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UPSC परीक्षा कम्प्रेहैन्सिव न्यूज़ एनालिसिस - 10 July, 2022 UPSC CNA in Hindi

10 जुलाई 2022 : समाचार विश्लेषण

A.सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 1 से संबंधित:

आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।

B.सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:

अंतर्राष्ट्रीय संबंध

  1. ध्रुवीकृत विश्व में एक बहुपक्षीय मंच
  2. जनता के विरोध के बाद गोटाबाया पद छोड़ने को तैयार

C.सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:

पर्यावरण

  1. द्रास के ग्लेशियर क्षेत्र तेजी से घट रहे हैं: अध्ययन

D.सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 4 से संबंधित:

आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।

E.सम्पादकीय:

पर्यावरण

  1. हरित कानूनों में बदलाव

F. प्रीलिम्स तथ्य:

  1. लाल पांडा और सिंगलीला राष्ट्रीय उद्यान

G.महत्वपूर्ण तथ्य:

  1. मनरेगा के साइट सुपरवाइजर वेतन भुगतान के इंतजार में
  2. प्राचीन बौद्ध स्थल

H. UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:

I. UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न :

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित

अंतरराष्ट्रीय संबंध

ध्रुवीकृत विश्व में एक बहुपक्षीय मंच

विषय: द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह और भारत से संबंधित और/अथवा भारत के हितों को प्रभावित करने वाले करार।

प्रारंभिक परीक्षा: G 20 के बारे में

मुख्य परीक्षा: G20 का महत्व, G20 की प्रमुख चुनौतियाँ और भारत के लिए भावी कदम

संदर्भ

  • 2022 में G-20 विदेश मंत्री की बैठक बाली, इंडोनेशिया में आयोजित की गई।

G-20

  • G20 एक रणनीतिक बहुपक्षीय समूह है जिसमें विश्व की प्रमुख विकसित और उभरती अर्थव्यवस्थाएं शामिल हैं।
  • G20 की स्थापना 1999 में 1997-1998 के एशियाई वित्तीय संकट के बाद वित्त मंत्री और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों की बैठक के रूप में की गई थी।
  • मैक्सिको, एशियाई और रूसी वित्तीय संकटों को दूर करने के लिए मौजूदा भू-आर्थिक बहुपक्षीय व्यवस्था के अप्रभावी होने की स्थिति में G20 का गठन किया गया था।
  • G20 का कोई निश्चित मुख्यालय नहीं है, और सचिवालय को उन देशों के बीच स्थानांतरित कर दिया जाता है जो प्रत्येक वर्ष समूह की अध्यक्षता करते हैं।
  • G-20 का एजेंडा वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों के मार्गदर्शन के आधार पर तय किया जाता है जिसे ‘शेरपा’ की एक विशिष्ट प्रणाली द्वारा अंतिम रूप दिया जाता है, जो G-20 नेताओं के विशेष दूत होते हैं।

G-20 के सदस्य देश

  • भारत स्थापना के समय से ही G20 का सदस्य रहा है।
  • इसके सदस्यों को पांच समूहों में विभाजित किया गया है (भारत समूह 2 में रूस, दक्षिण अफ्रीका और तुर्की के साथ है)
  • स्थायी आमंत्रित सदस्य: स्पेन, संयुक्त राष्ट्र, आईएमएफ, आसियान, अफ्रीकी संघ, आदि।
  • G20 ट्रोइका: इसमें वे देश शामिल होते हैं जो पिछले वर्ष, वर्तमान वर्ष और अगले वर्ष G-20 की अध्यक्षता कर रहे हैं।

