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03 अगस्त 2023 : PIB विश्लेषण

विषयसूची:

  1. संसद ने अपतटीय क्षेत्र खनिज (विकास और विनियमन) संसोधन विधेयक, 2023 पारित किया:
  2. दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र शासन (संशोधन) विधेयक, 2023 पारित:
  3. चंद्रयान-3 मिशन की वर्तमान स्थिति:
  4. स्टडी इन इंडिया (एसआईआई) पोर्टल का शुभारंभ:
  5. श्रमिकों के लिए केंद्र सरकार की योजनाएं:
  6. आईएनएस सह्याद्री और आईएनएस कोलकाता:
  7. प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भरनिधि (पीएम स्वनिधि) योजना:
  8. पीएम जी-वन योजना:
  9. सामरिक पेट्रोलियम रिजर्व कार्यक्रम (Strategic Petroleum Reserve Programme):
  10. NHAI ने एकीकृत मोबाइल एप्लीकेशन ‘राजमार्गयात्रा’ की शुरुआत की:

1. संसद ने अपतटीय क्षेत्र खनिज (विकास और विनियमन) संसोधन विधेयक, 2023 पारित किया:

सामान्य अध्ययन: 3

आर्थिक विकास:

विषय: विकास प्रक्रिया में संस्थागत एवं अन्य पक्षों की भूमिका।

प्रारंभिक परीक्षा: अपतटीय क्षेत्र खनिज (विकास और विनियमन) संशोधन विधेयक, 2023

मुख्य परीक्षा: आर्थिक विकास में संशोधन विधेयक की भूमिका पर चर्चा कीजिए।

प्रसंग:

  • राज्यसभा ने 03 अगस्त 2023 को अपतटीय क्षेत्र खनिज (विकास और विनियमन) संशोधन विधेयक, 2023 पारित कर दिया।

उद्देश्य:

  • इस विधेयक का उद्देश्य अपतटीय क्षेत्र खनिज (विकास और विनियमन) अधिनियम 2002 (ओएएमडीआर अधिनियम) में संशोधन करना है।
    • लोकसभा ने इसे 01.08.2023 को पारित किया था। विधेयक को अब राष्ट्रपति को सहमति के लिए भेजा जाएगा।
  • अधिनियम में प्रस्तावित संशोधन अपतटीय क्षेत्रों में परिचालन अधिकारों के आवंटन की पद्धति के रूप में नीलामी व्यवस्था लागू करके प्रमुख सुधार लाएगा।

विवरण:

  • ओएएमडीआर अधिनियम, 2002 वर्ष 2010 में लागू किया गया।
    • लेकिन अभी तक अपतटीय क्षेत्रों में किसी तरह का खनन कार्य नहीं हुआ है।
    • इसलिए केंद्र सरकार ने अपतटीय खनन क्षेत्र में विभिन्न सुधार लाने के लिए वर्तमान संशोधन विधेयक का प्रस्ताव किया।
  • ओएएमडीआर अधिनियम के वर्तमान स्वरूप में विवेकाधिकार की गुंजाइश है और अपतटीय क्षेत्रों में परिचालन अधिकारों के निष्पक्ष और पारदर्शी आवंटन का कोई प्रावधान नहीं है।
    • खान और खनिज (विकास और विनियमन) अधिनियम 1957 (एमएमडीआर अधिनियम) को जनवरी 2015 में संशोधित किया गया ताकि अपतटीय क्षेत्रों में नीलामी के माध्यम से खनिज रियायत आवंटित की जा सकें।
    • ओएएमडीआर अधिनियम में वर्तमान संशोधन के माध्यम से नीलामी व्यवस्था करने से इस क्षेत्र को आवश्यक गति मिलने का अनुमान है।
  • भारत की समुद्री स्थिति विशिष्ट है।
    • भारत का 20 लाख वर्ग किलोमीटर से अधिक का विशेष आर्थिक क्षेत्र (ईईजेड) महत्वपूर्ण वसूली योग्य संसाधन रखता है।
  • जीएसआई ने अपतटीय क्षेत्रों में निम्नलिखित खनिजों के संसाधनों का वर्णन किया है:
    • गुजरात और महाराष्ट्र के तटों पर ईईजेड के भीतर 1,53,996 मिलियन टन चूना मिट्टी।
    • केरल तट पर 745 मिलियन टन निर्माण-ग्रेड रेत।
    • ओडिशा, आंध्र प्रदेश, केरल, तमिलनाडु और महाराष्ट्र के इनर-शेल्फ और मिड-शेल्फ में 79 मिलियन टन भारी खनिज क्षेत्र।
    • पूर्वी और पश्चिमी महाद्वीपीय मार्जिन में फॉस्फोराइट।
    • अंडमान सागर और लक्षद्वीप सागर में पॉलिमेटेलिक फेरो मैंगनीज (Fe-Mn) के पिंड और परत।
  • भारत का लक्ष्य एक उच्च-विकास अर्थव्यवस्था बनना है, इसे अपनी अधिकतम क्षमता के लिए अपने समुद्री संसाधनों का उपयोग करने की आवश्यकता है।
  • संशोधन विधेयक की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैः
    • इस अधिनियम के अंतर्गत निजी क्षेत्र को केवल स्पर्धी बोली द्वारा नीलामी के माध्यम से दो प्रकार के परिचालन अधिकार प्रदान किए जाएंगे, अर्थात् उत्पादन पट्टा और कंपोजिट लाइसेंस।
    • इस अधिनियम में अन्वेषण के उद्देश्य से प्रदान किया गया दो चरण का परिचालन अधिकार है।
    • केन्द्र सरकार द्वारा आरक्षित खनिज क्षेत्रों में सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को परिचालन अधिकार प्रदान किए जाएंगे।
    • परमाणु खनिजों के मामले में केवल सार्वजनिक क्षेत्र के प्रतिष्ठानों को परिचालन अधिकार प्रदान करने का प्रावधान किया गया है।
    • उत्पादन लीज के नवीकरण के प्रावधान को हटा दिया गया है और इसकी अवधि 50 वर्ष निर्धारित की गई है।
  • अपतटीय क्षेत्र में एक व्यक्ति द्वारा प्राप्त किए जा सकने वाले कुल क्षेत्र पर सीमा लागू की गई है।
    • अब कोई व्यक्ति एक या अधिक परिचालन अधिकारों (एक साथ लिया गया) के अंतर्गत किसी भी खनिज या संबंधित खनिजों के निर्धारित समूह के संबंध में 45 मिनट अक्षांश और 45 मिनट देशांतर से अधिक प्राप्त नहीं कर सकता है।
  • अन्वेषण, अपतटीय खनन के प्रतिकूल प्रभाव को कम करने, आपदा राहत, अनुसंधान, अन्वेषण या उत्पादन कार्यों से प्रभावित व्यक्तियों के हित और लाभ आदि के लिए धन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए एक पुनरावर्तनीय अपतटीय क्षेत्र खनिज न्यास की स्थापना का प्रावधान किया गया है जो भारत के लोक लेखा के अंतर्गत एक निधि का रखरखाव करेगा।
    • यह खनिजों के उत्पादन पर एक अतिरिक्त लेवी द्वारा वित्त पोषित किया जाएगा, जो रॉयल्टी के एक तिहाई से अधिक नहीं होगा।
    • अतिरिक्त लेवी की सही दर केन्द्र सरकार द्वारा निर्धारित की जाएगी।
  • व्यवसाय सुगम्यता को बढ़ावा देने के लिए कम्पोजिट लाइसेंस या प्रोडक्शन लीज के आसान ट्रांसफर का प्रावधान किया गया है।
  • लीज से समय पर उत्पादन शुरू करने को सुनिश्चित करने के लिए, विधेयक में उत्पादन प्रारंभ करने और उत्पादन लीज के निष्पादन के बाद प्रेषण के लिए समय सीमा प्रस्तुत की गई है।
  • अपतटीय क्षेत्रों से खनिजों के उत्पादन से रॉयल्टी, नीलामी प्रीमियम और अन्य राजस्व भारत सरकार को मिलेंगे।

2. दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र शासन (संशोधन) विधेयक, 2023 पारित:

सामान्य अध्ययन: 2

शासन:

विषय: भारतीय संविधान- विकास,विशेषताएँ, संशोधन,महत्वपूर्ण प्रावधान।

प्रारंभिक परीक्षा: अनुच्छेद 239

मुख्य परीक्षा: दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र शासन (संशोधन) विधेयक, 2023 पर प्रकाश डालिये।

प्रसंग:

  • केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने लोकसभा में दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र शासन (संशोधन) विधेयक, 2023 पर चर्चा का जवाब दिया एवं लोक सभा ने विधेयक को पारित कर दिया।

उद्देश्य:

  • ये विधेयक पूरी तरह संविधान सम्मत और दिल्ली की जनता के कल्याण के लिए लाया गया है।
  • भारत सरकार के पास कानून बनाने का अधिकार है, और नियम बनाने के अधिकार भी हैं। नियम बनाने की जरूरत इसलिए पड़ी क्योंकि दिल्ली में शासन नियमानुसार नहीं चल रहा था।

विवरण:

  • अनुच्छेद 239 (AA)(3)(B) के तहत संसद को दिल्ली संघराज्य क्षेत्र या इसके किसी भी भाग के बारे में उससे संबंधित किसी भी विषय पर कानून बनाने का पूर्ण अधिकार प्राप्त है।
  • 1993 से 2015 तक स्थापित नियमों के अनुसार सेवाएं केन्द्र सरकार के पास ही थीं।
  • इस विधेयक में राष्‍ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्‍ली सरकार अधिनियम 1991 में संशोधन का प्रस्ताव है।
    • यह विधेयक केंद्र सरकार को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्‍ली सरकार के अधिकारियों और कर्मचारियों के कार्यों, कार्यकाल और सेवा संबंधी अन्य शर्तों के लिए नियम बनाने का अधिकार देता है।
    • इस विधेयक में राष्‍ट्रीय राजधानी लोकसेवा प्राधिकरण के गठन का भी प्रावधान है।
    • इस प्राधिकरण में दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री, दिल्‍ली के मुख्‍य सचिव और दिल्ली के प्रधान गृह सचिव शामिल होंगे।
    • यह प्राधिकरण अधिकारियों के स्थानांतरण, नियुक्ति और अनुशासनात्‍मक कार्रवाई के संबंध में दिल्‍ली के उपराज्यपाल को सिफारिशें देगा।
    • यह विधेयक संवैधानिक प्रावधानों के अनुरूप है। उच्चतम न्यायालय ने भी अपने फैसले में कहा था कि केंद्र सरकार दिल्ली से संबंधित कानून बना सकती हैं।
    • संविधान संसद को राष्ट्रीय राजधानी के लिए कानून बनाने का अधिकार देता है।
    • मुद्दा स्‍थानांतरण और नियुक्ति का अधिकार लेने का नहीं था बल्कि राष्ट्रीय राजधानी में हो रहे भ्रष्टाचार को छुपाने के लिए सतर्कता विभाग को अपने नियंत्रण में रखना था।

पृष्ठभूमि:

  • देश में दिल्ली संघराज्य क्षेत्र की एकमात्र असेंबली ऐसी है जिसका सत्रावसान ही नहीं होता है।

3. चंद्रयान-3 मिशन की वर्तमान स्थिति:

सामान्य अध्ययन: 3

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी:

विषय: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में भारत कि उपलब्धियां; देशज रूप से प्रौद्योगिकी का विकास और नई प्रौद्योगिकी का विकास।

प्रारंभिक परीक्षा: चंद्रयान-3 ।

मुख्य परीक्षा: चंद्रयान-3 के उद्देश्यों पर चर्चा कीजिए।

प्रसंग:

  • चंद्रयान-3 अंतरिक्ष यान को 14 जुलाई, 2023 को सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र, शार से एलवीएम-3 पर सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया था।

उद्देश्य:

  • चंद्रयान-3 घटकों में विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक और मैकेनिकल सबसिस्टम शामिल हैं जिनका उद्देश्य सुरक्षित और सॉफ्ट लैंडिंग सुनिश्चित करना है जैसे नेविगेशन सेंसर, प्रणोदन प्रणाली, मार्गदर्शन और नियंत्रण आदि।
  • इसके अतिरिक्त, रोवर को छोड़ने, दो तरफा संचार संबंधी एंटीना और अन्य ऑनबोर्ड इलेक्ट्रॉनिक्स की व्यवस्था भी है।

विवरण:

  • अंतरिक्ष यान वर्तमान में चंद्रमा की कक्षा तक पहुंचने के उद्देश्य से कक्षा संचालन की एक श्रृंखला से गुजर रहा है और इसके दो चरण हैं, पहला पृथ्वी से जुड़ा चरण और दूसरा चंद्रमा से जुड़ा चरण। अंतरिक्ष यान इस समय पृथ्वी से जुड़े चरण में है।
  • चंद्रयान-3 का लिफ्ट-ऑफ भार लगभग 3896 किलोग्राम है और लैंडर और रोवर की मिशन लाइफ लगभग एक लूनर डे यानी पृथ्वी के 14 दिनों के बराबर है। लैंडर के लिए निर्धारित लैंडिंग साइट ~ 690S, दक्षिणी ध्रुव है।

चंद्रयान-3 के उद्देश्य:

  • सुरक्षित एवं सॉफ्ट लैंडिंग
  • चंद्रमा की सतह पर रोवर घूमना
  • यथास्थान वैज्ञानिक प्रयोग
  • चंद्रयान-3 की स्वीकृत लागत 250 करोड़ रुपए (लॉन्च वाहन लागत को छोड़कर) है।
  • चंद्रयान-3 को चंद्रमा की कक्षा तक पहुंचने में लॉन्च की तारीख 14 जुलाई, 2023 से लेकर लगभग 33 दिन लगेंगे।
  • चंद्रमा की सतह पर सफल सॉफ्ट लैंडिंग से भारत इतनी महत्वपूर्ण तकनीकी क्षमता हासिल करने वाला दुनिया का चौथा देश बन जाएगा।
    • सफल सॉफ्ट लैंडिंग की परिकल्पना भविष्य के लैंडिंग मिशनों और ग्रहों की खोज में अन्य तकनीकी प्रगति के लिए अग्रदूत के रूप में की गई है।
  • चंद्रयान-2 की सॉफ्ट लैंडिंग को कई चरणों में करने की योजना बनाई गई थी।
    • लैंडर मॉड्यूल के प्रदर्शन में कुछ अप्रत्याशित बदलावों के परिणामस्वरूप अंततः टचडाउन पर उच्च वेग उत्पन्न हुआ, जो लैंडर के पैरों की डिज़ाइन की गई क्षमता से परे था, जिसके परिणामस्वरूप हार्ड लैंडिंग हुई।
  • अधिक फैलाव को संभालने के लिए लैंडर में सुधार, सेंसर, सॉफ्टवेयर और प्रणोदन प्रणाली में सुधार, व्यापक सिमुलेशन के अलावा पूर्ण स्तर की अतिरेक और लैंडर में उच्च स्तर की कठोरता सुनिश्चित करने के लिए अतिरिक्त परीक्षण किए जाने से चंद्रयान -3 को और अधिक मजबूत बना दिया गया है।
  • चंद्रयान-2 की तुलना में चंद्रयान-3 को सॉफ्ट और सुरक्षित लैंडिंग प्राप्त करने के लिए फैलाव की विस्तृत श्रृंखला को स्वायत्त रूप से संभालने की क्षमताओं के साथ डिजाइन किया गया है।

4. स्टडी इन इंडिया (एसआईआई) पोर्टल का शुभारंभ:

सामान्य अध्ययन: 2

अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध,शिक्षा:

विषय: शिक्षा,मानव संसाधनों से सम्बंधित सामाजिक क्षेत्र /सेवाओं के विकास एवं उनसे प्रबंधन से सम्बंधित मुद्दे।

प्रारंभिक परीक्षा: स्टडी इन इंडिया (एसआईआई) पोर्टल।

मुख्य परीक्षा:स्टडी इन इंडिया कार्यक्रम का लक्ष्य एवं लाभ।

प्रसंग:

