विषयसूची:
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1. भारतीय तटरक्षक और नौसेना ने राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर में गैलरी का निर्माण करने के लिए इंडियन पोर्ट रेल एंड रोपवे कॉर्पोरेशन लिमिटेड के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए:
सामान्य अध्ययन: 1
भारतीय विरासत एवं संस्कृति:
विषय: भारतीय संस्कृति में प्राचीन काल से आधुनिक काल तक के कला के रूप और वास्तुकला के मुख्य पहलू।
प्रारंभिक परीक्षा: राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर (NMHC), सिंधु घाटी सभ्यता।
प्रसंग:
- राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर (NMHC), जिसका निर्माण लोथल (गुजरात) के ऐतिहासिक सिंधु घाटी सभ्यता क्षेत्र में किया जा रहा है, में “भारतीय नौसेना और भारतीय तटरक्षक का उद्भव” विषय-वस्तु पर एक गैलरी की योजना बनाने, विकास, निर्माण तथा प्रारंभ किए जाने के लिए 02 जुलाई, 2023 को गांधीनगर में भारतीय तटरक्षक और भारतीय नौसेना तथा इंडियन पोर्ट रेल एंड रोपवे कॉर्पोरेशन लिमिटेड के बीच एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए।
उद्देश्य:
- इसमें एक सामुद्रिक संग्रहालय, लाईट हाउस संग्रहालय, सामुद्रिक थीम पार्क, एम्यूजमेंट पार्क सेंटर शामिल होंगे।
- NMHC भारत की सामुद्रिक विरासत के बारे में जागरूकता का प्रसार करने के लिए नवीनतम प्रौद्योगिकी का उपयोग करते हुए एक शिक्षा और मनोरंजन वाले दृष्टिकोण को अपनाते हुए प्राचीन से आधुनिक समय तक देश की सामुद्रिक विरासत को प्रदर्शित करेगा।
विवरण:
- इसमें हड़प्पायुगीन ढ़ांचा और जीवनशैली रिक्रिएट करने के लिए लोथल मिनि रिक्रिएशन; 4 थीम पार्क–मेमोरियल थीम पार्क, मेरिटाइम एवं नेवी थीम पार्क, क्लाइमेट थीम पार्क और एडवेंचर तथा एम्यूजमेंट थीम पार्क; हड़प्पा के समय से शुरू आज तक की भारत की सामुद्रिक विरासत को रेखांकित करती हुए 14 गैलरी; राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों की विविध सामुद्रिक विरासत को प्रदर्शित करता हुआ तटीय राज्य पवेलियन आदि जैसी कई नवोन्मेषी और अनूठी विशेषताएं शामिल रहेंगी।
पृष्ठ्भूमि:
- केंद्र सरकार पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्रालय के तत्वाधान में लोथल (गुजरात) के ऐतिहासिक सिंधु घाटी सभ्यता क्षेत्र में राष्ट्रीय सामुद्रिक विरासत परिसर (NMHC) का निर्माण कर रही है।
- NMHC परियोजना के लिए आधारशिला प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा मार्च 2019 में रखी गई थी।
2. विश्व के सबसे बड़े समुद्री संग्रहालय परिसर, NMHC, लोथल की प्रगति की समीक्षा:
सामान्य अध्ययन: 1
भारतीय विरासत एवं संस्कृति:
विषय: भारतीय संस्कृति में प्राचीन काल से आधुनिक काल तक के कला के रूप और वास्तुकला के मुख्य पहलू।
प्रारंभिक परीक्षा: सागरमाला कार्यक्रम।
मुख्य परीक्षा: सिंधु घाटी सभ्यता में लोथल के महत्व पर प्रकाश डालिये।
प्रसंग:
- केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल ने गुजरात के गांधीनगर में राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर, लोथल की समीक्षा की।
उद्देश्य:
- पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय लोथल, गुजरात में राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर विकसित कर रहा है।
- इसमें भारत की समृद्ध और विविध समुद्री विरासत को प्रदर्शित करने की परिकल्पना की गई है।
- NMHC, MoPSW के तहत सागरमाला कार्यक्रम की प्रमुख परियोजनाओं में से एक है और यह दुनिया का सबसे बड़ा समुद्री संग्रहालय परिसर होगा।
विवरण:
- पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय लोथल, गुजरात में राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर विकसित कर रहा है।
- इसमें भारत की समृद्ध और विविध समुद्री विरासत को प्रदर्शित करने की परिकल्पना की गई है।
- NMHC, MoPSW के तहत सागरमाला कार्यक्रम की प्रमुख परियोजनाओं में से एक है और यह दुनिया का सबसे बड़ा समुद्री संग्रहालय परिसर होगा।
- NMHC भारत के विविध समुद्री इतिहास को सीखने और समझने के लिए एक केंद्र के रूप में कार्य करेगा और इसे इस तरह से बनाया जा रहा है कि भारत का आम आदमी इसके इतिहास को सरलता से समझ सके।
- पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय के सागरमाला कार्यक्रम के तहत NMHC को लगभग 400 एकड़ क्षेत्र में 4500 करोड़ रुपये रुपये की अनुमानित लागत के साथ विकसित किया जा रहा है और इसे सार्वजनिक और निजी संस्थानों या संगठनों और सीएसआर से वित्त पोषण के माध्यम से विकसित करने की योजना बनाई जा रही है।
- भारत के प्रमुख बंदरगाह परियोजना के लिए 209 करोड़ रुपये का योगदान दे रहे हैं।
परियोजना की प्रगति की समीक्षा:
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- NMHC को एक विश्व स्तरीय अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने का प्रस्ताव है जो देश में अपनी तरह का पहला होगा।
- इसमें समुद्री संग्रहालय, लाइट हाउस संग्रहालय समुद्री थीम पार्क और मनोरंजन पार्क आदि शामिल होंगे।
- यह एक शैक्षिक दृष्टिकोण के साथ प्राचीन से आधुनिक काल तक देश की समुद्री विरासत को प्रदर्शित करेगा।
- पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय के सागरमाला कार्यक्रम के तहत NMHC को लगभग 400 एकड़ क्षेत्र में 4500 करोड़ रुपये रुपये की अनुमानित लागत के साथ विकसित किया जा रहा है और इसे सार्वजनिक और निजी संस्थानों या संगठनों और सीएसआर से वित्त पोषण के माध्यम से विकसित करने की योजना बनाई जा रही है।
- भारत के प्रमुख बंदरगाह परियोजना के लिए 209 करोड़ रुपये का योगदान दे रहे हैं।
प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:
- अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ (IBC):
- भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के तत्वाधान में अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ (IBC), 03 जुलाई, 2023 को राष्ट्रीय संग्रहालय, नई दिल्ली में धम्मचक्र प्रवर्तन दिवस के रुप में आषाढ़ पूर्णिमा का उत्सव मनाएगा।
- यह IBC का वार्षिक प्रमुख कार्यक्रम है और बुद्ध पूर्णिमा अथवा वैशाख पूर्णिमा के पश्चात बौद्धों के लिए द्वितीय प्रमुख बलिदान दिवस है।
- भारत की ऐतिहासिक विरासत को ध्यान में रखते हुए, बुद्ध के ज्ञान की भूमि, उनके धम्मचक्र को गति और महापरिनिर्वाण, IBC नई दिल्ली के राष्ट्रीय संग्रहालय में आषाढ़ पूर्णिमा समारोह की मेजबानी कर रहा है जहां शाक्यमुनि के पवित्र अवशेष रखे गये हैं।
- सारनाथ में ही बुद्ध ने अपना प्रथम उपदेश दिया था और धम्मचक्र को गति प्रदान की थी।
- आषाढ़ पूर्णिमा का शुभ दिन, जो हिन्दू पंचांग के अनुसार आषाढ़ महीने की पूर्णिमा के दिन पड़ता है, इसे श्रीलंका में एसाला पोया और थाईलैंड में असन्हा बुचा के नाम से भी जाना जाता है।
- यह दिन भारत के वाराणसी के पास वर्तमान सारनाथ में ‘डीयर पार्क’, शिशिपतन मृगदया में आषाढ़ की पूर्णिमा के दिन पहले पांच तपस्वी शिष्यों (पंचवर्गीय) को ज्ञान प्राप्त करने के बाद बुद्ध की पहली शिक्षा का प्रतीक है।
- भिक्षुओं और भिक्षुणियों के लिए वर्षा ऋतु विश्राम (वर्षा वासा) भी इस दिन से शुरू होता है जो जुलाई से अक्टूबर तक तीन चंद्र महीनों तक चलता है, जिसके दौरान वे एक ही स्थान पर रहते हैं, सामान्यत: गहन ध्यान के लिए समर्पित मंदिरों में रहते हैं।
- इस दिन को बौद्धों और हिंदुओं दोनों द्वारा अपने गुरुओं के प्रति श्रद्धा प्रकट करने के लिए गुरु पूर्णिमा के रूप में भी मनाया जाता है।
- मिशन गगनयान- क्रू मॉड्यूल रिकवरी गोताखोरों के पहले बैच का प्रशिक्षण पूरा:
- मिशन गगनयान की क्रू मॉड्यूल रिकवरी टीम के पहले बैच ने कोच्चि में भारतीय नौसेना की वाटर सर्वाइवल ट्रेनिंग फैसिलिटी (WSTF) में प्रशिक्षण के पहले चरण को पूरा कर लिया।
- अत्याधुनिक फैसिलिटी का उपयोग करते हुए भारतीय नौसेना के गोताखोरों और समुद्री कमांडो की टीम ने समुद्र की विभिन्न स्थितियों में क्रू मॉड्यूल का रिकवरी प्रशिक्षण किया।
- दो सप्ताह के प्रशिक्षण कार्यक्रम में मिशन के संचालन, चिकित्सा की आपातकालीन स्थितियों में उठाए जाने वाले कदम और विभिन्न विमानों और उनके बचाव उपकरणों से परिचित होना शामिल था।
- प्रशिक्षण ने भारतीय नौसेना और इसरो द्वारा निर्मित SOP को भी सत्यापित किया।
- WSTF में प्रशिक्षित टीम अब आगामी महीनों में इसरो द्वारा योजनाबद्ध टेस्ट लॉच की रिकवरी में शामिल होगी।
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