G20 का महत्त्व

  • G20 सदस्य निम्नलिखित का प्रतिनिधित्व करते हैं:
    • वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का 80% से अधिक
    • अंतर्राष्ट्रीय व्यापार का लगभग 75%
    • वैश्विक आबादी का लगभग 60%
  • G20 सदस्य अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय स्थिरता, समावेशी विकास, जलवायु परिवर्तन के शमन और सतत विकास जैसे प्रमुख वैश्विक मुद्दों को संबोधित करने के लिए सहयोग करते हैं।
  • विशेषज्ञों का मानना है कि G20 को पुरानी दुनिया और नई दुनिया व विकसित और उभरती अर्थव्यवस्थाओं का एक आदर्श मिश्रण कहा जाता है।
  • G20 विश्व को OECD जैसे अन्य समूहों की तुलना में अधिक “ग्लोबल साउथ” परिप्रेक्ष्य में देखता है (OECD G20 के लिए एक रणनीतिक सलाहकार के रूप में कार्य करता है और सभी G20 बैठकों में भाग लेता है)
  • G20 ने 2007 में वैश्विक वित्तीय संकट के बाद अर्थव्यवस्थाओं को पुनर्जीवित करने, व्यापार बाधाओं को कम करने और आर्थिक और शासन सुधारों को लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

G20 के लिए चुनौतियां

  • चीन के उदय, नाटो के विस्तार तथा क्रीमिया और यूक्रेन में रूसी आक्रमण के कारण वैश्विक राजनीति में परिवर्तन।
  • हाल के वर्षों में विश्व का बढ़ता ध्रुवीकरण।
    • G20 शिखर सम्मेलन 2022 में, G-7 देशों ने रूसी विदेश मंत्री की उपस्थिति के विरोध में स्वागत समारोह और संगीत कार्यक्रम में भाग नहीं लिया।
    • इसके अलावा, रूसी विदेश मंत्री एक बैठक से बाहर चले गए जब पश्चिमी देशों ने यूक्रेन में युद्ध के लिए रूस की आलोचना की।
  • बढ़ती भू-राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता, यूक्रेन पर आक्रमण के बाद लगाए गए प्रतिबंधों के कारण डॉलर-आधारित व्यवस्था के संभावित कमजोर पड़ने और कोविड महामारी के बाद वैश्विक अर्थव्यवस्था की स्थिति जैसे मुद्दे समूह के कामकाज को प्रभावित कर रहे हैं।
  • विशेषज्ञों का मानना है कि वैश्विक राजनीति में हाल की घटनाओं ने दुनिया में बहुपक्षीय संस्थानों की विश्वसनीयता को कमजोर कर दिया है और इसे G-जीरो बना दिया है जहाँ “प्रत्येक राष्ट्र अपने लिए” वाली स्थिति देखी गई है।

भारत के लिए भावी कदम

  • भारत दिसंबर 2022 में G20 की अध्यक्षता करेगा और नवंबर 2023 में दिल्ली के प्रगति मैदान में G 20 के शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा।
  • वर्तमान चुनौतियों की पृष्ठभूमि में, भारत को यह सुनिश्चित करने का काम सौंपा गया है कि G-20 बरकरार रहे।
  • सरकार देश के विभिन्न हिस्सों में 100 तैयारी बैठकें आयोजित करने की योजना बना रही है।
  • सरकार चीन और पाकिस्तान के विरोध के बावजूद जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में भी G20 शिखर सम्मेलन से संबंधित कार्यक्रम आयोजित करने की योजना बना रही है।

सारांश: ऐसे समय में जब देशों के बीच बढ़ती प्रतिद्वंद्विता के साथ वैश्विक भू-राजनीति में ध्रुवीकरण और अलगाव में वृद्धि हो रही है, भारत के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वह नेतृत्व की भूमिका निभाए और जी -20 जैसे बहुपक्षीय संस्थानों की रक्षा करने और वैश्विक व्यवस्था और स्थिरता सुनिश्चित करने की दिशा में कार्य करे।

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित

अंतरराष्ट्रीय संबंध

जनता के विरोध के बाद गोटाबाया पद छोड़ने को तैयार

विषय: भारत के हितों पर विकसित तथा विकासशील देशों की नीतियों एवं राजनीति का प्रभाव

मुख्य परीक्षा: श्रीलंका में आर्थिक और राजनीतिक संकट

संदर्भ

  • राष्ट्रपति सचिवालय और राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री के आधिकारिक घरों पर प्रदर्शनकारियों के धावा बोलने के बाद श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे 13 जुलाई को इस्तीफा देंगे।