  • भारत को शिक्षा के वैश्विक केंद्र के रूप में पुनः: स्थापित करने के दृष्टिकोण के अनुरूप स्टडी इन इंडिया पोर्टल का शुभारंभ किया गया।

उद्देश्य:

  • एसआईआई पोर्टल एक वन-स्टॉप प्लेटफ़ॉर्म है, जो भारत में अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थियों की शैक्षिक यात्रा को सरल बनाएगा।

विवरण:

  • स्टडी इन इंडिया पोर्टल एक समर्पित वेबसाइट है, जो भारतीय उच्च शिक्षण संस्थानों (एचईआई) के बारे में व्यापक जानकारी प्रदान करेगी।
    • यह वेबसाइट स्नातक (यूजी), स्नातकोत्तर (पीजी), डॉक्टरेट स्तर के कार्यक्रमों के साथ-साथ योग, आयुर्वेद, शास्त्रीय कलाओं आदि जैसे भारतीय ज्ञान प्रणाली के पाठ्यक्रमों को कवर करने वाले शैक्षणिक कार्यक्रमों की जानकारी देगी।
    • नई वेबसाइट में अब विद्यार्थियों के लिए अपनी पसंद के एक से अधिक संस्थानों/पाठ्यक्रमों में आवेदन करने का प्रावधान होगा।
    • नया पोर्टल विद्यार्थी पंजीकरण और वीज़ा आवेदन प्रक्रिया के लिए एक एकीकृत वन-स्टॉप समाधान प्रदान करेगा।

प्रमुख विशेषताऐं:

  • प्रमुख शिक्षा संस्थानों के साथ साझेदारी: स्टडी इन इंडिया कार्यक्रम के अंतर्गत निम्नलिखित मानदंडों में से एक को पूरा करने वाले शैक्षणिक संस्थानों के साथ साझेदारी हो सकती है:
    • राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ)रैंकिंग (<=100)
    • राष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रत्यायन परिषद (नैक) प्रत्यायन स्कोर (>=3.01)
    • राष्ट्रीय महत्व के संस्थान (आईएनआई)
  • यह प्रमुख संस्थानों को भारत में अध्ययन के लिए आने वाले अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थियों के नामांकन में भागीदार बनाना सुनिश्चित करता है।
  • स्टडी इन इंडिया कार्यक्रम भारतीय उच्च शिक्षण संस्थानों में उच्च शिक्षा के अवसर पाने वाले अंतर्राष्ट्रीय विद्यार्थियों के लिए सुचारु और सुव्यवस्थित आवेदन प्रक्रिया प्रदान करता है।
    • यह यह ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म पंजीकरण से लेकर वीज़ा अनुमोदन तक पूरी यात्रा को सरल बनाता है।
    • एसआईआई कार्यक्रम बेजोड़ अनुभव प्रदान करके दुनिया भर के प्रतिभाशाली और महत्वाकांक्षी विद्यार्थियों को भारत के जीवंत और सांस्कृतिक रूप से विविध शैक्षणिक वातावरण में अध्ययन करने के लिए आकर्षित करना जारी रखेगा।
  • स्‍टडी इन इंडिया शिक्षा मंत्रालय (एमओई) के तत्वावधान में भारत सरकार का एक प्रमुख कार्यक्रम है।
    • स्टडी इन इंडिया कार्यक्रम का लक्ष्य भारत में अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थियों की संख्या में वृद्धि करना है।
    • कार्यक्रम भारत को पसंदीदा अध्ययन गंतव्य के रूप में बढ़ावा देने, वैश्विक मानकों के साथ तुलनात्मक रूप से किफायती और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने और इस प्रकार उच्च शिक्षा में समग्र गुणवत्ता सुधार में योगदान देने की भी परिकल्पना करता है।
    • दुनिया की विशालतम उच्च शिक्षा प्रणालियों में से एक होने के नाते भारत के विश्वविद्यालय वैश्विक कार्यबल की बढ़ती जरूरतों को पूरा करने के लिए विविध प्रकार के पाठ्यक्रमों की पेशकश करते हैं।
    • स्टडी इन इंडिया कार्यक्रम का उद्देश्य इन पाठ्यक्रमों तक अंतर्राष्ट्रीय विद्यार्थियों की पहुंच सुगम बनाना और देश की शैक्षणिक उत्कृष्टता को प्रदर्शित करना है।

