A. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 1 से संबंधित: आज इससे संबंधित कुछ नहीं है। B. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित: आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।
C. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित: आज इससे संबंधित कुछ नहीं है। D. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 4 से संबंधित: आज इससे संबंधित कुछ नहीं है। E. संपादकीय: शासन:
अंतर्राष्ट्रीय संबंध:
F. प्रीलिम्स तथ्य:
G. महत्त्वपूर्ण तथ्य: आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।
H. UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न: I. UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न: |
संपादकीय-द हिन्दू
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित
यह सिर्फ जांच में सुधार का मामला नहीं है
शासन
विषय: सरकारी नीतियों और विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिये हस्तक्षेप और उनके अभिकल्पन तथा कार्यान्वयन के कारण उत्पन्न विषय; सामाजिक क्षेत्रों के विकास और प्रबंधन से संबंधित विषय; शासन के महत्त्वपूर्ण पहलू
मुख्य परीक्षा: भारत में पुलिस सुधार की चुनौतियाँ और इसकी आवश्यकता
सन्दर्भ: राजेश और अन्य बनाम मध्य प्रदेश राज्य के मामले में भारत के उच्चतम न्यायालय के हालिया निर्णय में दोषियों को तकनीकी आधार पर न्याय प्रणाली से बचने से रोकने के लिए एक सुसंगत और भरोसेमंद जांच संहिता स्थापित करने की आवश्यकता पर जोर दिया गया।
- न्यायालय ने पुलिस जांच की गुणवत्ता, प्रक्रिया में अवैधताओं और पिछली समितियों और आयोगों की सिफारिशों को लेकर चिंता व्यक्त की।
भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 27 की व्याख्या:
- न्यायालय ने भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 27 से संबंधित मुद्दों की ओर इशारा किया, जो एक पुलिस अधिकारी की हिरासत में “किसी भी अपराध के आरोपी” व्यक्ति से मिली जानकारी के आधार पर खोजे गए तथ्यों की स्वीकार्यता को परिभाषित करता है।
- न्यायालय ने निर्णय दिया कि किसी व्यक्ति को औपचारिक रूप से गिरफ्तार किए जाने तक पुलिस हिरासत में नहीं माना जा सकता है, विशेषकर यदि प्रथम सूचना रिपोर्ट (FIR) में आरोपी व्यक्ति के रूप में उनका उल्लेख नहीं किया गया है।
- हालाँकि, यह व्याख्या पहले की कानूनी मिसालों से मेल नहीं खाती है। “हिरासत” शब्द की व्यापक रूप से व्याख्या उन स्थितियों को शामिल करने के लिए की गई है जहां एक संदिग्ध पुलिस निगरानी और नियंत्रण में होता है, एवं यहां तक कि किसी संदिग्ध की गतिविधियों पर अप्रत्यक्ष नियंत्रण को भी “पुलिस हिरासत” माना जाता है।”
आपराधिक प्रक्रिया संहिता (CrPC) के अनुपालन पर जोर:
- न्यायालय ने आपराधिक प्रक्रिया संहिता (CrPC) की धारा 100(4) और धारा 100(5) के अनुपालन को अधिक महत्त्व दिया, जो तलाशी और जब्ती के दौरान स्वतंत्र गवाहों की उपस्थिति से संबंधित है।
- यह देखा गया कि इन धाराओं का अनुपालन न करने से भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 27 के तहत की गई खोजों (discoveries) के साक्ष्य के महत्त्व को कम नहीं किया जा सकता है।
