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UPSC परीक्षा कम्प्रेहैन्सिव न्यूज़ एनालिसिस - 17 December, 2023 UPSC CNA in Hindi

A. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 1 से संबंधित:

आज इससे संबंधित समाचार उपलब्ध नहीं हैं।

B. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:

अंतर्राष्ट्रीय संबंध

  1. जुंटा की स्थिति कमजोर, लेकिन यह सत्ता से बाहर नहीं

C. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:

पर्यावरण

  1. क्या दुनिया जीवाश्म ईंधन के प्रयोग को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने के करीब है?

अर्थव्यवस्था

  1. भारत-EFTA व्यापार वार्ता में बाधाएँ

D. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 4 से संबंधित:

आज इससे संबंधित समाचार उपलब्ध नहीं हैं।

E. संपादकीय:

आज इससे संबंधित समाचार उपलब्ध नहीं हैं।

F. प्रीलिम्स तथ्य:

  1. बोडोलैंड प्रादेशिक क्षेत्र
  2. भारत और ओमान ने समझौते पर हस्ताक्षर किये
  3. पैंगोलिन का अवैध शिकार

G. महत्वपूर्ण तथ्य:

आज इससे संबंधित समाचार उपलब्ध नहीं हैं।

H. UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:

I. UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित

जुंटा की स्थिति कमजोर, लेकिन यह सत्ता से बाहर नहीं

अंतर्राष्ट्रीय संबंध

विषय: विकसित एवं विकासशील देशों की नीतियों एवं राजनीति का भारत के हितों पर प्रभाव

मुख्य परीक्षा: म्यांमार में राजनीतिक अस्थिरता

सन्दर्भ: म्यांमार में मौजूदा स्थिति से पता चलता है कि सेना को छह दशकों के प्रभुत्व में सबसे कठिन चुनौती का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि देश के भीतरी इलाकों में विपक्षी लड़ाके और जातीय विद्रोही एकजुट हो रहे हैं।

म्यांमार में जुंटा सरकार:

  • जुंटा सरकार ने फरवरी 2021 में तख्तापलट के माध्यम से म्यांमार में निर्वाचित सिविलियन नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी (NLD) के नेतृत्व वाली सरकार को हटाकर पूर्ण सत्ता पर कब्जा कर लिया।
  • 2023 में संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार, जुंटा सरकार को 1 बिलियन डॉलर के हथियार मिले, जिनमें से 90% तीन देशों से आए: रूस (41%), चीन (27%), और सिंगापुर (25%)। भारत ने म्यांमार को कुल 51 मिलियन डॉलर के हथियारों की आपूर्ति की।
  • सरकार पर युद्ध अपराध का आरोप है, जैसे लड़ाकू विमानों और तोपखाने का उपयोग करके अपनी ही ग्रामीण आबादी पर बमबारी करना, विद्रोहियों के खिलाफ स्कॉर्च्ड-अर्थ तरीकों को अपनाना और विशेष रूप से रोहिंग्या जैसे अल्पसंख्यकों के खिलाफ नरसंहार नीतियों को लागू करना।

जुंटा सरकार के विरुद्ध प्रतिरोध:

  • पीपुल्स डिफेंस फोर्सेज (PDF): पीपुल्स डिफेंस फोर्सेज (PDF) एक मिलिशिया समूह है जो जुंटा सरकार के खिलाफ गुरिल्ला युद्ध का नेतृत्व कर रहा है और बामर जातीय समूह के बहुमत वाले क्षेत्रों में नुकसान पहुंचा रहा है।
  • राष्ट्रीय एकता सलाहकार परिषद (NUCC): नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी (NLD) द्वारा गठित, NUCC म्यांमार में बिखरी हुई लोकतंत्र समर्थक ताकतों को एकजुट करने के लिए एक संवाद मंच के रूप में कार्य करता है।
  • थ्री ब्रदरहुड एलायंस: अराकान आर्मी (AA), म्यांमार नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस आर्मी (MNDAA), और ताआंग नेशनल लिबरेशन आर्मी (TNLA) ने ‘ऑपरेशन 1027’ चलाया, जो उत्तरी शान राज्य में सैन्य ठिकानों के खिलाफ एक समन्वित हमला था।
  • अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबंध: कई देशों ने जुंटा सरकार के खिलाफ हथियार प्रतिबंध सहित अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबंध लगाए हैं।