5. श्रमिकों के लिए केंद्र सरकार की योजनाएं:

सामान्य अध्ययन: 2

शासन:

विषय:केंद्र एवं राज्यों द्वारा जनसंख्या के अति संवेदनशील वर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाएं एवं इन योजनाओं का कार्य-निष्पादन ,इन अति संवेदन शील वर्गों की रक्षा एवं बहतरी के लिए गठित तंत्र,विधि ,संस्थान एवं निकाय।

प्रारंभिक परीक्षा: प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई),प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पीएमएसबीवाई)।

मुख्य परीक्षा: श्रमिकों के लिए केंद्र सरकार की योजनाओं पर चर्चा कीजिए।

प्रसंग:

  • सरकार श्रमिकों के कल्याण के लिए विभिन्न योजनाएं चला रही है। इस संबंध में, श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने असंगठित श्रमिकों का एक व्यापक डेटाबेस तैयार करने के लिए ई-श्रम पोर्टल विकसित किया है।

उद्देश्य:

  • प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई) और प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पीएमएसबीवाई) के माध्यम से जीवन और दिव्यंगता कवर प्रदान किया जाता है।

विवरण:

  • आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजय) स्वास्थ्य कवर प्रदान करती है। असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को वृद्धावस्था सुरक्षा प्रदान करने के लिए भारत सरकार ने 2019 में प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन (पीएम-एसवाईएम) पेंशन योजना शुरू की।
    • राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत वन नेशन वन राशन कार्ड योजना के माध्यम से सार्वजनिक वितरण प्रणाली, महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम, दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, गरीब कल्याण रोजगार अभियान, महात्मा गांधी बुनकर बीमा योजना, दीनदयाल अंत्योदय योजना, पीएम स्वनिधि, प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना आदि जैसी अन्य योजनाएं भी मजदूरों सहित असंगठित श्रेत्र के श्रमिकों के लिए उनकी पात्रता मानदंडों के आधार पर उपलब्ध हैं।
  • इन योजनाओं के अलावा, कुछ और योजनाएं उपलब्ध हैं: आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना (एबीआरवाई), अटल बीमित व्यक्ति कल्याण योजना (एबीवीकेवाई) के तहत बेरोजगारी लाभ, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोजगार अभियान (पीएमजीकेआरए), राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम, दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्या योजना (डीडीयू-जीकेवाई), प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोजगार अभियान (पीएम-जीकेआरए), प्रधानमंत्री किसान मान-धन योजना (पीएम केएमडीवाई), प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि आदि अन्य योजनाओं के डेटा के साथ ई-श्रम डेटा का मिलान भी किया गया है।

प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:

1. आईएनएस सह्याद्री और आईएनएस कोलकाता:

  • पापुआ न्यू गिनी के साथ समुद्री साझेदारी और सहयोग को प्रगाढ़ बनाने के लिए पूर्वी आईओआर में तैनात भारतीय नौसेना के जहाज आईएनएस सह्याद्रि और आईएनएस कोलकाता 02 अगस्त 23 को पोर्ट मोरेस्बी पहुंचे।
  • इस पोर्ट कॉल का उद्देश्य समुद्री क्षेत्र में भारत और पापुआ न्यू गिनी के संबंधों को प्रगाढ़ बनाना है।
  • आईएनएस सह्याद्रि स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित प्रोजेक्ट-17 क्लास मल्टीरोल स्टील्थ फ्रिगेट्स का तीसरा जहाज है।
    • आईएनएस कोलकाता स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित प्रोजेक्ट-15A क्लास डिस्ट्रॉयर का पहला जहाज है।
    • दोनों जहाजों का निर्माण मझगांव डॉक लिमिटेड, मुंबई में किया गया है और ये त्रिआयामी खतरों का सामना करने में सक्षम आधुनिक हथियारों और सेंसरों से लैस हैं।

