विषयसूची:
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1. राजनीतिक दल अब अपना वित्तीय लेखा-जोखा ऑनलाइन दाखिल कर सकेंगे:
सामान्य अध्ययन: 2
शासन:
विषय: सरकार की नीतियां और विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए हस्तक्षेप एवं उनके डिजाइन तथा इनके अभिकल्पन से उत्पन्न होने वाले विषय।
प्रारंभिक परीक्षा: जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951, निर्वाचन आयोग।
प्रसंग:
- राजनीतिक दल अब अपना वित्तीय लेखा-जोखा निर्वाचन आयोग को ऑनलाइन दाखिल कर सकेंगे।
उद्देश्य:
- पिछले कई वर्षों से जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 और निर्वाचन आयोग द्वारा समय-समय पर जारी की जाने वाली पारदर्शिता संबंधी दिशानिर्देशों के अनुरूप, राजनीतिक दलों को ये वित्तीय लेखा-जोखा निर्वाचन आयोग/राज्यों/केन्द्र-शासित प्रदेशों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को प्रस्तुत करना आवश्यक है।
विवरण:
- राजनीतिक दलों द्वारा योगदान रिपोर्ट, लेखा परीक्षा किया गया वार्षिक विवरण और चुनाव के दौरान किए गए व्यय के विवरण को ऑनलाइन दाखिल करने की सुविधा प्रदान करने हेतु एक नए वेब-पोर्टल के शुभारंभ के साथ इस उपाय को संभव बनाया गया है।
- चुनाव आयोग ने कहा है कि यह सुविधा दोहरे उद्देश्यों के साथ तैयार की गई है:
- पहला, राजनीतिक दलों को वास्तविक रिपोर्ट दाखिल करने में आने वाली कठिनाइयों को दूर करने हेतु सुविधा प्रदान करना और
- दूसरा, निर्धारित/मानकीकृत प्रारूप में समय पर वित्तीय विवरण दाखिल करना सुनिश्चित करना।
- डेटा की ऑनलाइन उपलब्धता से अनुपालन और पारदर्शिता के स्तर में वृद्धि होने की उम्मीद है।
- पत्र में, चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों की निर्णायक स्थिति की ओर इशारा किया और इस बात पर जोर दिया कि चुनावी प्रक्रियाओं, विशेषकर वित्तीय जानकारी देने के मामले में, लोकतांत्रिक कार्यप्रणाली और पारदर्शिता के सिद्धांतों का पालन करना उन पर निर्भर है।
- ऑनलाइन मॉड्यूल और ऑनलाइन रिपोर्ट दाखिल करने की प्रक्रिया को समझाते हुए ग्राफिकल अभ्यावेदन के साथ एक विस्तृत मार्गदर्शक पुस्तिका (मैनुअल) और अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों के उत्तर (एफएक्यू) भी राजनीतिक दलों को भेजे गए हैं।
- जो राजनीतिक दल ऑनलाइन मोड के जरिए वित्तीय लेखा-जोखा दाखिल नहीं करना चाहते हैं, उन्हें लिखित रूप में निर्वाचन आयोग को अपना लेखा-जोखा ऑनलाइन दाखिल न करने का कारण बताना होगा।
- इसके बदले में, आयोग वित्तीय लेखा – जोखा ऑनलाइन दाखिल न करने के लिए पार्टी विशेष द्वारा भेजे गए औचित्य पत्र के साथ ऐसी सभी रिपोर्ट को ऑनलाइन प्रकाशित करेगा।
2. संचार मंत्रालय ने भारत 6G अलायंस का शुभारंभ किया:
सामान्य अध्ययन: 3
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी:
विषय: सुचना प्रौद्योगिकी से संबंधित विषयों के संबंध में जागरूकता।