सारांश: लोकप्रिय समर्थन की कमी और सैन्य शासन के खिलाफ बढ़ते विद्रोह के बावजूद, जुंटा सरकार ने जातीय विभाजन के सफल उपयोग और सेना की संसाधनशीलता के माध्यम से अपना आधिपत्य बरकरार रखा है।

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित

क्या दुनिया जीवाश्म ईंधन के प्रयोग को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने के करीब है?

पर्यावरण

विषय: संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण और क्षरण, पर्यावरणीय प्रभाव आकलन

प्रारंभिक परीक्षा: ग्लोबल मीथेन प्लेज

मुख्य परीक्षा: जीवाश्म ईंधन को चरणबद्ध तरीके से ख़त्म करना

सन्दर्भ: हाल ही में, पक्षकारों के सम्मेलन (COP) के 28वें संस्करण में इस बात पर सहमति हुई कि 2050 तक शुद्ध शून्य (नेट जीरो) हासिल करने के लिए दुनिया को जीवाश्म ईंधन से “उचित, व्यवस्थित और न्यायसंगत तरीके” से “संक्रमण” करना होगा।

जीवाश्म ईंधन पर दुबई कन्सेंसस:

  • औपचारिक स्वीकृति: दुबई कन्सेंसस में पहली बार औपचारिक रूप से स्वीकार किया गया कि जीवाश्म ईंधन से उत्सर्जन ग्लोबल वार्मिंग का प्रमुख कारण है।
  • जीवाश्म ईंधन के बीच समता: दुबई कन्सेंसस में सभी प्रकार के जीवाश्म ईंधन को शामिल किया गया और माना गया कि दुनिया को ग्लोबल वार्मिंग को रोकने का मौका देने के लिए उन सभी के प्रयोग को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने की आवश्यकता है।
  • ALTERRA: संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति ने ALTERRA नामक 30 अरब डॉलर के उत्प्रेरक जलवायु निवेश कोष के गठन की घोषणा की।
  • वैश्विक नवीकरणीय और ऊर्जा दक्षता प्लेज: दुनिया भर में स्थापित नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को तीन गुना करने और 2030 तक ऊर्जा दक्षता की वैश्विक औसत वार्षिक दर को दोगुना करने का संकल्प लिया गया था।
  • मीथेन उत्सर्जन: दुबई कन्सेंसस में इस बात पर जोर दिया कि प्राकृतिक गैस का एक प्रमुख घटक, मीथेन ग्लोबल वार्मिंग के लगभग एक तिहाई के लिए जिम्मेदार है। सदी के अंत तक औसत तापमान को 1.5 डिग्री सेल्सियस से अधिक बढ़ने से रोकने के लिए 2030 तक वैश्विक स्तर पर गैर-कार्बन-डाइऑक्साइड उत्सर्जन, विशेष रूप से मीथेन उत्सर्जन को काफी हद तक कम करना आवश्यक है।

