियोजना के माध्यम से प्रमुख हाथी रेंज वाले राज्यों को वित्तीय और तकनीकी सहायता प्रदान करता है।
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सारांश:
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भारत के तीन-चौथाई सिंचाई स्रोत बिजली से चलते हैं: अध्ययन
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित
भारतीय अर्थव्यवस्था
विषय: सिंचाई और सिंचाई प्रणालियों के विभिन्न प्रकार।
प्रारंभिक परीक्षा: लघु सिंचाई गणना, जल उपभोग पैटर्न।
मुख्य परीक्षा: लघु सिंचाई योजनाओं का महत्व, भारत में जल उपयोग की वहनीयता।
प्रसंग:
- लघु सिंचाई गणना (MIC) के छठे संस्करण से पता चलता है कि सिंचाई के लिए ऊर्जा का प्रमुख स्रोत बिजली है, जो कुल स्रोतों का 76% है।
रिपोर्ट के महत्वपूर्ण विवरण
- सिंचाई के लिए बिजली के उपयोग में पिछले वर्षों की तुलना में धीमी वृद्धि देखी गई है, जो 2011 में 56% से बढ़कर 2017 में 70% और फिर नवीनतम रिपोर्ट में 76% हो गई है।
- भूजल निकासी का विद्युतीकरण ट्यूबवेल और बोरवेल के उपयोग में वृद्धि से मेल खाता है। ट्यूबवेल और बोरवेल अधिक गहराई से पानी निकाल सकते हैं।
- डगवेल या तालाबों और उथले ट्यूबवेलों की संख्या में कमी आई है, वहीं मध्यम आकार (70 मीटर तक पानी खींचने वाले) वाले और गहरे कुएं (70 मीटर से अधिक) की संख्या में वृद्धि हुई है।
- कुल मिलाकर, देश में विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा 23.14 मिलियन लघु सिंचाई योजनाओं की जानकारी दी गईं, जिनमें से 21.93 मिलियन (लगभग 95%) भूजल निकासी के लिए और 1.21 मिलियन सतही जल निकासी के लिए थीं। इससे अत्यधिक भूजल दोहन को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं।
- देश में लघु सिंचाई योजनाओं की सबसे अधिक संख्या उत्तर प्रदेश में थी, इसके बाद महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और तमिलनाडु का स्थान था।
- सतही जल योजनाओं में महाराष्ट्र, कर्नाटक, तेलंगाना, ओडिशा और झारखंड की हिस्सेदारी सबसे अधिक है।
- पांचवें और छठे संस्करण के बीच लघु सिंचाई योजनाओं की संख्या में लगभग 1.42 मिलियन की वृद्धि हुई।
- निजी स्वामित्व वाले और दो हेक्टेयर से कम भूमि वाले छोटे और सीमांत किसान इन लघु सिंचाई योजनाओं के प्रमुख लाभार्थी (96.6%) थे।
लघु सिंचाई गणना की आवश्यकता क्यों है?
- भारत में जलवायु और मौसम की स्थितियाँ विविध हैं और विभिन्न क्षेत्रों में बहुत भिन्न होती हैं। कुछ क्षेत्रों में अत्यधिक गर्मी होती है, जबकि अन्य में बहुत ठंड होती है।
- मानसून अनियमित और अप्रत्याशित होता है और पूरे देश में इसका वितरण असमान होता है। परिणामस्वरूप, भारत के कई हिस्सों के लिए सिंचाई आवश्यक है।
- गैर-सिंचित कृषि पूरी तरह से वर्षा पर निर्भर रहती है और यह केवल फसल विकास अवधि के दौरान मिट्टी में लगातार नमी का स्तर बनाए रखने वाले क्षेत्रों में ही संभव है।
- सिंचित कृषि मानव निर्मित स्रोतों, जैसे नदियों, झीलों या जलाशयों के पानी से वर्षा की भरपाई करती है।
- लघु सिंचाई योजनाएँ भारत की खाद्य सुरक्षा और संबद्ध उद्योगों को संरक्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। लघु सिंचाई गणना जल उपयोग पैटर्न को समझने और टिकाऊ सिंचाई स्रोत विकसित करने में मदद करती है। इन गणनाओं से एकत्र किया गया डेटा नीति निर्माताओं को लघु सिंचाई योजनाओं की प्रभावी ढंग से योजना बनाने, विकसित करने और प्रबंधित करने में मदद करता है।