प्रारंभिक परीक्षा: भारत 6G अलायंस,दूरसंचार प्रौद्योगिकी विकास कोष (TTDF) से संबंधित जानकारी।
मुख्य परीक्षा: भारत 6G अलायंस के महत्व एवं लाभों पर चर्चा कीजिए।
प्रसंग:
- संचार मंत्रालय ने अगली पीढ़ी की वायरलेस तकनीक में नवाचार और सहयोग को बढ़ावा देने के लिए भारत 6G अलायंस का शुभारंभ किया हैं।
उद्देश्य:
- भारत 6G अलायंस भारत को 6G टेक्नोलॉजी और IPR में अग्रणी बनाने में मदद करेगा।
विवरण:
- दूरसंचार क्षेत्र उच्च तकनीकी अप्रचलन के साथ एक निरंतर विकसित होने वाला क्षेत्र है।
- इसने वायर-लाइन से लेकर मोबाइल सेवाओं तक का परिवर्तन देखा है, जो लोगों की जीवन रेखा बन गया है।
- मोबाइल सेवाओं में भी 2G से 3G, 4G से 5G में परिवर्तन देखा गया है और अब 6G क्षितिज पर है।
- भारत 6G अलायंस (B6GA) का गठन, एक ऐसा सहयोगी मंच जिसमें सार्वजनिक और निजी कंपनियां, शिक्षाविद, अनुसंधान संस्थान और मानक विकास संगठन शामिल हैं।
- भारत 6G अलायंस के लिए वेबसाइट की शुरूआत की गई हैं।
- B6GA अन्य 6G वैश्विक गठबंधनों के साथ गठबंधन और तालमेल बनाएगा एवं अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और ज्ञान के आदान-प्रदान को बढ़ावा देगा।
- इसके अलावा, दूरसंचार प्रौद्योगिकी विकास निधि (TTDF) के तहत 240.51 करोड़ के अनुदान के साथ परियोजनाओं के लिए दो समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए।
- दूरसंचार क्षेत्र के लिए कई कदम उठाए गए हैं जिससे दूरसंचार क्षेत्र एक उभरते हुए क्षेत्र के रूप में परिवर्तित हो गया है।
- विश्व प्रौद्योगिकी के उस रास्ते पर चल रहा है जिसका अनुसरण भारत कर रहा है।
- पिछले 9 वर्षों में डेटा की कीमत 2014 में 300 रुपये/GB से घटकर 2023 में 10 रुपये/GB रह गई है।
- मार्ग के अधिकार (राइट ऑफ़ वे) की अनुमति में 230 दिन लगते थे, जिसे घटाकर 9 दिन कर दिया गया है।
- BTS साइट्स को 4 गुना बढ़ाकर 25 लाख कर दिया गया है।
- टेलीकॉम सेक्टर में एफडीआई बढ़कर 24 अरब डॉलर हो गई है।
- 5G में, भारत के दूरसंचार उद्योग ने 2.25 लाख करोड़ से अधिक का निवेश किया है।
- TSP को नीलामी के बाद स्पेक्ट्रम का आवंटन 24 घंटे में किया गया।
- BSNL एक बाजार स्थिरक बन गया है और अब परिचालन लाभ कमा रहा है।
- भारत अमेरिका समेत 12 देशों को टेक्नोलॉजी निर्यात कर रहा है।
- 4G फ़ुटप्रिंट अब 99 प्रतिशत है और शेष 38,000 करोड़ रुपये 100 प्रतिशत कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने के लिए लगाए गए हैं।
- लगभग 1 टावर प्रति मिनट की दर से 2.7 लाख से अधिक 5G टावर स्थापित किए गए हैं, जिससे भारत दुनिया के शीर्ष तीन 5G इकोसिस्टम में शामिल हो गया है।
- जापान ने भारत की डिजिटल भुगतान प्रणाली पर भारत के साथ गठबंधन किया है।
- ग्रामीण क्षेत्रों में लगभग 1.5 लाख ब्रॉडबैंड कनेक्शन उपलब्ध कराये गये हैं।
- पीएलआई के तहत टेलीकॉम मैन्युफैक्चरिंग में 1,600 करोड़ से ज्यादा का निवेश हुआ है।
