विषयसूची:
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1. भारत अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन के लिए फिर से निर्वाचित:
सामान्य अध्ययन: 2
अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध:
विषय: महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संस्थान, एजेंसियां एवं मंच- उनकी संरचना, और जनादेश।
प्रारंभिक परीक्षा:अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन (IMO) परिषद।
प्रसंग:
- द्विवार्षिक कार्यकाल 2024-25 के लिए के लिए 01 दिसंबर 2023 को अपनी असेंबली में हुए चुनावों में, भारत को सर्वाधिक मतों के साथ अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन (IMO) परिषद के लिए फिर से चुना गया।
उद्देश्य:
- यह ‘‘अंतर्राष्ट्रीय समुद्री व्यापार में सर्वाधिक रुचि’’ वाले 10 राष्ट्रों की श्रेणी में आता है। इस श्रेणी में भारत के साथ ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, नीदरलैंड, स्पेन, स्वीडन और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के नाम शामिल हैं।
- अधिकतम वोट अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संचालन में भारत के योगदान को सुदृढ़ करने के लिए सरकार के दृढ़ संकल्प का संकेत हैं।
विवरण:
- भारत ने वैश्विक समुद्री क्षेत्र में सेवा जारी रखने के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन में अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का बड़े पैमाने पर समर्थन प्राप्त किया है।
- अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन (IMO) समुद्री उद्योग को नियंत्रित करने वाला अग्रणी प्राधिकरण है, जो वैश्विक व्यापार, परिवहन और सभी समुद्री संचालन का समर्थन करता है।
- यह परिषद अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन (IMO) की इकाई है और संगठन के कार्य की निगरानी के लिए असेंबली के तहत जिम्मेदार है।
- यह सत्रों के बीच, परिषद समुद्री सुरक्षा और प्रदूषण की रोकथाम पर सरकारों को सिफारिशें करने के अलावा असेंबली के कार्यों का निष्पादन करती है।
- एमआईवी 2030 के तहत अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन (IMO) में प्रतिनिधित्व बढ़ाने के लिए भारत का लक्ष्य अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन (IMO) लंदन में स्थायी प्रतिनिधियों की नियुक्ति करना है।
- भारत के लिए समुद्री विशेषज्ञता को बढ़ाने और हासिल करने की दृष्टि से, यह प्रस्तावित है कि भारत को आईएमओ में जूनियर प्रोफेशनल ऑफिसर (JPO) कार्यक्रम के लिए कम से कम 2 योग्य उम्मीदवारों को नामांकित करना चाहिए।
- जेपीओ कार्यक्रम संयुक्त राष्ट्र में एक स्थापित कार्यक्रम है जिसका मुख्य उद्देश्य युवा पेशेवरों को विशेषज्ञों की देखरेख में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग में व्यावहारिक अनुभव प्राप्त करने और अपने राष्ट्र के जनादेश की उन्नति में योगदान करने का अवसर प्रदान करना है।
पृष्ठ्भूमि:
- अमृत काल विजन 2047 ने भारत की वैश्विक समुद्री उपस्थिति को सुदृढ़ बनाने के लिए लक्ष्य निर्धारित किए हैं।
- अमृत काल विजन 2047 एक्शन प्लान के हिस्से के रूप में 43 पहलों की पहचान की गई है, जिनमें से प्रमुख पहल हमारी वैश्विक समुद्री उपस्थिति को मजबूत करने पर केंद्रित है।
- इसमें भारत में समर्पित आईएमओ इकाई, आईएमओ मुख्यालय, लंदन में एक स्थायी प्रतिनिधि की नियुक्ति और समन्वित तथा समयबद्ध तरीके से क्षेत्रीय परियोजनाओं के कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए एक मजबूत बिम्सटेक संस्थागत संरचना बनाने की योजना शामिल है।
प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:
1. जैव-अर्थव्यवस्था और नैनो-विज्ञान भारत को 5 खरब (ट्रिलियन) डॉलर की अर्थव्यवस्था की ओर ले जाने में महत्वपूर्ण योगदान देगा:
- केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने भारत के पहले नैनो विज्ञान संस्थान, इंस्टीट्यूट ऑफ नैनो साइंस एंड टेक्नोलॉजी (आईएनएसटी), मोहाली, चंडीगढ़ के संकाय और छात्रों को संबोधित किया और संस्थान की विशाल भविष्यवादी भूमिका पर जोर दिया और कहा की जैव-अर्थव्यवस्था और नैनो-विज्ञान भारत को 5 खरब (ट्रिलियन) डॉलर की अर्थव्यवस्था की ओर ले जाने में महत्वपूर्ण योगदान देगा।