- हालाँकि, पहले के निर्णयों में देखा गया है कि तलाशी (search) और खोज (discovery) की प्रक्रियाएँ अलग-अलग हैं, एवं तलाशी कार्यवाही में बाध्यता के तौर पर सुरक्षा उपाय किसी जाँच के दौरान स्वैच्छिक खोज पर लागू नहीं होते हैं।
पुलिस जांच की गुणवत्ता:
- न्यायालय ने पुलिस जांच की खराब गुणवत्ता एवं अप्रभावी और अवैज्ञानिक जांच के कारण कम सजा दर पर खेद व्यक्त किया।
- इसमें मलिमथ समिति और विधि आयोग सहित समितियों और आयोगों की सिफारिशों का उल्लेख किया गया है, जिसमें पुलिस स्टेशनों में कर्मचारियों की कमी, अपराध जांच को अपर्याप्त प्राथमिकता और जांच प्रक्रिया में कौशल विकास की कमी जैसे मुद्दों पर प्रकाश डाला गया है।
- मलिमथ समिति ने जांच विंग को कानून और व्यवस्था विंग से अलग करने की सिफारिश की थी, जो आवश्यक होते हुए भी इस संबंध में राज्य के प्रयासों की व्यापक समीक्षा की आवश्यकता को प्रकट करता है।
मूल समस्या
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अन्य मुद्दे:
- जांच अधिकारी न केवल संख्या में अपर्याप्त हैं बल्कि अधिकारियों की कमी के कारण अपने कौशल को उन्नत करने में भी असमर्थ हैं।
- पुलिस सुधारों के लिए केवल नियम-कायदों में कुछ प्रावधान करके उपशामक (symptomatic) उपचार करने से ज्यादा मदद नहीं मिलेगी।
- पुलिस स्टेशनों में स्टाफ की कमी है।
- जांच के कौशल को उन्नत करने के लिए कोई आवधिक अभ्यास नहीं है’।
महत्त्व:
- यह निर्णय दोषियों को जवाबदेह ठहराने के लिए एक सुसंगत और भरोसेमंद जांच संहिता के महत्त्व को रेखांकित करता है।
- यह कानूनी मानकों को संरक्षित करने और जांच की गुणवत्ता में सुधार के बीच संतुलन बनाने की आवश्यकता पर प्रकाश डालता है।
भावी कदम:
- न्यायालय को अस्पष्टता और विसंगतियों से बचने के लिए कानूनी प्रावधानों की स्पष्ट और सुसंगत व्याख्या प्रदान करनी चाहिए।
- नीति निर्माताओं और कानून प्रवर्तन एजेंसियों को कर्मचारियों की कमी और कौशल विकास जैसे मुद्दों को संबोधित करते हुए व्यापक पुलिस सुधारों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
- राज्य और केंद्र शासित प्रदेश सरकारों को न्यायालय के निर्देशों के अनुसार जांच को कानून और व्यवस्था कर्तव्यों से अलग करना सुनिश्चित करना चाहिए।
सारांश: कम सजा दर की समस्या को हल करने के लिए भारत में बेहतर जांच के साथ-साथ एक सतत जांच संहिता की आवश्यकता है। |
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित
भारत और कनाडा के बीच बिगड़ते संबंध
अंतर्राष्ट्रीय संबंध
विषय: विकसित एवं विकासशील देशों की नीतियों एवं राजनीति का भारत के हितों पर प्रभाव।
मुख्य परीक्षा: भारत और कनाडा के बीच कूटनीतिक तनाव का असर जमीनी स्तर पर अधिक होता है
सन्दर्भ: भारत और कनाडा के राजनयिक संबंधों में गिरावट देखी गई है, जिसके कारण वीजा सेवाओं में कमी आई है और कनाडाई राजनयिकों की वापसी हुई है। राजनयिक मिशनों को बराबर करने की भारत की मांग और सुलह के प्रयासों के बावजूद, एक विवादास्पद मामले में भारतीय अधिकारियों की संलिप्तता के संबंध में कनाडाई सरकार द्वारा लगाए गए आरोपों के कारण ये तनाव बढ़ गया है।