पृष्ठभूमि

  • श्रीलंका संकट पर विस्तृत पृष्ठभूमि के लिए पढ़ें: crisis in Sri Lanka

विवरण

  • एक गंभीर आर्थिक संकट की पृष्ठभूमि में श्रीलंका में राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के इस्तीफे की मांग को लेकर बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन और रैलियां आयोजित की गई।
  • प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास और राष्ट्रपति सचिवालय पर धावा बोल दिया। प्रदर्शनकारियों ने कड़ी सुरक्षा के बावजूद प्रधानमंत्री के निजी आवास में भी आग लगा दी।
  • ये नए प्रदर्शन “गोटा गो होम” विरोध का हिस्सा थे।

प्रदर्शनों का प्रभाव

  • संसदीय अध्यक्ष ने कहा कि राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे पद से इस्तीफा देंगे ।
  • प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने यह भी कहा कि वह इस्तीफा देंगे और “सर्वदलीय सरकार” की सुविधा प्रदान करेंगे।
  • इन कदमों को देश की स्थिरता के लिए संकटपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि सर्वदलीय सरकार बनाने का कार्य चुनौतीपूर्ण होगा जैसा कि श्रीलंकाई विपक्ष खंडित है और उसके पास संसदीय बहुमत नहीं है।
  • इसके अलावा, देश के नेतृत्व में बदलाव आर्थिक संकट को कम नहीं करेगा, बल्कि स्थिति को बढ़ा देगा क्योंकि IMF को नई सरकार की स्थिरता का आकलन करने में अधिक समय लग सकता है और साथ ही द्विपक्षीय ऋणदाताओं को देश को धन उधार देने के बारे में संदेह हो सकता है।

सारांश: गहराते आर्थिक संकट, भुगतान संतुलन की बढ़ती समस्या, डॉलर और आवश्यक वस्तुओं की कमी तथा मुद्रास्फीति को देखते हुए श्रीलंका में हाल के राजनीतिक घटनाक्रमों से देश की स्थिति और खराब होने की संभावना है।

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित

पर्यावरण

द्रास के ग्लेशियर क्षेत्र तेजी से घट रहे हैं: अध्ययन

विषय: पर्यावरण प्रदूषण और क्षरण

मुख्य परीक्षा: द्रास क्षेत्र में ग्लेशियरों के पिघलने की स्थिति, इसके कारण और प्रभाव।

संदर्भ

  • पर्यावरण विज्ञान और प्रदूषण अनुसंधान पत्रिका द्वारा एक अध्ययन।

विवरण

  • यह अध्ययन, जो 77 ग्लेशियरों की उपग्रह छवियों के विश्लेषण पर आधारित है, में पाया गया कि ग्लेशियर का क्षेत्र 2000 के 176.77 वर्ग किमी से घटकर 2020 में 171.46 वर्ग किमी हो गया, जो कुल ग्लेशियर क्षेत्र का लगभग 3% है।
  • हिमनदों के पिघलने की गति विभिन्न हिमनदों में 0.24% से लेकर 15% तक भिन्न भिन्न है।
  • अध्ययन में इस बात को रेखांकित किया गया है कि मलबे के आवरण का ग्लेशियर के पिघलने पर अधिक प्रभाव पड़ा, क्योंकि मलबे से ढके ग्लेशियरों की तुलना में स्वच्छ ग्लेशियरों में लगभग 5% अधिक बर्फ पिघली है ।

हिमनदों के तेजी से पिघलने के कारण

  • अध्ययन में हिमनद के तीव्र गति से पिघलने हेतु इस क्षेत्र में वाहनों की बढ़ती आवाजाही को उत्तरदायी ठहराया गया है।
  • अध्ययन में यह भी पाया गया कि 1980 से 2020 के बीच ब्लैक कार्बन सांद्रता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई थी।
    • ब्लैक कार्बन सांद्रता में वृद्धि राष्ट्रीय राजमार्ग की निकटता के कारण है क्योंकि भारी वाहन 60% ब्लैक कार्बन उत्सर्जन के लिए उत्तरदायी हैं।
  • इस क्षेत्र में 2020 से वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के दोनों ओर बड़े पैमाने पर सैन्य आवाजाही बढ़ी है।