2. प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भरनिधि (पीएम स्वनिधि) योजना:

  • आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय (MoHUA) ने 01 जून, 2020 को प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि (पीएम स्वनिधि) योजना शुरू की, जिसका उद्देश्य स्ट्रीट वेंडरों को अपने व्यवसायों को फिर से शुरू करने के लिए संपार्श्विक मुक्त कार्यशील पूंजी ऋण की सुविधा प्रदान करना है, जो इस दौरान कोविड-19 महामारी से प्रतिकूल रूप से प्रभावित हुए थे।

इस योजना के निम्नलिखित उद्देश्य हैं:

  • पहले के ऋणों के पुनर्भुगतान पर, दूसरे और तीसरे चरण में क्रमशः ₹ 20,000 और ₹ 50,000 के बढ़े हुए ऋण के साथ, 1 वर्ष की अवधि के ₹ 10,000 तक के संपार्श्विक-मुक्त कार्यशील पूंजी ऋण की सुविधा प्रदान करना।
    • प्रतिवर्ष 7% की दर से ब्याज सब्सिडी के माध्यम से नियमित पुनर्भुगतान को प्रोत्साहित करना; प्रति वर्ष ₹ 1,200 तक कैशबैक के माध्यम से डिजिटल लेनदेन को पुरस्कृत करना।
  • पीएम स्वनिधि योजना के तहत शहरी क्षेत्रों में वेंडिंग करने वाले सभी स्ट्रीट वेंडर पात्र हैं।
  • स्ट्रीट वेंडर्स पिछले ऋण के सफल पुनर्भुगतान पर पीएम स्वनिधि के तहत ऋण की तीसरी किस्त में अधिकतम ₹ 50,000 का लाभ उठा सकते हैं।
  • पीएम स्वनिधि योजना के तहत पहले, दूसरे और तीसरे के तहत दिए गए ₹10,000, ₹20,000 और ₹50,000 के लोन को क्रमशः: 12 महीने, 18 महीने और 36 महीने की अवधि के भीतर वापस करना होता है।
  • पीएम स्वनिधि योजना के तहत स्ट्रीट वेंडर्स को ऋण देने वाली संस्थाओं द्वारा सीधे ऋण वितरित किया जाता है।

3. पीएम जी-वन योजना:

  • सरकार ने मार्च, 2019 में “प्रधानमंत्री जी-वन (जैव ईंधन-वातावरण अनुकूल फसल अवशेष निवारण) योजना” को अधिसूचित किया था।
    • यह योजना देश में दूसरी पीढ़ी की एथेनॉल परियोजनाओं की स्थापना के लिए एकीकृत जैव-इथेनॉल परियोजनाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए है।
    • ये परियोजनाएं लिग्नोसेलूलोसिक बायोमास तथा अन्य नवीकरणीय फीडस्टॉक का उपयोग करने वाली हैं।
    • योजना का कुल वित्तीय परिव्यय वर्ष 2018-19 से 2023-24 की अवधि के लिए 1969.50 करोड़ रुपये है।
  • पीएम जी-वन योजना के अंतर्गत वाणिज्यिक परियोजनाओं के लिए प्रति परियोजना 150 करोड़ रुपये और प्रदर्शन परियोजनाओं के लिए प्रति परियोजना 15 करोड़ रुपये की अधिकतम वित्तीय सहायता निर्धारित की गई है ताकि व्यावसायिक व्यवहार्यता बढ़ाने के साथ-साथ विकास के लिए अनुसंधान एवं विकास प्रौद्योगिकियों को प्रोत्साहित किया जा सके और 2जी इथेनॉल उत्पादन के क्षेत्र में प्रौद्योगिकियों को अपनाया जा सके।
  • इस योजना के अंतर्गत पंजाब, हरियाणा, ओडिशा, असम और कर्नाटक में छह वाणिज्यिक दूसरी पीढ़ी (2जी) की जैव-इथेनॉल परियोजनाओं तथा हरियाणा और आंध्र में एक-एक प्रदर्शन 2जी इथेनॉल परियोजनाओं के लिए सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) को 880 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं।
  • पीएम जी-वन योजना के माध्यम से वित्तीय सहायता के अतिरिक्त 2जी इथेनॉल संयंत्रों को बढ़ावा देने के लिए उठाए गए अन्य कदमों में गैर-मिश्रित ईंधन पर अतिरिक्त उत्पाद शुल्क लगाना; इथेनॉल खरीद समझौते (ईपीए) पर हस्ताक्षर करके निजी हितधारकों को तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) द्वारा 15 वर्षों के लिए ऑफ टेक आश्वासन; 2जी इथेनॉल उत्पादन के लिए फीडस्टॉक का विविधीकरण; 2जी इथेनॉल के लिए अलग मूल्य, ईबीपी कार्यक्रम के लिए इथेनॉल पर जीएसटी दर घटाकर 5 प्रतिशत करना आदि शामिल हैं।