राजनयिक गतिरोध:
- भारत ने एक-दूसरे के मिशनों में राजनयिकों की संख्या को संतुलित करने की कोशिश की, लेकिन कनाडाई सरकार के आरोपों के बाद तनाव बढ़ गया कि भारत एक कनाडाई नागरिक और खालिस्तानी कार्यकर्ता, हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में शामिल था।
- शांत कूटनीति के माध्यम से स्थिति को हल करने की प्रारंभिक आशाओं के बावजूद, गतिरोध जारी रहा क्योंकि कनाडा ने इस बात पर जोर दिया कि भारत आगे बिना सबूत के भी उसकी जांच में सहयोग करे।
पारस्परिक क्रियाएँ:
- दोनों देशों की सुरक्षा एजेंसियों द्वारा राजनयिकों के जैसे को तैसा निष्कासन के जवाब में, भारत सरकार ने सभी कनाडाई लोगों के लिए वीजा निलंबित कर दिया और कनाडाई राजनयिकों की संख्या में कमी की मांग की।
- भारत ने एक अल्टीमेटम जारी किया, जिसमें कनाडा को 31 अक्टूबर तक अपने दो-तिहाई राजनयिकों को कम करने के लिए कहा गया, एवं एकतरफा राजनयिक सुरक्षा (diplomatic immunity) वापस लेने की धमकी दी गई।
कानूनी विवाद:
- कनाडा ने तर्क दिया कि भारत की मांग वियना कन्वेंशन जो राजनयिक सुरक्षा (diplomatic immunity) प्रदान करता है, सहित अंतर्राष्ट्रीय कानून का उल्लंघन है।
- भारत ने वियना कन्वेंशन के अनुच्छेद 11.1 के तहत अपने रुख को उचित ठहराया, जो मेजबान देश को विदेशी मिशन के आकार पर सीमा निर्धारित करने की अनुमति देता है।
वीज़ा सेवाओं पर प्रभाव:
- राजनयिक गतिरोध के परिणामस्वरूप, कनाडा ने कर्मचारियों की कमी के कारण अपने वाणिज्य दूतावास में “इन पर्सन” वीज़ा सेवाओं को बंद करने की घोषणा की।
- कनाडाई आव्रजन मंत्री ने जोर देकर कहा कि भारत की कार्रवाई हरदीप सिंह निज्जर मामले में कनाडा के अभियोजन को नहीं रोकेगी।
कूटनीतिक प्रयास अप्रभावी:
- पिछली राजनयिक बैठकें, जिनमें प्रधान मंत्री मोदी और प्रधान मंत्री ट्रूडो के बीच की बैठकें, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की चर्चाएं और विदेश मंत्री एस. जयशंकर और कनाडाई विदेश मंत्री मेलानी जॉली के बीच चर्चा शामिल हैं, बिगडती स्थिति को सही करने में विफल रही हैं।
- कनाडा के दावों का समर्थन करते हुए, कनाडा के “फाइव आइज़” सहयोगियों द्वारा मध्यस्थता के प्रयासों के सकारात्मक परिणाम नहीं मिले हैं।
मुद्दे:
- आरोप-प्रत्यारोप के कारण गतिरोध पैदा हो गया है और कूटनीतिक प्रयास अब तक अप्रभावी साबित हुए हैं।
- वीज़ा सेवाओं में कमी से छात्रों, पर्यटकों और व्यवसायियों पर असर पड़ रहा है, जिससे संभावित रूप से लोगों के बीच और आर्थिक संबंधों में तनाव आ रहा है।
भावी कदम:
- संवाद और बातचीत के माध्यम से समाधान खोजने के लिए राजनयिक चैनल खुले रहने चाहिए।
- “फाइव आइज़” सहयोगियों के प्रयास सहित मध्यस्थता के प्रयास, शांतिपूर्ण समाधान को बढ़ावा देना जारी रख सकते हैं।
- दोनों देशों को अपने लंबे समय से चले आ रहे मैत्रीपूर्ण संबंधों को प्राथमिकता देनी चाहिए और आपसी सहयोग के अवसर तलाशने चाहिए।