- 6G तकनीक में 200 से अधिक पेटेंट।
- प्रधानमंत्री की संयुक्त राज्य अमेरिका यात्रा के परिणामस्वरूप, भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका प्रौद्योगिकी का सह-सृजन करेंगे और यह परिवर्तन विकसित भारत के लिए महत्वपूर्ण होगा।
- उन्होंने सेमीकंडक्टर मिशन के बारे में भी उल्लेख किया जिसमें माइक्रोन टेक्नोलॉजी के लिए भूमि अनुमोदन और परियोजना अनुमोदन घोषणा के दो सप्ताह के भीतर किया गया है और पहली चिप विनिर्माण इकाई के लिए ग्राउंड ब्रेकिंग समारोह अगले 40-45 दिनों में किया जाएगा।
- चिप डिजाइन के लिए पांच (5) डिजाइन कंपनियों को मंजूरी दी गई है, जिनमें से दो टेलीकॉम सेक्टर में काम करेंगी।
- भारत शून्य विलंबता के साथ एडवांस ऑप्टिकल संचार विकसित कर रहा है जो टेलीमेडिकल और टेलीसर्जरी जैसे क्षेत्रों में मदद करेगा।
- भारत 6G अलायंस भारत को 6G टेक्नोलॉजी और IPR में अग्रणी बनाने में मदद करेगा।
पृष्ठ्भूमि:
भारत 6G अलायंस (B6GA):
- B6GA का प्राथमिक उद्देश्य प्रौद्योगिकी आवश्यकताओं से परे 6G की व्यावसायिक और सामाजिक जरूरतों को समझना, इन जरूरतों पर आम सहमति को बढ़ावा देना और उच्च प्रभाव वाले मुक्त अनुसंधान और विकास (R&D) पहल को बढ़ावा देना है।
- B6GA का लक्ष्य भारतीय स्टार्टअप्स, कंपनियों और विनिर्माण इकोसिस्टम को एक साथ लाकर समूह स्थापित करना है जो भारत में 6G प्रौद्योगिकियों के डिजाइन, विकास और तैनाती को संचालित करता है।
- देश के भीतर मानकों से संबंधित पेटेंट निर्माण में तेजी लाने और 3GPP और ITU जैसे अंतर्राष्ट्रीय मानकीकरण संगठनों में सक्रिय रूप से योगदान देकर, B6GA भारत को 6G नवाचार में अग्रिम स्थिति में रखना चाहता है।
- B6GA का एक प्रमुख लक्ष्य भारतीय दूरसंचार प्रौद्योगिकी उत्पादों और सेवाओं के लिए बाजार तक पहुंच को सुविधाजनक बनाना है, जिससे देश 6G प्रौद्योगिकी में वैश्विक नेतृत्वकर्ता के रूप में उभर सके।
- इसे प्राप्त करने के लिए ये प्रयास प्रौद्योगिकी स्वामित्व और स्वदेशी विनिर्माण को बढ़ावा देंगे, प्रौद्योगिकी सह-नवाचार की संस्कृति बनाएंगे, आयात कम करेंगे, निर्यात के अवसरों को बढ़ावा देंगे और बौद्धिक संपदा के निर्माण को बढ़ाएंगे।
दूरसंचार प्रौद्योगिकी विकास कोष (TTDF):
- दूरसंचार प्रौद्योगिकी विकास निधि (TTDF) योजना 01.10.2022 को DOT/USOF द्वारा शुरू की गई थी।
- प्रौद्योगिकियों, उत्पादों और सेवाओं के अनुसंधान और विकास के वित्तपोषण के लिए USOF से वार्षिक संग्रह का 5 प्रतिशत TTDF योजना के लिए उपलब्ध होगा।
- इस योजना की परिकल्पना अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों के विकास और निर्माण द्वारा डिजिटल अंतर को कम करने और दूरसंचार इको सिस्टम के निर्माण और विकास के लिए शिक्षाविदों, स्टार्ट-अप, अनुसंधान संस्थानों और उद्योग के बीच तालमेल बनाने की है।