4. सामरिक पेट्रोलियम रिजर्व कार्यक्रम (Strategic Petroleum Reserve Programme):

  • भूमिगत सामरिक पेट्रोलियम रिजर्व (SPR) भंडारों की कुल क्षमता 5.33 मिलियन मीट्रिक टन (एमएमटी) कच्चे तेल की है और ये 2 राज्यों में स्थित हैं, अर्थात् (i) आंध्र प्रदेश में विशाखापत्तनम (1.33 एमएमटी), कर्नाटक में (ii) मंगलुरु (1.5 एमएमटी) और पादुर (2.5) एमएमटी)।
  • जुलाई 2021 में,सरकार ने सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) मोड पर ओडिशा के चंडीखोल (4 एमएमटी) और कर्नाटक के पादुर (2.5 एमएमटी) में 6.5 एमएमटी की कुल भंडारण क्षमता वाली दो अतिरिक्त वाणिज्यिक-सह-रणनीतिक सुविधाओं की स्थापना को मंजूरी दी थी।
  • संपूर्ण सुविधा का स्वामित्व भारत सरकार के पास होगा।
  • रियायती अवधि के 60 वर्षों के अंत में रियायतग्राही सिंगल मूरिंग पॉइंट (एसपीएम), ऑनशोर और ऑफशोर पाइपलाइन के साथ एसपीआर को भारत सरकार को हस्तांतरित करेगा।
  • तेल की कमी होने पर कच्चा तेल लेने का पहला अधिकार भारत सरकार को है।

5. NHAI ने एकीकृत मोबाइल एप्लीकेशन ‘राजमार्गयात्रा’ की शुरुआत की:

  • भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने नागरिक-केन्द्रित एकीकृत मोबाइल एप्लिकेशन ‘राजमार्ग यात्रा’ की शुरुआत के साथ राजमार्ग का उपयोग करने वाले लोगों के अनुभव को बेहतर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है।
  • यह यात्रियों को भारतीय राष्ट्रीय राजमार्गों पर व्यापक जानकारी के साथ ही एक कुशल शिकायत निवारण प्रणाली भी प्रदान करता है।
  • राजमार्ग यात्रा ऐप की मुख्य विशेषताएं हैं-
  • व्यापक राजमार्ग सूचना: ‘राजमार्ग यात्रा’ राष्ट्रीय राजमार्ग उपयोगकर्ताओं को एक स्थान पर आवश्यक जानकारी उपलब्ध कराने का कार्य करता है।
  • परेशानी मुक्त शिकायत निवारण: ऐप एक अंतर्निहित शिकायत निवारण और वृद्धि तंत्र से सुसज्जित है।
  • निर्बाध फास्टैग सेवाएं: ‘राजमार्ग यात्रा’ ने अपनी सेवाओं को विभिन्न बैंक पोर्टलों से जोड़ा है, जिससे उपयोगकर्ता एक ही प्लेटफॉर्म पर अपने फास्टैग को आसानी से रिचार्ज करा सकते हैं, मासिक पास ले सकते हैं और फास्टैग-संबंधित अन्य बैंकिंग सेवाओं तक आसानी से पहुंच बना सकते हैं।
  • जिम्मेदार और सुरक्षित ड्राइविंग को प्रोत्साहित करने के लिए ओवर-स्पीडिंग नोटिफिकेशन और आवाज-सहायता।

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