हिमनदों के पिघलने का प्रभाव

  • ग्लेशियरों के पिघलने से समुद्र के स्तर में वृद्धि होती है, परिणामस्वरूप तटीय क्षरण बढ़ता है और इन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों का जीवन और आजीविका प्रभावित होती है।
  • इसके अलावा, गर्म हवा और समुद्र के तापमान में अंतराल के कारण तूफानी लहरों में वृद्धि होती है जिसके परिणामस्वरूप अधिक तीव्र चक्रवात, तूफान और टाइफून उत्पन्न होते हैं।
  • यह विभिन्न प्रजातियों (स्थलीय और जलीय) के विलुप्त होने का कारण भी बनता है क्योंकि उनका प्राकृतिक आवास प्रभावित होता है।
  • इसके अलावा, हिमालय में ग्लेशियरों के पिघलने से जल संसाधनों पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा क्योंकि ग्लेशियर बेसिन जल विज्ञान और डाउनस्ट्रीम जल बजट में बदलाव होगा।
  • ग्लेशियरों के पिघलने से फ्लैश फ्लड और अवसादन भी होगा जिससे जलविद्युत संयंत्र प्रभावित होंगे।
  • ग्लेशियरों के पिघलने से ग्लेशियल लेक आउटबर्स्ट फ्लड (GLOF) भी होता है।

सारांश: चूंकि हिमालयी क्षेत्र में ग्लेशियरों के तेज गति से पिघलने का क्षेत्रीय जल संसाधनों, जल विज्ञान प्रक्रियाओं, पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं और सीमा पार जल विभाजन पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है, इसलिए इन देशों की सरकारों को हिमनदों के पिघलने की गति को रोकने के लिए सहयोग और हस्तक्षेप करने की तत्काल आवश्यकता है।

संपादकीय-द हिन्दू

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित

पर्यावरण

हरित कानूनों में बदलाव

विषय: संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण और क्षरण

प्रारंभिक परीक्षा: पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम

मुख्य परीक्षा: पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम में प्रस्तावित संशोधनों का समालोचनात्मक मूल्यांकन

संदर्भ

पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEFCC) ने पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 में संशोधन करने का प्रस्ताव किया है।

विवरण

  • पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEFCC) ने चार महत्वपूर्ण अधिनियमों में संशोधन का प्रस्ताव किया है जिनके नाम इस प्रकार हैं:
    • पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986
    • जल (प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण) अधिनियम, 1974
    • वायु (प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण) अधिनियम, 1981
    • सार्वजनिक दायित्व बीमा (PLI) अधिनियम, 1991
  • मंत्रालय ने इन कानूनों के तहत उल्लिखित पर्यावरण उल्लंघन के खिलाफ कुछ दंडों को कम करने का प्रस्ताव किया है।

पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986

  • पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम (EPA) 1986 में प्रस्तुत किया गया था।
  • इसे संविधान के अनुच्छेद 253 के तहत अधिनियमित किया गया था।
  • इस अधिनियम में पर्यावरण की सुरक्षा और सुधार का प्रावधान है।
  • इस अधिनियम के तहत केंद्र सरकार को सभी रूपों में पर्यावरण प्रदूषण को रोकने और देश के विभिन्न हिस्सों के लिए विशिष्ट पर्यावरणीय समस्याओं से निपटने हेतु प्राधिकरण की स्थापना का अधिकार है।
  • पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम (EPA) में पर्यावरण सुरक्षा की दीर्घकालिक आवश्यकताओं के अध्ययन, योजना और कार्यान्वयन के लिए ढांचा स्थापित करने तथा पर्यावरण को खतरे में डालने वाली स्थितियों के लिए त्वरित और पर्याप्त प्रतिक्रिया की प्रणाली तैयार करने का प्रावधान है।