- टेलीकॉम टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट फंड (TTDF) योजना में घरेलू जरूरतों को पूरा करने के लिए स्वदेशी प्रौद्योगिकियों को प्रोत्साहित करने और शामिल करने के लिए भारतीय संस्थाओं को अनुदान दिया जाता है।
- TTDF योजना के तहत, USOF, संचार मंत्रालय देशव्यापी आवश्यकताओं को पूरा करने और अनुसंधान, डिजाइन, प्रोटोटाइप, उपयोग के मामलों, पायलट्स और अवधारणा परीक्षण के प्रमाण के लिए पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के लिए मानकों को विकसित करने का भी लक्ष्य बना रहा है।
3. नाडा इंडिया ने दक्षिण एशिया क्षेत्रीय डोप- रोधी संगठन (SARADO) के साथ सहमति ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए:
सामान्य अध्ययन: 2
अंतर्राष्ट्रीय संबंध:
विषय: महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संस्थान, संस्थाएं और मंच- उनकी संरचना, और जनादेश।
प्रारंभिक परीक्षा: नाडा इंडिया, साराडो।
मुख्य परीक्षा: नाडा इंडिया एवं दक्षिण एशिया क्षेत्रीय डोप- रोधी संगठन (SARADO) के बीच हुए सहमति ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर के महत्व पर चर्चा कीजिए।
प्रसंग:
- राष्ट्रीय डोप- रोधी एजेंसी, भारत (नाडा इंडिया) ने दक्षिण एशिया क्षेत्रीय डोप- रोधी संगठन (SARADO) के साथ सहमति ज्ञापन (MoU) पर नई दिल्ली में हस्ताक्षर किए हैं।
उद्देश्य:
- इस MoU का उद्देश्य खेल में डोप-रोधी प्रयासों में क्षेत्रीय सहयोग बढ़ाना है।
विवरण:
- नाडा इंडिया [National Anti-Doping Agency, India (NADA India)] ने नई दिल्ली में नाडा इंडिया – साराडो [South Asia Regional Anti-Doping Organization (SARADO)] सहयोग बैठक में साराडो के साथ एक MoU पर हस्ताक्षर किए।
- साराडो में बांग्लादेश, भूटान, मालदीव, नेपाल और श्रीलंका के डोप- रोधी संगठन शामिल हैं।
- नाडा इंडिया की महानिदेशक और सीईओ सुश्री रितु सेन और साराडो के महा निदेशक श्री मोहम्मद माहिद शरीफ ने अपने अपने संगठनों की ओर से MoU पर हस्ताक्षर किये।
MoU में प्रोजैक्ट प्लान और सहयोग के क्षेत्रों के जरिये तीन साल में निम्नलिखित उद्देश्यों को पूरा करने का लक्ष्य है:
- दक्षिण एशिया में एक डोप-रोधी शिक्षा और रोकथाम कार्यक्रम तैयार करना।
- नमूना संग्रहण कार्मिकों, शिक्षकों और डोप-रोधी अन्य शिक्षा अधिकारियों का प्रशिक्षण और कौशल विकास।
- डोप-रोधी शिक्षा और बचाव कार्यक्रमों पर संगोष्ठी, कार्यशालाओं और पाठ्यक्रमों तथा शोध एवं एक्सचेंज टूर का आयोजन करना।
- डोप-रोधी शिक्षा और रोकथाम पर शिक्षा अधिकारियों, कार्यक्रम प्रबंधकों, प्रशिक्षकों, अध्यापकों और विशेषज्ञों का एक दूसरे देश में आना जाना।
- डोप-रोधी शिक्षा गतिविधियों और विशेषज्ञों सेवाओं के विनिमय को समर्थन देना और
- डोप-रोधी शिक्षा सामग्री तैयार करना।
- उद्घाटन सत्र के बाद नाडा इंडिया और साराडो सदस्यों के बीच पहले प्रोजैक्ट प्लान की बैठक हुई जिसमें दक्षिण एशियाई क्षेत्र के लिये डोप-रोधी शिक्षा योजना तैयार करने के विषय पर विचार विमर्श किया गया।