जीवाश्म ईंधन को प्रतिस्थापित करने में चुनौतियाँ

  • नवीकरणीय ऊर्जा की रुकावट: जीवाश्म ईंधन के विपरीत, सौर और पवन जैसे प्राकृतिक स्रोतों से बिजली मांग पर आसानी से उपलब्ध नहीं होती है। इसका कारण रात में सूरज की रोशनी की अनुपलब्धता और हवा को प्रभावित करने वाले समुद्र और वायुमंडलीय स्थितियों की बदलती प्रकृति है।
  • राजकोषीय निहितार्थ: घरों और वाहनों के लिए नवीकरणीय ऊर्जा उपलब्ध कराने के लिए विश्वसनीय प्रौद्योगिकियों, बुनियादी ढांचे, ट्रांसमिशन ग्रिड और पाइपलाइनों को विकसित करने के लिए उच्च अग्रिम निवेश की आवश्यकता होती है, जो अधिकांश विकासशील देशों की क्षमताओं से अधिक हो सकता है। इसके विपरीत, जीवाश्म ईंधन के मामले में मौजूदा, अच्छी तरह से स्थापित बुनियादी ढांचे नेटवर्क से सुविधा होती है।
  • आर्थिक प्रभाव: भारत ने मीथेन उत्सर्जन में कटौती का विरोध किया है, क्योंकि कृषि क्षेत्र देश में अधिकांश मीथेन उत्सर्जन में योगदान देता है।
  • आम सहमति का अभाव: भारत और चीन जैसे विकासशील देशों ने अपनी आबादी को गरीबी से बाहर निकालने और ऊर्जा सुरक्षा प्रदान करने के लिए कोयले की आवश्यकता का हवाला देते हुए चरणबद्ध तरीके से कोयला प्रयोग बंद करने का विरोध किया है। तेल और गैस भंडार पर अत्यधिक निर्भर संयुक्त राज्य अमेरिका ने कभी भी इनके प्रयोग को बंद करने की बात नहीं की है।

भावी कदम:

  • संक्रमण ईंधन: दुबई कन्सेंसस में इस बात पर सहमत हुई कि प्राकृतिक गैस जैसे संक्रमण ईंधन, जीवाश्म ईंधन की तुलना में कम उत्सर्जन के साथ, ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए ऊर्जा संक्रमण को सुविधाजनक बनाने में भूमिका निभा सकते हैं।
  • ऊर्जा अवसंरचना: सरकारों को ऐसे बुनियादी ढांचे के निर्माण में निवेश करने की आवश्यकता है जो नवीकरणीय ऊर्जा की तैनाती में तेजी ला सके।
  • ग्लोबल मीथेन प्लेज: मिस्र में COP-27 शिखर सम्मेलन के दौरान लगभग 150 देशों ने 2030 तक मीथेन उत्सर्जन में 2020 के स्तर के 30% की कटौती करने पर सहमति व्यक्त की है।

सारांश: दुबई कन्सेंसस में औपचारिक रूप से स्वीकार किया गया कि जीवाश्म ईंधन से उत्सर्जन ग्लोबल वार्मिंग का प्रमुख कारण है और सभी प्रकार के जीवाश्म ईंधन से उत्सर्जन को रोकने की आवश्यकता पर जोर दिया गया।

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित

भारत-EFTA व्यापार वार्ता में बाधाएँ

अर्थव्यवस्था

विषय: भारतीय अर्थव्यवस्था तथा योजना, संसाधनों को जुटाने, प्रगति, विकास तथा रोज़गार से संबंधित विषय

प्रारंभिक परीक्षा: यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (EFTA)

मुख्य परीक्षा: भारत-यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (EFTA) व्यापार वार्ता

सन्दर्भ: हाल ही में, भारत और यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (EFTA) के चार नॉर्डिक देशों ने नई दिल्ली में व्यापार और आर्थिक साझेदारी समझौते (TEPA) को अंतिम रूप देने के लिए एक बैठक आयोजित की।

भारत-यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (EFTA) संबंध:

  • भारत और EFTA सदस्यों ने 2008 में व्यापार और आर्थिक साझेदारी के लिए बातचीत शुरू की।
  • 2020-21 में, भारत EFTA का नौवां सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार था।
  • EFTA को भारत का निर्यात: कपड़ा, रत्न और आभूषण, रसायन, फार्मास्यूटिकल्स और मशीनरी।
  • EFTA से भारत का आयात: रसायन, मशीनरी, कीमती धातुएं और चिकित्सा उपकरण।
  • नॉर्वे दुर्लभ खनिजों के खनन के लिए भारत के साथ बातचीत कर रहा है, जिस पर वर्तमान में चीन का एकाधिकार है। यह सहयोग 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा से अपनी 50% ऊर्जा क्षमता हासिल करने की भारत की योजना के लिए महत्वपूर्ण है।

यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (EFTA) देश:

  • यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (EFTA) चार राज्यों का एक अंतरसरकारी संगठन है: आइसलैंड, लिकटेंस्टीन, नॉर्वे और स्विट्जरलैंड, जो अपने सदस्यों के बीच मुक्त व्यापार और आर्थिक एकीकरण को बढ़ावा देता है।

चित्र: EFTA सदस्य देश

स्रोत: mapsofworld

  • हालांकि आइसलैंड, लिकटेंस्टीन, नॉर्वे यूरोपीय संघ का हिस्सा नहीं हैं, फिर भी ये यूरोपीय आर्थिक क्षेत्र (EEA) में शामिल हैं जो उन्हें यूरोपीय संघ के एकल बाजार का हिस्सा बनने की सुविधा प्रदान करता है।

भारत-EFTA व्यापार और आर्थिक साझेदारी समझौता (TEPA)

  • लाभ:
    • वस्तुओं पर सीमा शुल्क कम करना या समाप्त करना।
    • सेवाओं और निवेश में व्यापार को बढ़ावा देने के लिए मानदंडों को आसान बनाना।
    • दोतरफा वाणिज्य, निवेश प्रवाह, रोजगार सृजन और आर्थिक विकास को बढ़ावा देना।
    • व्यवसायों और व्यक्तियों के लिए नए अवसर प्रदान करते हुए एकीकृत और लचीली आपूर्ति श्रृंखलाएँ बनाना।
  • चुनौतियां
    • स्वच्छता और पादप स्वच्छता उपायों, रूल्स ऑफ़ ओरिजन (rules of origin) और उच्च टैरिफ के कारण बाजार पहुंच की चुनौतियाँ।
    • बौद्धिक संपदा अधिकार (IPR) या पेटेंट और कॉपीराइट का प्रवर्तन।
    • विनियमों, मानकों और कानूनी ढांचे में अंतर दोनों पक्षों के लिए पारस्परिक रूप से लाभकारी समझौते के समापन में चुनौतियां पैदा करता है।

सारांश: यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (EFTA) के साथ व्यापार और आर्थिक साझेदारी समझौते (TEPA) के समापन से भारत को अपने उत्पादों के लिए बाजार पहुंच बढ़ाने, निवेश प्रवाह बढ़ाने, रोजगार सृजन और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने में लाभ होगा।

संपादकीय-द हिन्दू

आज संपादकीय खंड अंतर्गत समाचार उपलब्ध नहीं हैं

प्रीलिम्स तथ्य

1. बोडोलैंड प्रादेशिक क्षेत्र

सन्दर्भ: हाल ही में, असम के बोडोलैंड प्रादेशिक क्षेत्र (BTR) ने मानवता और सामाजिक खुशी पर आधारित पाठ पढ़ाने के लिए विद्यालय की शुरूआत की। प्रशिक्षुओं को चेतन और अचेतन पूर्वाग्रहों को दूर करना सिखाया गया और आत्म-जागरूकता तथा दूसरों की समझ बढ़ाने में मदद करने वाले सामाजिक मुद्दों से संबंधित विभिन्न कानूनों से अवगत कराया गया।

बोडोलैंड प्रादेशिक क्षेत्र:

  • बोडोलैंड प्रादेशिक क्षेत्र असम स्थित एक स्वायत्त क्षेत्र है जिसका गठन 2003 में भारत सरकार, असम सरकार और बोडो लिबरेशन टाइगर्स द्वारा समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर के बाद संविधान की छठी अनुसूची के तहत किया गया था।
  • इसमें पश्चिमी और उत्तरी असम के चार जिलों – बक्सा, चिरांग, कोकराझार और उदलगिरि के क्षेत्र शामिल हैं।