पर्यावरण संरक्षण अधिनियम में प्रस्तावित संशोधन

  • MoEFCCE ने EPA के प्रावधानों में संशोधन का प्रस्ताव किया है जिसमें कारावास के प्रावधानों की जगह जुर्माना लगाने वाले प्रावधानों को अपनाना शामिल है।
    • यह उन उल्लंघनों पर लागू नहीं होता है जो गंभीर चोट या जीवन की हानि का कारण बनते हैं।
    • वर्तमान में, उल्लंघन करने वालों को पांच साल तक की कैद या ₹1 लाख तक का जुर्माना या दोनों का सामना करना पड़ता है। यदि उल्लंघन जारी रहता है, तो प्रत्येक दिन के लिए ₹5,000 तक का अतिरिक्त जुर्माना लगाया जाएगा, जिसके दौरान ऐसा उल्लंघन जारी रहता है।
      • इसके अलावा, जेल की अवधि को भी सात साल तक बढ़ाया जा सकता है।
  • प्रस्तावित संशोधनों में एक ‘न्यायनिर्णयन अधिकारी’ की नियुक्ति भी शामिल है, जिसे पर्यावरण उल्लंघन के खिलाफ दंड पर निर्णय लेने का कार्य सौंपा जाएगा।
    • एकत्रित इन निधियों को “पर्यावरण संरक्षण कोष” में जमा किया जाएगा।

संशोधन की आवश्यकता

  • विभिन्न रिपोर्टों में इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि मौजूदा क़ानून कम प्रभावी रहे हैं।
  • सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट के एक अध्ययन में बताया गया है कि भारतीय अदालतों ने पर्यावरण उल्लंघन के मामलों के बैकलॉग को निपटाने में लगभग 9 से 33 साल का समय लिया।
  • 2018 की शुरुआत में, लगभग 45,000 मामले लंबित थे और उसी वर्ष लगभग 35,000 मामले अतिरिक्त जुड़ गए थे।
  • इसके अलावा, बनाए गए सात पर्यावरण कानूनों में से पांच में 90% से अधिक मामले लंबित थे।

प्रस्तावित संशोधनों के लिए तर्क

  • विशेषज्ञों का मानना है कि नए संशोधनों से पर्यावरण से संबंधित मामलों के निर्णय में देरी कम होगी क्योंकि मौजूदा प्रक्रियाएं बहुत समय लेने वाली थी।
  • इसके अलावा, प्रस्तावित परिवर्तन में अपराधों की कुछ श्रेणियों को “सिविल क्राइम” के रूप में माना जाएगा, जिससे संगठनों को जवाबदेह ठहराना आसान हो जाता है।

प्रस्तावित परिवर्तनों के खिलाफ तर्क

  • आलोचकों का मानना है कि मौजूदा कड़े प्रावधान उल्लंघन को रोकने के लिए थे और दंड को कम करने से बड़े पैमाने पर पर्यावरण का उल्लंघन होगा।
  • कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि इन परिवर्तनों से पॉल्यूट एंड पे वाली प्रवृत्ति को बढ़ावा मिलेगा।
  • उनका यह भी मानना है कि संशोधन भ्रष्टाचार का मौका प्रदान करेगा क्योंकि निर्णय लेने वाले अधिकारियों को विवेकाधीन शक्तियां प्रदान की गई हैं।

सारांश: इस तथ्य को स्वीकार करते हुए कि प्रदूषण नियंत्रण की समस्या पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है, पर्यावरण मंत्रालय ने पर्यावरण, वायु और जल अधिनियमों के मौजूदा प्रावधानों को अपराध से मुक्त करने का प्रस्ताव दिया है क्योंकि ये मौजूदा आपराधिक प्रावधान काफी हद तक अक्षम रहे हैं।

प्रीलिम्स तथ्य:

1. लाल पांडा और सिंगलीला राष्ट्रीय उद्यान

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:

जैवविविधता:

विषय: पर्यावरण संरक्षण।

प्रारंभिक परीक्षा: लाल पांडा और सिंगलीला राष्ट्रीय उद्यान

संदर्भ

एक पुनर्विकास कार्यक्रम के अंतर्गत लाल पांडा को दार्जिलिंग चिड़ियाघर से सिंगलीला राष्ट्रीय उद्यान में में छोड़ा जाना है।

लाल पांडा

  • लाल पांडा पूर्वी हिमालय, पश्चिमी नेपाल की तलहटी और दक्षिण-पश्चिमी चीन का एक स्थानीय मांसाहारी है।
    • यह तिब्बत, सिक्किम, असम, भूटान की पर्वत श्रृंखलाओं में भी पाया जाता है
  • लाल पांडा के ऊपरी हिस्से पर लाल-भूरे रंग के फर और निचले हिस्से पर काले रंग के फर होते हैं।
    • इसके शारीरिक बनावट में मध्यम आकार के सीधे कान और काली नाक और काली आंखों के साथ एक गोलाकार खोपड़ी होती है।
  • लाल पांडा शर्मीले, एकांत और वृक्ष पर रहने वाले जीव होते हैं और इन्हें पारिस्थितिकी परिवर्तन के लिए एक सूचक प्रजाति माना जाता है।
  • IUCN स्थिति: संकटग्रस्त
  • लाल पांडा भारतीय वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की अनुसूची I के तहत सूचीबद्ध हैं।
  • लाल पांडा सिक्किम का राज्य पशु है।

सिंगलीला राष्ट्रीय उद्यान

  • सिंगलीला राष्ट्रीय उद्यान पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में सिंगलीला रिज पर स्थित है।
  • यह राष्ट्रीय उद्यान पूर्वी हिमालय का हिस्सा है।
  • यह राष्ट्रीय उद्यान समुद्र तल से 7000 फीट से अधिक की ऊंचाई पर स्थित है।
  • नेओरा घाटी राष्ट्रीय उद्यान के साथ सिंगलीला लाल पांडा के लिए एक संरक्षित क्षेत्र है।
  • इस उद्यान में तेंदुआ, भौंकने वाले हिरण, येलो थ्रोटेड मार्टिन, जंगली सूअर, पैंगोलिन, हिमालयी काले भालू, क्लाउडेड तेंदुआ, सीरो और ताकिन(takin) जैसे स्तनधारी बड़ी संख्या में हैं।

महत्वपूर्ण तथ्य:

1.मनरेगा के साइट सुपरवाइजर वेतन भुगतान के इंतजार में

  • देश भर में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (MGNREGS) के तहत ‘मेट’ या साइट पर्यवेक्षकों को अपना वेतन प्राप्त करने में कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
  • मनरेगा के अनुसार अकुशल श्रमिकों के वेतन का भुगतान 15 दिनों के भीतर किया जाना है और देरी की स्थिति में केंद्र को मुआवजा देना होगा।
    • हालांकि, मेट्स, जो कार्यक्रमों के पर्यवेक्षक हैं, अपनी नौकरी की विशेषज्ञ प्रकृति के कारण अर्ध-कुशल श्रमिकों के रूप में सूचीबद्ध हैं।
  • साइट पर्यवेक्षकों का वेतन “भौतिक घटक” से दिया जाता है, जिसमें से 60% का भुगतान केंद्र सरकार द्वारा किया जाता है को नौकरशाही देरी और पुरानी निधि की कमी के कारण गलत तरीके से जारी किया गया है।
  • राज्यों ने केंद्र से कुशल और अर्ध-कुशल श्रमिकों के लिए मजदूरी को भौतिक घटक से अलग करने का आग्रह किया है जिससे देरी को कम करने में मदद मिलेगी।
  • कर्नाटक में, ‘मेट’ को अकुशल श्रमिकों के बराबर भुगतान किया जाता है, लेकिन इसके अलावा उन्हें इंसेंटिव मिलता है जो भौतिक घटक से आता है और यह तब जारी किया जाता है जब राज्य को केंद्र से धन मिलता है । इससे वेतन में होने वाली देरी में काफी कमी आई है।