- नाडा इंडिया की टीम ने इस अवसर पर प्रोजैक्ट प्लान, सहयोग के क्षेत्र, क्रियान्वयन रणनीति, परिणाम की निगरानी प्रक्रिया और नाडा इंडिया की डोप-रोधी शिक्षा पहलों और संसाधनों का खाका प्रस्तुत किया।
- बांग्लादेश, भूटान, मालदीव, नेपाल और श्रीलंका सदस्य देशों के प्रतिनिधियों ने भी अपने देश की डोप-रोधी पहलों के बारे में बताया।
प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:
- आषाढ़ पूर्णिमा, धर्म चक्र प्रवर्तन दिवस समारोह:
- आषाढ़ पूर्णिमा, धर्म चक्र प्रवर्तन दिवस समारोह पर अपने संदेश में राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने आज युवाओं से भगवान बुद्ध की शिक्षाओं से सीखने, खुद को समृद्ध बनाने और एक शांतिपूर्ण समाज, एक राष्ट्र और दुनिया के निर्माण में योगदान देने का आह्वान किया।
- भगवान बुद्ध की तीन शिक्षाओं – शील, सदाचार और प्रज्ञा – का पालन करके युवा पीढ़ी खुद को सशक्त बना सकती है और समाज पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकती है।
- राष्ट्रपति ने कहा, “आषाढ़ पूर्णिमा पर हम भगवान बुद्ध के धम्म से परिचित हुए, जो न केवल हमारी प्राचीन सांस्कृतिक विरासत का हिस्सा है, बल्कि हमारे दैनिक जीवन की एक अनिवार्य विशेषता भी है।”
- भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के तत्वावधान में अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ (IBC) द्वारा आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने याद किया कि आषाढ़ पूर्णिमा पर भगवान बुद्ध ने अपने पहले उपदेश के माध्यम से धम्म के मध्य मार्ग के बीज बोए थे। यह महत्वपूर्ण है कि इस शुभ दिन पर हम भगवान बुद्ध की शिक्षाओं को अपने व्यवहार और विचार में आत्मसात करें।
- आषाढ़ पूर्णिमा के शुभ दिन पर लुंबिनी के मठ क्षेत्र में भारत के बौद्ध केंद्र के निर्माण के लिए संपर्क पुरस्कार प्रदान किया गया।
- भारत-नेपाल संयुक्त उद्यम कंपनी को ‘अनुबंध’ का प्रमाण पत्र अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ (IBC) द्वारा मेसर्स एसीसी- गोरखा को नेपाल में भगवान बुद्ध की जन्मस्थली लुंबिनी के मठ क्षेत्र में भारत अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध संस्कृति और विरासत केंद्र (IICBCH) के निर्माण के लिए सौंपा गया।
- लुंबिनी डेवलपमेंट ट्रस्ट (LDT) और IBC के बीच एक समझौते के बाद, 25 मार्च 2022 को भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने नेपाल के तत्कालीन प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा के साथ ‘शिलान्यास’ समारोह किया था और 16 मई 2022 को साइट पर IICBCH की आधारशिला रखी थी।
- आषाढ़ पूर्णिमा का दिन भारत के वाराणसी शहर के पास वर्तमान सारनाथ में ‘डियर पार्क’, रिसिपतन मृगदया में आषाढ़ की पूर्णिमा के दिन पहले पांच तपस्वी शिष्यों (पंचवर्गीय) को ज्ञान प्राप्त करने के बाद बुद्ध की पहली शिक्षा का प्रतीक है।