चित्र: बोडोलैंड प्रादेशिक क्षेत्र

स्रोत: bodoland.gov.in

बोडोलैंड प्रादेशिक परिषद

  • बोडोलैंड प्रादेशिक क्षेत्र का प्रशासन एक निर्वाचित निकाय द्वारा किया जाता है जिसे बोडोलैंड प्रादेशिक परिषद के नाम से जाना जाता है।
  • बोडोलैंड प्रादेशिक परिषद की कार्यकारी परिषद में 14 से अधिक सदस्य नहीं होते हैं।
  • परिषद के प्रमुख और उपप्रमुख को कैबिनेट मंत्री के बराबर का दर्जा प्राप्त होता है।
  • बोडोलैंड प्रादेशिक परिषद लेजिसलेटिव असेंबली::
    • बोडोलैंड प्रादेशिक परिषद लेजिसलेटिव असेंबली में 40 निर्वाचन क्षेत्रों से 40 निर्वाचित सदस्य तथा कम प्रतिनिधित्व वाले समुदायों से असम के राज्यपाल द्वारा मनोनीत 6 सदस्य शामिल हैं।
  • बोडोलैंड प्रादेशिक परिषद के पास उसे हस्तांतरित विषयों से संबंधित कार्यकारी, विधायी, प्रशासनिक और वित्तीय शक्तियां हैं।

2. भारत और ओमान ने समझौते पर हस्ताक्षर किये

सन्दर्भ:​ हाल ही में ओमान के शासक सुल्तान हैथम बिन तारिक ने भारत की अपनी पहली राजकीय यात्रा की।

चित्र: ओमान का मानचित्र

स्रोत: World Atlas

यात्रा के दौरान समझौते:

  • दोनों पक्षों ने एक व्यापक मुक्त व्यापार समझौते (FTA) की स्थापना, निवेश की एक नई किश्त और द्विपक्षीय रुपया व्यापार स्थापित करने की संभावना पर चर्चा की।
  • बैठक के दौरान मनी लॉन्ड्रिंग को रोकने के लिए भारत की वित्तीय खुफिया इकाई और राष्ट्रीय वित्तीय सूचना केंद्र (NCFI) के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।

भारत-ओमान संबंध:

  • रणनीतिक साझेदारी: भारत और ओमान ने 2008 में अपनी साझेदारी को रणनीतिक साझेदारी में उन्नत किया।
  • भारत की पश्चिम एशिया नीति: ओमान भारत की पश्चिम एशिया नीति का एक प्रमुख स्तंभ है तथा खाड़ी सहयोग परिषद (GCC), अरब लीग, हिंद महासागर रिम एसोसिएशन (IORA), और हिंद महासागर नौसेना संगोष्ठी (IONS) में महत्वपूर्ण वार्ताकार है।
  • व्यापार संबंध: 2022-23 में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार लगभग 12.3 बिलियन डॉलर रहा।
    • भारत में प्रमुख आयात: तेल, LNG, खनिज, प्रोपीलेट, पॉलीथीन, यूरिया और एल्यूमीनियम।
    • भारत से प्रमुख निर्यात: चावल, गेहूं, वाहनों का इग्निशन नियंत्रण, मोटर ईंधन, प्राकृतिक गैसोलीन और लौह अयस्क।
  • सैन्य संबंध:
    • संयुक्त सैन्य अभ्यास: अल नजाह (सेना अभ्यास), ईस्टर्न ब्रिज (वायु सेना अभ्यास), नसीम अल बहर (नौसेना अभ्यास)।
    • डुक्म पोर्ट: 2018 में, भारत ने भारतीय वायु सेना और भारतीय नौसेना के लिए डुक्म में सुविधाओं तक पहुंच सुनिश्चित की।
  • प्रवासी: लगभग 7 लाख लोगों के विशाल भारतीय समुदाय की उपस्थिति।
  • हालिया घटनाक्रम:
    • भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) और ओमान के केंद्रीय वित्तीय संस्थान ने ओमान में रुपे डेबिट कार्ड लॉन्च करने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
    • भारत-मध्य-पूर्व-यूरोप कनेक्टिविटी कॉरिडोर (IMEEC) और दक्षिण एशिया गैस एंटरप्राइज (SAGE) पाइपलाइन परियोजना।