- इसे जल शक्ति मंत्रालय द्वारा जारी किया गया है।
- लघु सिंचाई योजनाओं की पहली पाँच गणनाएँ क्रमशः 1986-87, 1993-94, 2000-01, 2006-07 और 2013-14 में आयोजित की गईं। इस रिपोर्ट के हालिया छठे संस्करण में वर्ष 2017-18 के लिए सिंचाई के रुझानों का विवरण दिया गया है।
सारांश:
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संपादकीय-द हिन्दू
संपादकीय:
आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।
प्रीलिम्स तथ्य:
- प्रज्ञान ने अपना कार्य पूरा कर लिया है; इसरो का कहना है कि रोवर सुरक्षित रूप से पार्क हो गया है और स्लीप मोड में चला गया है:
- भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने घोषणा की कि चंद्रयान -3 के रोवर, प्रज्ञान ने अपना कार्य पूरा कर लिया है और उसे सुरक्षित रूप से पार्क कर स्लीप मोड में डाल दिया गया है।
- रोवर के अल्फा पार्टिकल एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर (APXS) और लेजर-इंड्यूस्ड ब्रेकडाउन स्पेक्ट्रोस्कोप (LIBS) को बंद कर दिया गया है, एवं उनसे प्राप्त डेटा को लैंडर के माध्यम से पृथ्वी पर वापस भेज दिया गया है।
- APXS को अहमदाबाद की भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला (PRL) द्वारा विकसित किया गया है। इसका उपयोग चंद्रमा जैसे अल्प वातावरण वाले ग्रह पिंडों की सतह पर मिट्टी और चट्टानों की मौलिक संरचना के विश्लेषण के लिए किया जाता है। उपकरण में रेडियोधर्मी स्रोत होते हैं जो विश्लेषण करने के लिए सतह के नमूने पर अल्फा कणों और एक्स-रे का उत्सर्जन करते हैं।
- दूसरी ओर, LIBS उपकरण लेबोरेटरी फॉर इलेक्ट्रो-ऑप्टिक्स सिस्टम (LEOS)/इसरो, बेंगलुरु में विकसित किए गए हैं।
- APXS और LIBS सिस्टम ने पहले चंद्रमा की सतह पर सल्फर की मौजूदगी की पुष्टि की थी।
- रोवर की बैटरी पूरी तरह से चार्ज है, और इसका सौर पैनल 22 सितंबर को अगला सूर्योदय होने पर सूर्य की रोशनी प्राप्त करने के लिए सही स्थिति में है।
- इसरो ने रोवर के आगे के मिशनों के सफलतापूर्वक शुरू होने की उम्मीद जताई अन्यथा रोवर चंद्रमा पर भारत के चंद्र राजदूत के रूप में रहेगा।
- रोवर ने लैंडर विक्रम से चंद्रमा की सतह पर 100 मीटर से अधिक की यात्रा की है।
- आर्कटिक समुद्रों में “अटलांटिकीकरण” की प्रक्रिया को क्या संचालित करता है?
- अटलांटिकीकरण एक समुद्री परिघटना है जहां अटलांटिक महासागर से गर्म पानी का घुमाव आर्कटिक महासागर की ओर देखने को मिलता है, जिससे आर्कटिक महासागर गर्म, लवणीय और तेजी से बर्फ रहित हो गया है जो पहले ठंडा, ताज़ा और बर्फ से ढका हुआ था।
- महासागर के वैश्विक परिसंचरण पैटर्न के कारण पानी अटलांटिक से आर्कटिक में प्रवाहित होता है।
- यह आदान-प्रदान मुख्य रूप से गहरे पानी में होता है, जहाँ धाराएँ गर्म और लवणीय अटलांटिक जल को उत्तर की ओर ले जाती हैं।
- अटलांटिक का गर्म जल आर्कटिक के सतही पानी जो ठंडा और ताज़ा होता है, के साथ अच्छी तरह से मिश्रित नहीं होता है।