सारांश: भारत और कनाडा के बीच चल रहे राजनयिक गतिरोध का लोगों से लोगों के बीच बातचीत और व्यापारिक संबंधों पर प्रभाव पड़ रहा है। यह सकारात्मक द्विपक्षीय संबंधों को बनाए रखने के लिए राजनयिक समाधान और सुलह की आवश्यकता को रेखांकित करता है। |
प्रीलिम्स तथ्य:
1. प्रधानमंत्री ने देश के पहले रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम ‘नमो भारत’ को हरी झंडी दिखाई
सन्दर्भ: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के पहले रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) का उद्घाटन किया, जिसे ‘नमो भारत’ के नाम से जाना जाता है। यह महत्त्वपूर्ण घटना भारत के परिवहन बुनियादी ढांचे में एक महत्त्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुई, जिसमें प्रधान मंत्री ने व्यक्तिगत रूप से उत्तर प्रदेश में साहिबाबाद से दुहाई डिपो तक 17 किलोमीटर की दूरी पर यात्रा की। पूरा 82 किलोमीटर लंबा दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर 2025 तक चालू होने वाला है।
विवरण:
नमो भारत ट्रेन:
- प्रधानमंत्री मोदी ने नमो भारत ट्रेन को भारत के उज्ज्वल भविष्य का प्रतीक बताया।
- उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह ट्रेन विभिन्न क्षेत्रों और राज्यों को जोड़ने वाली भारत की एक नई यात्रा की शुरुआत का प्रतीक है।
- दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान के अन्य क्षेत्रों में विस्तार की योजना के साथ, शुरुआती चरण के रूप में दिल्ली-मेरठ खंड के महत्त्व पर प्रकाश डाला गया।
- इस प्रणाली का उद्देश्य कनेक्टिविटी बढ़ाना और रोजगार के नए अवसर पैदा करना है।
परियोजना का समापन:
- प्रधानमंत्री ने बताया कि उन्होंने चार साल पहले इस परियोजना की आधारशिला रखी थी और अब वह इसका उद्घाटन करने के लिए वापस आये हैं।
- इस परियोजना का बाकी हिस्सा करीब डेढ़ साल में पूरा होने की संभावना है।
रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम(RRTS):
- RRTS रेल-आधारित, सेमी-हाई-स्पीड, उच्च फ्रीक्वेंसी वाली कम्यूटर ट्रांज़िट प्रणाली है।
- 180 किमी प्रति घंटे की गति के साथ डिज़ाइन किया गया, यह एक क्षेत्रीय विकास पहल है, जो 15 मिनट के अंतराल पर चलने वाली ट्रेनों के साथ हाई-स्पीड इंटरसिटी आवागमन प्रदान करता है, जिसे जरूरत पड़ने पर हर पांच मिनट पर किया जा सकता है।
- ₹30,000 करोड़ से अधिक की लागत से विकसित यह प्रणाली यात्रियों को दिल्ली और मेरठ के बीच एक घंटे से भी कम समय में यात्रा करने में सक्षम बनाएगी।
विस्तार योजनाएँ:
- राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में विकास के लिए कुल आठ RRTS कॉरिडोर की पहचान की गई है।
- पहले चरण में, इन तीन RRTS कॉरिडोर को कार्यान्वयन के लिए प्राथमिकता दी गई है: दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ, दिल्ली-गुरुग्राम-SNB-अलवर, और दिल्ली-पानीपत।
अत्याधुनिक बुनियादी ढांचा:
- आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के अधिकारियों ने इस बात पर प्रकाश डाला कि RRTS एक अत्याधुनिक क्षेत्रीय गतिशीलता समाधान है, जो दुनिया में सर्वश्रेष्ठ की तुलना में है।
महत्त्व:
- नमो भारत RRTS भारत के सार्वजनिक परिवहन बुनियादी ढांचे में एक छलांग को दर्शाता है, जो गति, कनेक्टिविटी और सुविधा प्रदान करता है।
- इससे दिल्ली और मेरठ के बीच यात्रा का समय काफी कम हो जाएगा, जिससे क्षेत्र में परिवहन की समग्र दक्षता में वृद्धि होगी।
- यह परियोजना अपने वादों को पूरा करने एवं राज्यों और क्षेत्रों में कनेक्टिविटी में सुधार करने की सरकार की प्रतिबद्धता का एक प्रमाण है।
2. गगनयान मिशन: इसरो पहली परीक्षण उड़ान के लिए तैयार
सन्दर्भ: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) अपने गगनयान कार्यक्रम जिसका उद्देश्य मानव को अंतरिक्ष में भेजना है, के हिस्से के रूप में एक महत्त्वपूर्ण परीक्षण उड़ान आयोजित करने के लिए तैयार है। यह मिशन भारत के अंतरिक्ष अन्वेषण प्रयासों जिसमें अंतरिक्ष यात्रियों को पृथ्वी की निचली कक्षा में ले जाने की क्षमता है, की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम है।
विवरण:
गगनयान की पहली परीक्षण उड़ान – TV-D1:
- इसरो 21 अक्टूबर को गगनयान का पहला उड़ान परीक्षण वाहन एबॉर्ट मिशन-1 (TV-D1) आयोजित करेगा।
- इस मिशन का प्राथमिक लक्ष्य क्रू एस्केप सिस्टम (CES) के प्रदर्शन को प्रदर्शित करना है।
- यह परीक्षण वाहन एक एकल-चरण तरल रॉकेट है जो क्रू मॉड्यूल (CM) और क्रू एस्केप सिस्टम (CES) से सुसज्जित है।
- CM इस उड़ान के लिए उपयोग किया जाने वाला एक बिना दबाव वाला संस्करण है, जो मैक 1.2 पर आरोहण के दौरान एक एबॉर्ट परिदृश्य का प्रतिनिधित्व करता है।
- CES, CM के साथ, लगभग 17 किमी की ऊंचाई पर परीक्षण वाहन से अलग हो जाएगा।
- एबॉर्ट सीक्वेंस में पैराशूट की तैनाती शामिल है, जिसके परिणामस्वरूप अंततः श्रीहरिकोटा के तट से लगभग 10 किमी दूर समुद्र में CM की सुरक्षित लैंडिंग सुनिश्चित होगी।
- लिफ्टऑफ़ से लेकर CM रिकवरी तक पूरे मिशन में लगभग साढ़े आठ मिनट लगने की संभावना है।
भारतीय नौसेना द्वारा रिकवरी:
- भारतीय नौसेना टचडाउन के बाद TV-D1 क्रू मॉड्यूल (CM) की रिकवरी प्रयासों का नेतृत्व करेगी।
- CM तक पहुंचने के लिए रिकवरी जहाजों को समुद्री जल में तैनात किया जाएगा।
- गोताखोरों की एक टीम जीवन रक्षा प्लव लगाएगी, एक जहाज क्रेन का उपयोग करके CM को उठाएगी और आगे की परिक्षण के लिए किनारे पर लाएगी।
मिशन के उद्देश्य:
- इस मिशन के प्राथमिक उद्देश्यों में उड़ान प्रदर्शन और परीक्षण वाहन उपप्रणालियों (test vehicle subsystems) का मूल्यांकन शामिल है।
- यह उच्च ऊंचाई पर CM की विशेषताओं और गति में कमी वाली प्रणालियों के साथ-साथ CES और इसकी विभिन्न पृथक्करण प्रणालियों का भी मूल्यांकन करता है।
- इस मिशन का मूल उद्देश्य किसी आपातकालीन स्थिति में एबॉर्ट की आवश्यकता होने पर क्रू एस्केप सिस्टम (CES) की सुरक्षा और क्षमताओं का आकलन करना है।
गगनयान कार्यक्रम अवलोकन:
- इस गगनयान मिशन का उद्देश्य चालक दल के तीन सदस्यों को पृथ्वी की निचली कक्षा में लॉन्च करने एवं बंगाल की खाड़ी या अरब सागर में उतरकर सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाने की भारत की क्षमता का प्रदर्शन करना है।