- धम्म चक्क-पवत्तन सुत्त (पाली) या धर्म चक्र प्रवर्तन सूत्र (संस्कृत) की इस शिक्षा को धर्म चक्र के प्रवर्तन के रूप में भी जाना जाता है और इसमें चार महान सत्य और महान आठ पथ शामिल हैं।
- भिक्षुओं और भिक्षुणियों के लिए वर्षा ऋतु विश्राम (वर्षा वासा) भी इस दिन से शुरू होता है जो जुलाई से अक्टूबर तक तीन चंद्र महीनों तक चलता है, जिसके दौरान वे आम तौर पर गहन ध्यान के लिए समर्पित अपने मंदिरों में एक ही स्थान पर रहते हैं।
- इस दिन को बौद्ध और हिंदू दोनों धर्मों द्वारा अपने गुरुओं के प्रति श्रद्धा प्रकट करने के लिए गुरु पूर्णिमा के रूप में भी मनाया जाता है।
- DAY-NRLM ने महिलाओं द्वारा बनाए गए उत्पादों के विपणन के लिए मोबाइल ऐप लॉन्च किया:
- स्वयं सहायता समूहों (SHG) की महिलाओं द्वारा बनाए गए उत्पादों के लिए विपणन को मजबूत करने का एक और कदम उठाते हुए दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (DAY-NRLM) ने ESARAS मोबाइल ऐप लॉन्च किया जो SHG द्वारा बनाए गए उत्पादों के लिए ईकॉमर्स की पहल में योगदान देगा।
- ऐप को नई दिल्ली में भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा लॉन्च किया गया।
- इस अवसर पर नई दिल्ली में मंत्रालय के जनकपुरी स्थित कार्यालय में ई सरस पूर्ति केंद्र का भी उद्घाटन किया।
- ई सरस पूर्ति केंद्र का प्रबंधन फाउंडेशन फॉर डेवलपमेंट ऑफ रूरल वैल्यू चेन्स (FDRVC- ग्रामीण विकास मंत्रालय और टाटा ट्रस्ट द्वारा संयुक्त रूप से गठित एक गैर-लाभकारी कंपनी) द्वारा किया जाएगा और इसका उपयोग ग्राहकों द्वारा ई सरस पोर्टल और ई सरस मोबाइल ऐप के माध्यम से खरीदे जाने वाले उत्पादों के प्रसंस्करण, पैकेजिंग और शिपिंग के लिए किया जाएगा।
- यह ग्राहक के दरवाजे तक ऑनलाइन ऑर्डर लाने के लिए आवश्यक लॉजिस्टिक्स को संभालेगा।
- ई सरस ई-कॉमर्स मोबाइल ऐप का उपयोग स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं द्वारा बनाए गए उत्पादों की बिक्री के लिए एक ज्यादा प्रभावी मंच के रूप में किया जाएगा।
- यह सर्वोत्तम, प्रामाणिक हस्तशिल्प और हथकरघा के मार्केटिंग की दिशा में ग्रामीण विकास मंत्रालय (MoRD) के DAY-NRLM द्वारा संकल्पित एक शुरूआत है।
- SHG द्वारा तैयार उत्पादों की आसान मार्केटिंग के साथ वोकल फॉर लोकल की भावना को भी बढ़ावा देती है।
- मंत्रालय का लक्ष्य है कि प्रत्येक SHG परिवार के पास आजीविका के कम से कम 2-3 स्रोत हों।
- गरीबों की आजीविका के कई स्रोतों में से एक गैर-कृषि उद्यम है। गैर-कृषि आजीविका में प्रमुख व्यवधान SHG उत्पादों के लिए बाजार से संपर्क का प्रावधान है।
- ई सरस मोबाइल ऐप के माध्यम से SHG द्वारा बनाए गए हस्तनिर्मित उत्पाद अब और भी अधिक ग्राहकों के लिए आसान तरीके से हर किसी की उंगलियों पर उपलब्ध हैं।
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