- ताजा आर्कटिक जल लवणीय अटलांटिक जल की तुलना में कम सघन होता है, इसलिए यह ऊपर तैरता है, जिससे अटलांटिक जल समुद्र की सतह के नीचे रह जाता है।
- हालाँकि, जैसे-जैसे समुद्री बर्फ समाप्त हो रही है, आर्कटिक महासागर की सतह गर्म हो रही है। परतों (यानी आर्कटिक जल और अटलांटिक जल) के बीच का अवरोध कमजोर हो रहां है, जिससे अटलांटिक जल ऊपरी परत में अधिक आसानी से मिश्रित हो सकता है।
- यह एक फीडबैक लूप निर्मित कर रहा है जहां:
- गर्म सतह का पानी समुद्री बर्फ को अधिक पिघलाता है।
- समुद्र की सतह का सूर्य के प्रकाश के प्रति संपर्क बढ़ जाता है।
- जल का तापमान बढ़ जाता है, आर्कटिक महासागर में समुद्र का स्तरीकरण बाधित हो जाता है, जिससे अधिक बर्फ पिघलती है।
- अटलांटिकीकरण को संचालित करने वाली शक्ति आर्कटिक द्विध्रुव है, जो उत्तरी अमेरिका के ऊपर प्रतिचक्रवाती हवाओं और यूरेशिया के ऊपर चक्रवाती हवाओं की विशेषता वाला पैटर्न है।
- आर्कटिक द्विध्रुव फ्रैम जलडमरूमध्य के माध्यम से उत्तरी अटलांटिक से पानी के प्रवाह को प्रभावित करता है जिससे क्षेत्र में बर्फ का वितरण प्रभावित होता है।
- एक्स रे पर एआई का उपयोग करके टीबी के अधिक मामलों का पता लगाया जा सकता है:
- छाती के एआई-असिस्टेड एक्स-रे, जैसे कि quir.ai द्वारा विकसित qXR, अनुमानित टीबी मामलों का शीघ्रता से पता लगाने में मदद कर सकते हैं।
- भारत में, 2019-2021 के राष्ट्रीय टीबी प्रसार सर्वेक्षण में पाया गया कि लगभग 43% टीबी के मामले छाती के एक्स-रे की कमी के कारण छूट जाते हैं।
- भारतीय नियामक अधिकारियों ने qXR को मंजूरी दे दी है, तथा यह 15 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में >90% संवेदनशीलता और >70% विशिष्टता की WHO आवश्यकता को भी पूरा करता है।
- हालाँकि, राज्य qXR को अपनाने के लिए केंद्रीय टीबी प्रभाग के निर्देश का इंतजार कर रहे हैं, जो इसे व्यापक रूप से अपनाने को प्रोत्साहित कर सकता है।
- 2025 तक टीबी उन्मूलन के भारत के महत्वाकांक्षी लक्ष्य के लिए टीबी से पीड़ित लाखों लोगों का शीघ्र निदान और देखभाल शुरू करना महत्वपूर्ण है।
- सामुदायिक स्क्रीनिंग के हिस्से के रूप में आणविक परीक्षण से पहले डिजिटल एक्स-रे को पढ़ने के लिए qXR का उपयोग करने से टीबी का प्रसार कम हो जाएगा और आवश्यक आणविक परीक्षणों की संख्या कम हो जाएगी।
- qXR के उपयोग से आणविक परीक्षणों की पॉजिटिविटी 18-27% बढ़ गई।
महत्वपूर्ण तथ्य:
- प्रशामक देखभाल रोगियों के लिए सामुदायिक रेडियो स्टेशन:
- रेडियो सांथवनम 90.4 एफएम केरल में पेन एंड पैलिएटिव केयर ट्रस्ट द्वारा संचालित एक सामुदायिक रेडियो स्टेशन है, जिसका उद्देश्य असाध्य रूप से बीमार रोगियों और प्रशामक देखभाल से गुजर रहे लोगों को सशक्त बनाना है।
- यह रेडियो स्टेशन कार्यक्रमों की एक विस्तृत श्रृंखला प्रसारित करेगा जिससे सामाजिक संपर्क मजबूत हो सकेगा और मरीजों के जीवन की गुणवत्ता बढ़ेगी, जिसमें निःशुल्क नैदानिक सेवाओं और दवा की जानकारी भी शामिल है।
- यह मरीजों और देखभाल करने वालों को विशेषज्ञों के साथ बातचीत करने और अपने अनुभव साझा करने के लिए एक मंच भी प्रदान करेगा।
UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:
प्रश्न 1. मानव विकास सूचकांक निम्नलिखित में से किसके द्वारा प्रकाशित किया जाता है?
- संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP)
- अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष
- विश्व बैंक
- विश्व आर्थिक मंच
उत्तर: a
व्याख्या:
- मानव विकास सूचकांक संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) द्वारा प्रकाशित किया जाता है।
प्रश्न 2. भारत का पहला सौर वेधशाला मिशन – ‘आदित्य L1’ निम्नलिखित में से किसके द्वारा प्रक्षेपित किया गया?
- ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (PSLV)
- संवर्धित उपग्रह प्रक्षेपण यान (ASLV)
- भू-तुल्यकालिक उपग्रह प्रक्षेपण यान एमकेIII (GSLV-MkIII)
- भू-तुल्यकालिक उपग्रह प्रक्षेपण यान (GSLV)
उत्तर: a
व्याख्या:
- इसरो ने श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (PSLV) की 59वीं उड़ान के जरिए भारत का पहला सौर वेधशाला मिशन – आदित्यL1 प्रक्षेपित किया।
प्रश्न 3. निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
- अटलांटिकीकरण (Atlantification) से तात्पर्य आर्कटिक में अटलांटिक जल के बढ़ते प्रभाव से है।
- अटलांटिक जल में वह गर्मी बर्फ को बनने से रोकती है और नीचे से मौजूदा समुद्री बर्फ को पिघला देती है।
निम्नलिखित कूट का प्रयोग कर सही उत्तर का चयन कीजिए:
- केवल 1
- केवल 2
- 1 और 2 दोनों
- न तो 1, न ही 2
उत्तर: c
व्याख्या:
- दोनों कथन सही हैं: हाल के वर्षों में अटलांटिक महासागर के गर्म जल का घुमाव आर्कटिक महासागर की ओर हो गया है, इस परिघटना को “अटलांटिकीकरण” कहा जाता है।
प्रश्न 4. प्रायः चर्चा में देखा जाने वाला शब्द ‘कुमकी’ (Kumki) निम्नलिखित में से किसे संदर्भित करता है?
- केरल में प्रचलित रॉड कठपुतली
- जंगली हाथियों को पकड़ने में प्रयोग में आने वाले प्रशिक्षित कैप्टिव एशियाई हाथी
- पुलिकली लोक कला में भाग लेने वाले कलाकार
- जल्लीकट्टू में भाग लेने वाले प्रशिक्षित बैल
उत्तर: b
व्याख्या:
- ‘कुमकी’ भारत में प्रशिक्षित कैप्टिव एशियाई हाथियों के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला शब्द है, जिसका इस्तेमाल जंगली हाथियों को पकड़ने, घायल जंगली हाथी को बचाने या चिकित्सा उपचार प्रदान करने के लिए किया जाता है।
प्रश्न 5. डंपिंग-रोधी शुल्क के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
- डंपिंग-रोधी शुल्क से तात्पर्य निर्यातक देश में इन वस्तुओं के उत्पादकों को दी जाने वाली सब्सिडी के प्रतिसंतुलन के लिए आयातित वस्तुओं पर लगाए गए प्रशुल्क से है।
- यह घरेलू उत्पादकों की सुरक्षा के लिए आयात सब्सिडी के नकारात्मक प्रभाव का मुकाबला करने के लिए लगाया जाता है।
- यह वस्तुओं की डंपिंग और उसके व्यापार विकृत प्रभाव (trade distortive effect) से उत्पन्न परिस्थिति को ठीक करने के लिए लगाया जाता है।
उपर्युक्त कथनों में से कितना/कितने सही है/हैं?
- केवल एक
- केवल दो
- सभी तीनों
- इनमें से कोई नहीं
उत्तर: a
व्याख्या:
- कथन 1 और 2 में प्रतिकारी-शुल्क (Countervailing Duties – CVD) का संदर्भ है। डंपिंग-रोधी शुल्क प्रतिकारी-शुल्क से अलग होता है। घरेलू उत्पादकों की सुरक्षा हेतु आयात सब्सिडी के नकारात्मक प्रभाव का मुकाबला करने के लिए CVD लगाया जाता है।
UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:
- आदित्य-L1 मिशन की मुख्य विशेषताओं और इसके उद्देश्यों पर चर्चा कीजिए।
- लघु सिंचाई गणना के छठे संस्करण के निष्कर्षों का परीक्षण कीजिए।
(250 शब्द, 15 अंक) (GS-III; विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी)
(250 शब्द, 15 अंक) (GS-III; भारतीय अर्थव्यवस्था)