- प्रथम चालक दल उड़ान (first crewed flight) से पहले, तीन परीक्षण वाहन (TV) उड़ानों की योजना बनाई गई है: TV-1, TV-2 और TV-3।
- TV-D1 मिशन के बाद, यह कार्यक्रम आगे के परीक्षण के साथ आगे बढ़ेगा और अंततः 2023 की शुरुआत में व्योममित्र नामक एक ह्यूमनॉइड ले जाएगा।
महत्त्व:
- गगनयान कार्यक्रम भारत के लिए एक महत्त्वपूर्ण मील का पत्थर है, जो मानव को अंतरिक्ष में भेजने की देश की क्षमता को प्रदर्शित करता है।
- आपात्कालीन स्थिति में क्रू एस्केप सिस्टम (CES) की सुरक्षा और विश्वसनीयता सुनिश्चित करने के लिए इस मिशन की सफलता महत्त्वपूर्ण है।
- यह कार्यक्रम अंतरिक्ष अन्वेषण और अनुसंधान में एक प्रमुख देश बनने की भारत की आकांक्षाओं के अनुरूप है।
3. जैसे-जैसे दिल्ली अपने इतिहास की गहराई में जा रही है, महरौली पार्क की संरचनाओं को नया स्वरूप मिलता जा रहा है
सन्दर्भ: दिल्ली के महरौली पुरातत्व पार्क में 55 ऐतिहासिक स्मारकों को पुनर्स्थापित और संरक्षित करने के लिए मार्च में ₹2.6 करोड़ के आवंटित बजट के साथ एक महत्त्वपूर्ण परियोजना शुरू की गई थी।
- इस परियोजना का उद्देश्य इन ऐतिहासिक संरचनाओं को पुनर्जीवित करना था, जिससे दिल्ली निवासियों को शहर के समृद्ध इतिहास और विरासत को जानने का अवसर मिले।
- प्रसिद्ध कुतुब मीनार के निकट स्थित इस महत्त्वपूर्ण उपक्रम का हाल ही में उपराज्यपाल द्वारा अनावरण किया गया था।
महरौली पुरातत्व पार्क का ऐतिहासिक महत्त्व:
- 200 एकड़ में फैला यह पार्क यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल कुतुब मीनार के बगल में स्थित है।
- इसमें खिलजी, तुगलक, लोदी, मुगल और ब्रिटिश सहित विभिन्न साम्राज्यों द्वारा निर्मित 55 ऐतिहासिक संरचनाएं हैं।
- कई स्मारकों में व्यापक पुनर्स्थापन और संरक्षण कार्य किया गया है, जिससे उनके ऐतिहासिक आकर्षण में नई जान आ गई है।
विविध ऐतिहासिक संरचनाएँ:
- पुनर्स्थापित स्मारकों में जमाली कमाली मकबरा, मेटकाफ हाउस, राजों की बावली और मामलुक राजा गियास-उद-दीन बलबन और मुगल गवर्नर शाह कुली खान की कब्रें शामिल हैं।
- इस परियोजना का उद्देश्य दिल्ली की ऐतिहासिक विरासत को जीवंत करना है जो मध्ययुगीन युग के स्मारकों से पहले की है, एवं शहर के इतिहास का व्यापक परिप्रेक्ष्य प्रदान करती है।
बहु-एजेंसी सहयोग:
- जीर्णोद्धार परियोजना (restoration project) सहयोगात्मक प्रयास था जिसमें दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के नेतृत्व में कई एजेंसियां शामिल थीं।
- इस प्रयास पर कुल खर्च लगभग ₹2.6 करोड़ था।
विस्तृत तौर पर जीर्णोद्धार (Comprehensive Restoration):
- स्मारक के जीर्णोद्धार के साथ-साथ, इस परियोजना में पार्क के भीतर जल निकायों से गाद निकालना और विभिन्न ऐतिहासिक स्थलों को जोड़ने के लिए रास्ते बनाना भी शामिल था।
- संरचनाओं की ऐतिहासिक अखंडता को संरक्षित करते हुए, जीर्णोद्धार और मरम्मत कार्य के दौरान पारंपरिक सामग्रियों और तकनीकों को नियोजित किया गया था।
- पुनर्विकास कार्य में दिल्ली के मास्टर प्लान-2021 और यूनिफाइड बिल्डिंग उपनियम, 2016 के सिद्धांतों का अनुपालन किया गया, जो ऐतिहासिक इमारतों के अनुकूली पुन: उपयोग को बढ़ावा देते हैं।