3. पैंगोलिन का अवैध शिकार

सन्दर्भ: जीनोमिक विश्लेषण के आधार पर शोधकर्ताओं ने अफ्रीका के मूल स्थान से एशिया के बाजारों तक अवैध पैंगोलिन तस्करी के मार्गों का खुलासा किया है।

पैंगोलिन:

  • पैंगोलिन मुख्य रूप से रात्रिचर स्तनधारी हैं। ये एकमात्र स्तनधारी हैं जो पूरी तरह से शल्कों से ढके होते हैं, जिसका उपयोग वे जंगल में शिकारियों से बचाव के लिए करते हैं।

चित्र: पैंगोलिन

स्रोत: WWF

  • खतरा होने पर पैंगोलिन एक तंग गेंद की तरह मुड़ जाता है और शिकारियों से बचाव के लिए अपनी नुकीली पूँछ का इस्तेमाल करता है।
  • ये चींटियाँ, दीमक और लार्वा खाते हैं और प्रायः उन्हें “स्कैली एंट ईटर” (scaly ant eater) के रूप में जाना जाता है।
  • मुख्य रूप से मांस के लिए इसका अवैध शिकार किया जाता है और शल्क का उपयोग पारंपरिक चिकित्सा और लोक उपचार में किया जाता है
  • पैंगोलिन की 8 प्रजातियाँ हैं
    • पैंगोलिन की चार प्रजातियाँ अफ्रीका में पायी जाती हैं: व्हाइट-बेलिड पैंगोलिन (फैटागिनस ट्राइकसपिस), ब्लैक-बेलिड पैंगोलिन (फैटागिनस टेट्राडैक्टाइला), टेम्मिन्क्स ग्राउंड पैंगोलिन (स्मट्सिया टेम्मिनकी) और जाइंट ग्राउंड पैंगोलिन (स्मट्सिया गिगेंटिया)।
    • पैंगोलिन की चार प्रजातियाँ एशिया में पायी जाती हैं: भारतीय पैंगोलिन (मैनिस क्रैसिकाउडेटा), सुंडा पैंगोलिन (मैनिस जावानिका), चीनी पैंगोलिन (मैनिस पेंटाडैक्टाइला) और फिलीपीन पैंगोलिन (मैनिस क्यूलियोनेंसिस)।
  • भारतीय पैंगोलिन को CITES परिशिष्ट I में सूचीबद्ध किया गया है और IUCN लाल सूची में इसे ‘संकटग्रस्त’ (Endangered) के रूप में सूचीबद्ध किया गया है।

UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:

1. हाल ही में चर्चा में रहा ‘ALTERRA’ निम्नलिखित में से क्या है ?

  1. संयुक्त अरब अमीरात द्वारा लॉन्च किया गया $30 बिलियन का उत्प्रेरक जलवायु निवेश कोष
  2. जलवायु वित्त जुटाने के लिए UNFCCC द्वारा स्थापित एक कोष
  3. भारत में लॉन्च किया गया एक निवेश माध्यम जो सकारात्मक पर्यावरणीय प्रभाव वाली कंपनियों में निवेश करता है
  4. एक यू.एस. आधारित निवेश कोष जिसका पोर्टफोलियो पर्यावरण, सामाजिक और शासन (ESG) मानदंडों पर आधारित है

उत्तर: a

व्याख्या: दुबई में हुए COP28 जलवायु शिखर सम्मेलन में संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति ने ALTÉRRA नामक $30 बिलियन के उत्प्रेरक जलवायु निवेश कोष के गठन की घोषणा की।

2. निम्नलिखित में से कौन सा समूह, यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ EFTA सदस्य राज्यों का गठन करता है?