- आईएनएसटी देश का पहला ऐसा नैनो-विज्ञान संस्थान है जो देश के लाभ के लिए नैनोविज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अनुसंधान करने और उत्पाद/उपकरण और प्रौद्योगिकी तैयार करने के लिए स्थापित किया गया है।
- आईएनएसटी कृषि नैनो प्रौदोगिकी (टेक्नोलॉजी) , नैनोमेडिसिन, ऊर्जा और पर्यावरण विज्ञान, क्वांटम सामग्री और उपकरण (डिवाइस) भौतिकी, नैनो इलेक्ट्रॉनिक्स, माइक्रोफ्लुइडिक्स आधारित प्रौद्योगिकियों, नैनो- जैव (बायो) जैसे क्षेत्रों पर विशेष ध्यान देने के साथ अनुसंधान कर रहा है।
- यह देश का पहला नैनो-विज्ञान संस्थान है जो देश के हित के लिए नैनो विज्ञान (साइंस) और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अनुसंधान करने और उत्पाद/उपकरण और प्रौद्योगिकी तैयार करने के लिए स्थापित किया गया है।
- जैव-अर्थव्यवस्था (बायो-इकोनॉमी) के साथ नैनो- विज्ञानं (साइंस) भारत को 55 खरब (ट्रिलियन) डॉलर की अर्थव्यवस्था की ओर ले जाने में बहुत बड़ा योगदान देगा।
- भारतीय नैनो विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान (आईएनएसटी) नैनो विज्ञान और प्रौद्योगिकी पर राष्ट्रीय मिशन (नैनो मिशन) के अंतर्गत सोसायटी पंजीकरण अधिनियम, 1960 के तहत भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग का एक स्वायत्त अनुसंधान संस्थान है। जिसका उद्देश्य नैनो विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विकास और उसकी पहुंच को बढ़ावा देना है।
- आईएनएसटी का दृष्टिकोण नैनो विज्ञान और प्रौद्योगिकी में विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी भारत के अग्रणी अनुसंधान संस्थान के रूप में उभरना और कृषि, चिकित्सा, ऊर्जा तथा पर्यावरण के क्षेत्र में नैनो विज्ञान और नैनो प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोगों के माध्यम से समाज में योगदान करना है।
- भारतीय नैनो विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान (आईएनएसटी) ने अपने अनूठे और अद्वितीय आउटरीच कार्यक्रम के माध्यम से देश की युवा पीढ़ी के बीच विज्ञान को बढ़ावा देने और भारत में प्रौद्योगिकी विकसित करने की प्रथा को विकसित करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
- आईएनएसटी का मुख्य मिशन वैश्विक और स्थानीय चुनौतियों को हल करने के लिए ऊर्जा, पर्यावरण, कृषि, स्वास्थ्य देखभाल, क्वांटम सामग्री आदि के क्षेत्रों में अंतःविषय (इन्टर-डिसीप्लिनरी) स्वाद के साथ नैनो विज्ञान और नैनो प्रौद्योगिकी में अत्याधुनिक अनुसंधान करना है।
- हमारा आदर्श वाक्य “राष्ट्र के लिए नैनो विज्ञान का ज्ञान” है।
- आईएनएसटी के कुछ मुख्य उद्देश्य- ज्ञान को आगे बढ़ाना और नैनो विज्ञान और प्रौद्योगिकी में युवा दिमाग को शिक्षित करना, जो राष्ट्र की सर्वोत्तम सेवा करेगा, उच्चतम स्तर पर नैनो प्रौद्योगिकी के उन्नत प्रशिक्षण पाठ्यक्रम और प्रयोगशाला तकनीक प्रदान करना, प्रोत्साहित करना एवं नवीन और चुनौतीपूर्ण प्रौद्योगिकी/उत्पाद-आधारित वैज्ञानिक परियोजनाएँ ।
- यह अनुप्रयोग अनुसंधान (प्रयोगशाला से उद्योग तक) को भी बढ़ावा दे रहा है और उद्योग के साथ विचार विमर्श को बढ़ावा देने के साथ ही नैनो विज्ञान और प्रौद्योगिकी के फायदे और सुरक्षा उपायों के बारे में जनता और मीडिया को संवेदनशील बना रहा है।
- भारतीय नैनो विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान (आईएनएसटी), मोहाली, भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) का एक स्वायत्त संस्थान है।
- इसकी स्थापना भारत में नैनो अनुसंधान पर जोर देने के लिए डीएसटी द्वारा शुरू किए गए नैनो मिशन की छत्रछाया में की गई थी, और इसने 3 जनवरी 2013 को ट्रांजिट कैंपस, मोहाली, पंजाब में अपनी गतिविधियाँ शुरू कीं।
- यह देश का पहला भारतीय नैनो-अनुसंधान संस्थान है, जिसने 3 जनवरी 2013 को अपनी गतिविधियाँ शुरू कीं।
- आईएनएसटी का नया परिसर अब पंजाब के मोहाली में नॉलेज सिटी में 35 एकड़ भूमि पर स्थापित किया गया है।
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