4. OTT सेवाओं, सरकार ने धूम्रपान की चेतावनियों पर आशंकाजनक समझौता किया
सन्दर्भ: नेटफ्लिक्स, डिज़नी + हॉटस्टार और अमेज़ॅन प्राइम वीडियो जैसे लोकप्रिय प्लेटफार्मों सहित ओवर-द-टॉप (OTT) स्ट्रीमिंग सेवाओं ने अपनी कंटेंट में धूम्रपान की चेतावनी को शामिल करने के संबंध में सरकार के साथ समझौता किया है।
- यह समझौता 31 मई, 2023 को जारी स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की अधिसूचना के जवाब में आया है, जिसमें स्ट्रीमिंग सेवाओं के लिए धूम्रपान दृश्यों वाले कंटेंट की शुरुआत में तंबाकू उपभोग चेतावनी प्रदर्शित करने को आवश्यक बनाया गया था, एक ऐसा कदम है जो अंतर्राष्ट्रीय मानदंडों से भटक गया है।
OTT सेवाओं द्वारा भिन्न दृष्टिकोण:
- हॉटस्टार जैसे कुछ OTT प्लेटफार्मों ने पुरानी फिल्मों के लिए भी वीडियो और ऑन-स्क्रीन चेतावनियों को शामिल किया है।
- नेटफ्लिक्स जैसे अन्य प्लेटफार्म ने कम इंट्रूसिव वाले संदेशों (less intrusive messages) का विकल्प चुना है, जिसमें धूम्रपान के दृश्यों वाले कंटेंट की शुरुआत में स्क्रीन के ऊपर बाईं ओर तंबाकू के सेवन के प्रति सावधानी बरतने की बात कही गई है।
सरकार की अधिसूचना और विशिष्ट आवश्यकता:
- स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने 31 मई को सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद (विज्ञापन का प्रतिषेध और व्यापार तथा वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति और वितरण का विनियमन) संशोधन नियम, 2023 जारी किया।
- इन नियमों में यह अनिवार्य है कि स्ट्रीमिंग सेवाओं को, जब तंबाकू सेवन का चित्रण किया जाए, तो शुरुआत में एक चेतावनी प्रदर्शित करनी चाहिए और धूम्रपान दिखाने वाले दृश्यों के दौरान टेक्स्ट स्क्रॉल शामिल करना चाहिए।
- यह उल्लेखनीय है कि किसी अन्य देश ने फिल्म निर्माताओं और टीवी सीरीज निर्माताओं पर ऐसी आवश्यकताएं नहीं लगाई हैं।
चर्चा एवं असहमति:
- एक बैठक में मुंबई के टाटा मेमोरियल अस्पताल के उप निदेशक ने तंबाकू उपभोग को कम करने के लिए कड़े कदम उठाने की वकालत की।
- OTT सेवाओं ने आवश्यकताओं को लागू करने में कठिनाइयों का हवाला देते हुए नियमों में ढील देने और अनुपालन समयसीमा बढ़ाने की अपील की।
- अतिरिक्त सचिव ने किसी भी चुनौती के बावजूद नियमों को लागू करने की आवश्यकता पर बल देते हुए इन अपीलों का विरोध किया।
मुद्दे:
- OTT सेवाएं, धूम्रपान विरोधी संदेश देने के महत्त्व को स्वीकार करते हुए, अनिवार्य चेतावनियों की दखल की प्रकृति को लेकर चिंतित हैं।
- धूम्रपान की चेतावनी के साथ कंटेंट को बाधित करने की सरकार की आवश्यकता मांग अनूठी है और यह कंटेंट निर्माताओं के लिए परिचालन और कलात्मक चुनौतियां पेश करती है।
- सार्वजनिक स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं को कलात्मक स्वतंत्रता और कंटेंट वितरण की व्यावहारिकताओं के साथ संतुलित करना विवाद का मुद्दा रहा है।
UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:
1. निम्नलिखित में से कौन सा गगनयान मिशन का उद्देश्य नहीं है?