  1. आइसलैंड, लिकटेंस्टीन, नॉर्वे और स्विट्जरलैंड
  2. बेल्जियम, आइसलैंड, लिकटेंस्टीन और स्विट्जरलैंड
  3. स्वीडन, पुर्तगाल, स्विट्जरलैंड और डेनमार्क
  4. आइसलैंड, लिथुआनिया, नॉर्वे और स्विट्जरलैंड

उत्तर: a

व्याख्या: EFTA एक अंतरसरकारी संगठन है जिसकी स्थापना 1960 में हुई थी। इसके चार सदस्य देश हैं: आइसलैंड, लिकटेंस्टीन, नॉर्वे और स्विट्जरलैंड। इस सन्दर्भ में और यहाँ पढ़ें:

https://byjus.com/free-ias-prep/european-free-trade-association-efta-upsc-notes/

3. प्रायः चर्चा में रहने वाला ‘थ्री ब्रदरहुड अलायंस’ निम्नलिखित में से किस देश से संबंधित है?

  1. इजराइल
  2. यूक्रेन
  3. आर्मीनिया
  4. म्यांमार

उत्तर: d

व्याख्या: थ्री ब्रदरहुड एलायंस अराकान आर्मी, म्यांमार नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस आर्मी और ताआंग नेशनल लिबरेशन आर्मी के बीच का एक गठबंधन है। म्यांमार तख्तापलट के बाद यह समूह प्रमुखता से उभरा।

4. IUCN लाल सूची में भारतीय पैंगोलिन को निम्नलिखित में कौन सा संरक्षण दर्जा दिया गया है?

  1. विलुप्त
  2. कम चिंताजनक
  3. संकटग्रस्त
  4. वनों में विलुप्त

उत्तर: c

व्याख्या: भारतीय पैंगोलिन मैनिस क्रैसिकाउडेटा को IUCN लाल सूची में संकटग्रस्त (Endangered) के रूप में सूचीबद्ध किया गया है।

5. हिंद महासागर में भारत की समुद्री रणनीति के लिए महत्वपूर्ण डूक्म बंदरगाह निम्नलिखित में से कहाँ अवस्थित है?

  1. ईरान
  2. यमन
  3. ओमान
  4. संयुक्त अरब अमीरात

उत्तर: c

व्याख्या:

ओमान में मौजूद डुक्म बंदरगाह भारत को ओमान की खाड़ी, लाल सागर, हिंद महासागर और अरब सागर तक पहुंच प्रदान करता है।

UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:

1. COP-28 में अपनाई गई दुबई कन्सेंसस को कहीं ऐतिहासिक, तो कहीं विफलता के रूप में देखा गया है। इस संदर्भ में, इस शिखर सम्मेलन के परिणामों का समालोचनात्मक परीक्षण कीजिए।

(250 शब्द, 15 अंक) (GS III – E&E)

The Dubai Consensus adopted at COP-28 is seen as historic by some and as a failure by others. In this context, critically examine the outcomes of the summit. (250 words, 15 marks) (GS III – E&E)

2. विकसित देशों के साथ FTA पर चर्चा करते समय भारत को अक्सर चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इन चुनौतियों को उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए।

(250 शब्द, 15 अंक) (GS II – IR)

India often faces challenges while negotiating FTAs with developed nations. Illustrate these challenges with examples. (250 words, 15 marks) (GS II – IR)

(नोट: मुख्य परीक्षा के अंग्रेजी भाषा के प्रश्नों पर क्लिक कर के आप अपने उत्तर BYJU’S की वेव साइट पर अपलोड कर सकते हैं।)