2. प्राचीन बौद्ध स्थल

  • कलबुर्गी जिले में कनगनहल्ली (सन्नति स्थल का हिस्सा) के पास भीमा नदी के तट पर स्थित प्राचीन बौद्ध स्थल चर्चा में है।
  • ASI अब 3.5 करोड़ रुपए की लागत से साइट के संरक्षण के लिए एक योजना लेकर आया है और इस पर अभी काम शुरू हुआ है।
  • संरक्षण परियोजना में खुदाई में प्राप्त महास्तूप के अवशेषों को बिना किसी अलंकरण के उसकी मूल स्थिति में पुनर्स्थापित करना और अयाका प्लेटफार्मों के गिरे हुए हिस्सों का पुनर्निर्माण करना शामिल है।
  • अशोक का एक शिलालेख भी पाया गया जिससे मौर्य सम्राट अशोक और बौद्ध धर्म के प्रारंभिक चरण के ऐतिहासिक शोध के लिए एक नया अवसर मिला है।
  • कनगनहल्ली उत्खनन में एक ‘परित्यक्त कुएं’ की खोज हुई, जो शानदार महा स्तूप के रूप में निकला, जिसे शिलालेखों में अधोलोक महाचैत्य (नीदरलोक का महान स्तूप) के रूप में संदर्भित किया गया था।
    • इस स्तूप को अपने समय का सबसे बड़ा स्तूप माना जाता है और पत्थर की मूर्ति को मौर्य सम्राट की एकमात्र जीवित छवि माना जाता है, जिस पर ब्राह्मी में ‘राय अशोक’ लिखा था।

UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:

प्रश्न 1. लाल पांडा के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?

  1. लाल पांडा को अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (IUCN) की लाल सूची में संकटग्रस्त (endangered) के रूप में सूचीबद्ध किया गया है।
  2. यह सिक्किम का राज्य पशु है।
  3. लाल पांडा को वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के अनुसूची-1 में रखा गया है।

विकल्प:

  1. केवल 1 और 2
  2. केवल 2 और 3
  3. केवल 3
  4. 1, 2 और 3

उत्तर:

विकल्प d

व्याख्या:

  • कथन 1 सही है, लाल पांडा की IUCN स्थिति: संकटग्रस्त
  • कथन 2 सही है, लाल पांडा सिक्किम का राज्य पशु है।
  • कथन 3 सही है, लाल पांडा भारतीय वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की अनुसूची I के तहत सूचीबद्ध हैं।

प्रश्न 2. निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिए:

राष्ट्रीय/प्राणी उद्यान राज्य

  1. सिंगलीला राष्ट्रीय उद्यान पश्चिम बंगाल
  2. पद्मजा नायडू उद्यान आंध्र प्रदेश
  3. नेओरा घाटी राष्ट्रीय उद्यान उत्तराखंड

उपर्युक्त युग्मों में से कौन-सा/से सुमेलित है/हैं?

  1. केवल 1
  2. केवल 2 और 3
  3. केवल 1 और 3
  4. 1, 2 और 3

उत्तर:

विकल्प a

व्याख्या:

  • युग्म 1 सही है, सिंगलीला राष्ट्रीय उद्यान पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में स्थित है।
  • युग्म 2 सही नहीं है, पद्मजा नायडू हिमालयन जूलॉजिकल पार्क पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में स्थित है।
  • युग्म 3 सही नहीं है, नेओरा वैली राष्ट्रीय उद्यान पश्चिम बंगाल के कलिम्पोंग जिले में स्थित एक राष्ट्रीय उद्यान है।

प्रश्न 3. सन्नति के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?

  1. यह कर्नाटक के कलबुर्गी जिले में भीमा नदी के तट पर स्थित है।
  2. चूना पत्थर से बनी एवं उभरी हुई नक्काशी वाली सम्राट अशोक और उसकी रानी की एकमात्र उपलब्ध मूर्ति यहाँ पाई गई थी।

विकल्प:

  1. केवल 1
  2. केवल 2
  3. दोनों
  4. इनमें से कोई भी नहीं

उत्तर:

विकल्प c

व्याख्या:

  • कथन 1 सही है, सन्नति कर्नाटक के कलबुर्गी जिले में भीमा नदी के तट पर स्थित एक प्राचीन बौद्ध स्थल है।
  • कथन 2 सही है, चूना पत्थर से बनी एवं उभरी हुई नक्काशी वाली सम्राट अशोक और उसकी रानी की एकमात्र उपलब्ध मूर्ति यहाँ पाई गई थी।

प्रश्न 4. निम्नलिखित विकल्पों में से कौन सा ‘ऑपरेशन ब्लू स्टार’ का सर्वोत्तम वर्णन है?