(a) तीन भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को पृथ्वी की निचली कक्षा (LEO) में भेजना
(b) अंतरिक्ष यात्रियों को सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाना
(c) अंतरिक्ष यात्रियों को बंगाल की खाड़ी या अरब सागर में उतारना
(d) दो भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को चंद्रमा की सतह पर भेजना
उत्तर: d
व्याख्या: गगनयान मिशन का लक्ष्य 3 चालक दल के सदस्यों को पृथ्वी की निचली कक्षा में लॉन्च करना और उन्हें सुरक्षित रूप से वापस लाना है, संभवतः बंगाल की खाड़ी या अरब सागर में उतारा जाएगा।
2. “नमो भारत” ट्रेन के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?
1. “नमो भारत” भारत का पहला रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) है।
2. RRTS का लक्ष्य 180 किमी प्रति घंटे की डिज़ाइन गति के साथ इंटरसिटी आवागमन के लिए हाई-स्पीड ट्रेनें प्रदान करना है।
निम्नलिखित कूट का उपयोग कर सही उत्तर का चयन कीजिए:
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1, न ही 2
उत्तर: c
व्याख्या: “नमो भारत” ट्रेन भारत की पहली रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) है जिसे हाई-स्पीड इंटरसिटी आवागमन के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसलिए, दोनों कथन सही हैं।
3. विश्व धरोहर स्थलों के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. विश्व धरोहर स्थल संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक तथा सांस्कृतिक संगठन (UNESCO) द्वारा नामित हैं।
2. एक विश्व धरोहर स्थल सांस्कृतिक, ऐतिहासिक, वैज्ञानिक या अन्य प्रकार के महत्त्व वाला अनूठा मील का पत्थर होना चाहिए।
3. इटली में 59 चयनित क्षेत्रों के साथ सबसे अधिक विश्व धरोहर स्थल हैं।
उपर्युक्त कथनों में से कितना/कितने गलत है/हैं?
(a) केवल एक
(b) केवल दो
(c) सभी तीन
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर: d
व्याख्या: यूनेस्को द्वारा नामित विश्व धरोहर स्थल, सांस्कृतिक या भौतिक महत्त्व के साथ भौगोलिक और ऐतिहासिक रूप से अनूठे होने चाहिए। इटली में 59 के आंकड़े साथ सर्वाधिक स्थल मौजूद हैं।
4.”OTT” शब्द के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों में से कौन सा/से गलत है/हैं?
1. यह स्ट्रीम की गई कंटेंट प्रदान करने वाली तकनीक को संदर्भित करता है, जिसे “ओवर-द-टॉप” के रूप में जाना जाता है।
2. OTT मीडिया सेवाएं केबल, प्रसारण और उपग्रह टेलीविजन प्लेटफार्मों पर निर्भर हैं।
निम्नलिखित कूट का उपयोग कर सही उत्तर का चयन कीजिए:
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1, न ही 2
उत्तर: b
व्याख्या: OTT सेवाओं के मामले में पारंपरिक टीवी प्लेटफॉर्म की आवश्यकता नहीं होती है, जिससे कथन 2 गलत हो जाते हैं।
5. मलिमथ समिति का गठन निम्नलिखित में से किसमें सुधारों की सिफारिश करने के लिए किया गया था?
(a) भारतीय शिक्षा प्रणाली
(b) कृषि क्षेत्र
(c) भारतीय आपराधिक न्याय प्रणाली
(d) भारत के पर्यावरण कानून
उत्तर: c
व्याख्या: मलिमथ समिति भारतीय आपराधिक न्याय प्रणाली में सुधारों की सिफारिश करने के लिए भारत सरकार द्वारा गठित एक समिति थी।
UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:
Q1. भारत में पुलिस सुधार की चुनौतियों और इसकी आवश्यकता पर चर्चा करें? (250 शब्द, 15 अंक) (सामान्य अध्ययन – II, शासन)
Q2. “भारत और कनाडा के बीच राजनयिक तनाव का जमीनी स्तर पर अधिक प्रभाव पड़ता है” चर्चा कीजिए? (150 शब्द, 10 अंक) (सामान्य अध्ययन – II, अंतर्राष्ट्रीय संबंध)
(नोट: मुख्य परीक्षा के अंग्रेजी भाषा के प्रश्नों पर क्लिक कर के आप अपने उत्तर BYJU’S की वेव साइट पर अपलोड कर सकते हैं।)