  1. कारगिल-द्रास सेक्टर में पाकिस्तानी घुसपैठियों से भारतीय क्षेत्रों को वापस लेने के लिए भारतीय सेना द्वारा इस ऑपरेशन की शुरुआत की गई थी।
  2. यह स्वर्ण मंदिर में छिपे सशस्त्र अलगाववादियों को निकालने के लिए एक सैन्य अभियान था।
  3. यह लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (LTTE) के खिलाफ भारतीय शांति रक्षा सेना (IPKF) द्वारा शुरू किया गया एक उग्रवाद विरोधी अभियान था।
  4. यह कश्मीर में सियाचिन ग्लेशियर पर नियंत्रण लेने के लिए एक ऑपरेशन था।

उत्तर:

विकल्प b

व्याख्या:

  • ऑपरेशन ब्लू स्टार 1984 में स्वर्ण मंदिर में छिपे सशस्त्र अलगाववादियों को बाहर निकालने के लिए किया गया एक सैन्य अभियान था।
  • यह तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के आदेश पर अमृतसर हरमंदिर साहिब (स्वर्ण मंदिर) को जरनैल सिंह भिंडरावाले और उनके अनुयायियों से मुक्त कराने के लिए शुरू किया गया एक अभियान था।

प्रश्न 5.निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:

  1. यह यूगोस्लाविया के उत्तराधिकारी राज्यों में से एक है।
  2. यह एक भू-आबद्ध (landlocked) देश है।
  3. यह यूरोपीय संघ का हिस्सा नहीं है।

उपर्युक्त कथन निम्नलिखित में से किस विकल्प का सर्वोत्तम वर्णन करते हैं?

  1. बुल्गारिया
  2. कोसोवो
  3. उत्तरी मैसेडोनिया
  4. सर्बिया

उत्तर:

विकल्प c

व्याख्या:

चित्र स्रोत:Britannica

चित्र स्रोत:Britannica

  • 1990 के दशक में यूगोस्लाविया के विभाजन से उत्तर मैसेडोनिया का निर्माण हुआ।
  • उत्तर मैसेडोनिया 17 वर्षों से यूरोपीय संघ का उम्मीदवार रहा है।
  • उत्तर मैसेडोनिया एक स्थल रुद्ध (भू-आबद्ध – landlocked) देश है।

PYQ (2022)

प्रश्न 6. निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिए:

आर्द्रभूमि/झील: अवस्थान

  1. होकेरा आर्द्रभूमि पंजाब
  2. रेणुका आर्द्रभूमि हिमाचल प्रदेश
  3. रुद्रसागर झील त्रिपुरा
  4. सस्थमकोट्टा झील तमिलनाडु

उपर्युक्त युग्मों में से कितने सुमेलित हैं?

  1. केवल एक युग्म
  2. केवल दो युग्म
  3. केवल तीन युग्म
  4. सभी चारों युग्म

उत्तर:

विकल्प b

व्याख्या:

  • युग्म 1 सही नहीं है, होकेरा आर्द्रभूमि जम्मू और कश्मीर में श्रीनगर के पास स्थित है।
  • युग्म 2 सही है, रेणुका आर्द्रभूमि हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले में स्थित है।
  • युग्म 3 सही है, रुद्रसागर झील, जिसे ट्विजिलिकमा भी कहा जाता है, त्रिपुरा के मेलाघर में स्थित है।
  • युग्म 4 सही नहीं है, सस्थमकोट्टा झील केरल के कोल्लम जिले में स्थित है।

UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न :

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