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05 जुलाई 2023 : PIB विश्लेषण

विषयसूची:

  1. DGCA ने यूरोपीय संघ विमानन सुरक्षा एजेंसी के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये:
  2. जापान-भारत समुद्री अभ्यास 2023 (जिमेक्स 2023) जारी:
  3. गृह मंत्रालय ने “राज्यों में अग्निशमन सेवाओं के विस्तार और आधुनिकीकरण के लिए योजना” शुरू की:
  4. राष्ट्रीय महत्व के बाजार यार्ड (MNI) प्‍लेटफॉर्म पर विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट:
  5. मैनुअल स्केवेंजर्स अधिनियम 2013:

1. DGCA ने यूरोपीय संघ विमानन सुरक्षा एजेंसी के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये:

सामान्य अध्ययन: 3

बुनियादी ढांचा:

विषय: बुनियादी ढांचा- उड्डयन।

प्रारंभिक परीक्षा: नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA),यूरोपीय संघ विमानन सुरक्षा एजेंसी (EASA)।

मुख्य परीक्षा: DGCA द्वारा यूरोपीय संघ विमानन सुरक्षा एजेंसी के साथ किये गए समझौते पर हस्ताक्षर का आकलन कीजिए।

प्रसंग:

  • भारत के नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने यूरोपीय संघ विमानन सुरक्षा एजेंसी (EASA) के साथ मानवरहित विमान प्रणाली और उन्नत हवाई मोबिलिटी क्षेत्र में सहयोग के लिये सहमति ज्ञापन समझौते (MoU) पर हस्ताक्षर किये हैं।

उद्देश्य:

  • इस MoU के तहत दोनों नागर विमानन प्राधिकरणों के बीच मानवरहित विमान और उन्नत हवाई मोबिलिटी के क्षेत्र में सहयोग पर ध्यान दिया जायेगा।

विवरण:

  • इसमें डीजीसीए और ईएएसए के बीच प्रमाणन और पर्यावरणीय मानकों तथा प्रमाणन संबंधी अन्य जरूरतों के विकास तथा मानवरहित विमान प्रणाली के इस्तेमाल और उन्नत हवाई मोबिलिटी परिचालन जिसमें कि कार्मिकों को लाईसेंस, प्रशिक्षण और मानवरहित विमान प्रणाली यातायात प्रबंधन (UTM) मानकों और सेवाओं सहित हवाई यातायात प्रबंधन और ढांचागत सुविधाओं में सहयोग शामिल होगा।
  • इस MoU के तहत दोनों प्राधिकरणों के बीच इस क्षेत्र में होने वाले प्रौद्योगिकीय घटनाक्रम और शोध तथा संबंधित हितधारकों तक पहुंचने के लिये उनकी अपनी अपनी रणनीति के बारे में नियमित रूप से सूचनाओं का आदान-प्रदान भी सुनिश्चित होगा।
    • इस MoU के परिणामस्वरूप डीजीसीए और ईएएसए द्वारा क्षेत्र में सम्मेलनों, कार्यशालाओं, प्रशिक्षण कार्यक्रमों के आयोजनों में भी सहयोग किया जायेगा।
  • MoU पर हस्ताक्षर के फलस्वरूप भारतीय मानवरहित विमानन क्षेत्र में वृद्धि तेज होने और मानकों में समानता आने की भी उम्मीद की जा रही है।
  • नयी दिल्ली मे 20 अप्रैल 2023 को हुई ईयू-भारत विमानन समिट के दौरान डीजीसीए ने मानवरहित विमान प्रणाली और उन्नत हवाई मोबिलिटी पर ईएएसए के साथ आशय पत्र (एलओआई) पर हस्ताक्षर किये थे।

2. जापान-भारत समुद्री अभ्यास 2023 (जिमेक्स 2023) जारी:

सामान्य अध्ययन: 2

अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध:

विषय: द्विपक्षीय, क्षेत्रीय एवं वैश्विक संगठन और भारत से जुड़े समझौते या भारत के हितों को प्रभावित करना।

प्रारंभिक परीक्षा: जापान-भारत समुद्री अभ्यास 2023 (जिमेक्स 23)।

मुख्य परीक्षा: भारत जापान संबंधों पर चर्चा कीजिए।

प्रसंग:

  • भारतीय नौसेना द्वारा आयोजित द्विपक्षीय जापान-भारत समुद्री अभ्यास 2023 (जिमेक्स 23) का सातवां संस्करण 5 जुलाई से 10 जुलाई 2023 तक विशाखापत्तनम में आयोजित किया जा रहा है।

उद्देश्य:

  • यह संस्करण 2012 में अपनी स्थापना के बाद से जिमेक्स की 11वीं वर्षगांठ का प्रतीक है।
  • पिछले कुछ वर्षों में स्कोप और जटिलता में वृद्धि के बाद, जिमेक्स 2023 एक-दूसरे की सर्वोत्तम प्रथाओं से सीखने का अवसर प्रदान करता है और आपसी सहयोग को बढ़ावा देने तथा क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा के प्रति उनकी साझा प्रतिबद्धता की पुष्टि करने के लिए भारतीय नौसेना और जापान मैरीटाइम सेल्फ डिफेंस फोर्स के बीच परिचालन बातचीत की सुविधा प्रदान करता है।

विवरण:

  • जिमेक्स अभ्यास 2023 में आईएनएस दिल्ली, भारत का पहला स्वदेशी रूप से निर्मित गाइडेड मिसाइल विध्वंसक, आईएनएस कामोर्टा, स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित एंटी-सबमरीन वारफेयर कार्वेट, बेड़े टैंकर आईएनएस शक्ति, एक पनडुब्बी, समुद्री गश्ती विमान पी-8I और डोर्नियर, जहाज-वाहित हेलीकॉप्टर तथा लड़ाकू विमान की भागीदारी देखी जाएगी।
  • जेएमएसडीएफ का प्रतिनिधित्व निर्देशित मिसाइल विध्वंसक जेएस सामिदारे और इसके अभिन्न हेलीकॉप्टरों द्वारा किया जाएगा।
  • यह अभ्यास दो चरणों में छह दिनों तक आयोजित किया जाएगा- विशाखापत्तनम में एक हार्बर चरण जिसमें पेशेवर, खेल और सामाजिक बातचीत शामिल होगी, जिसके बाद, दोनों नौसेनाएं संयुक्त रूप से समुद्र में अपने युद्ध कौशल को निखारेंगी और जटिल बहु-अनुशासन संचालन के माध्यम से सरफेस, सब-सरफेस तथा एयर डोमेन में आपसी संचालनीयता को बढ़ाएंगी।

3. गृह मंत्रालय ने “राज्यों में अग्निशमन सेवाओं के विस्तार और आधुनिकीकरण के लिए योजना” शुरू की:

सामान्य अध्ययन: 2

शासन:

विषय: सरकार की नीतियां और विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए हस्तक्षेप एवं उनके डिजाइन तथा इनके अभिकल्पन से उत्पन्न होने वाले विषय।

प्रारंभिक परीक्षा: राज्यों में अग्निशमन सेवाओं के विस्तार और आधुनिकीकरण के लिए योजना,राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष (NDRF)।

मुख्य परीक्षा: “राज्यों में अग्निशमन सेवाओं के विस्तार और आधुनिकीकरण के लिए योजना” के उदेशय पर प्रकाश डालिये।

प्रसंग:

  • केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने राज्यों में अग्निशमन सेवाओं को मजबूत करने के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष (NDRF) के तहत तैयारी और क्षमता निर्माण निधि के तहत निर्धारित आवंटन से “राज्यों में अग्निशमन सेवाओं के विस्तार और आधुनिकीकरण” के लिए 5,000 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय के साथ योजना शुरू की है।

उद्देश्य:

  • योजना का उद्देश्य एनडीआरएफ के भीतर अग्निशमन सेवाओं का विस्तार और आधुनिकीकरण करना है, जिससे एनडीआरएफ की तैयारियों और क्षमता-निर्माण घटक के माध्यम से राज्यस्तर पर अग्निशमन सेवाओं को मजबूत किया जा सके।

विवरण:

  • केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री 13 जून, 2023 को नई दिल्ली में हुई राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के आपदा प्रबंधन मंत्रियों के साथ बैठक की अध्यक्षता करते हुए इस योजना की घोषणा की थी।
  • कुल परिव्यय में से 500 करोड़ रुपये की राशि राज्यों को उनके कानूनी और बुनियादी ढांचा-आधारित सुधारों के आधार पर प्रोत्साहित करने के लिए रखी गई।
  • इस संबंध में सभी राज्यों के मुख्य सचिवों और अग्निशमन सेवाओं के प्रमुख को पत्र भेजा गया है।
  • गृह मंत्रालय द्वारा भारत में आपदा जोखिम न्यूनीकरण प्रणाली को मजबूत करके भारत को आपदा प्रतिरोधी बनाने और आपदाओं के दौरान ‘शून्य मृत्यु’ और संपत्ति का न्यूनतम नुकसान सुनिश्चित करने के लिए कई प्रमुख पहल की जा रही हैं।
  • योजना के तहत परियोजनाओं/प्रस्तावों के लिए धन आवंटन के लिए, संबंधित राज्य सरकारों को इन परियोजनाओं/प्रस्तावों की कुल लागत का 25% (उत्तर-पूर्वी और हिमालयी (एनईएच) राज्यों को छोड़कर, जो 10% योगदान देंगे) अपने बजटीय संसाधन में से योगदान करना होगा।
  • इस योजना की शुरूआत के पीछे पंद्रहवें वित्त आयोग (XV-FC) की सिफारिश है जिसके तहत, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष (NDRF) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (SDRF) में से प्रत्येक [कुल राष्ट्रीय आपदा जोखिम प्रबंधन कोष (एनडीआरएमएफ) और राज्य आपदा जोखिम प्रबंधन कोष (एसडीआरएमएफ) का 10%]के 12.5 प्रतिशत के आवंटन की अनुमति तैयारी और क्षमता निर्माण की फंडिंग के लिए दी गई है।
  • एनडीआरएफ के कुल कोष में से 5,000 करोड़ रूपए की राशि को “अग्निशमन सेवाओं के विस्तार और आधुनिकीकरण” के लिए प्राथमिकता से रखा गया है।
  • निर्धारित आवंटन के विरुद्ध स्वीकृत परियोजनाओं के लिए प्रतिबद्ध देनदारियों का उनके पूरा होने की अवधि के बाद कोई स्पिल-ओवर नहीं होगा।

4. राष्ट्रीय महत्व के बाजार यार्ड (MNI) प्‍लेटफॉर्म पर विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट:

सामान्य अध्ययन: 3

कृषि:

विषय: कृषि उत्पाद का भण्डारण-परिवहन तथा विपणन,सम्बंधित विषय और बाधाएं; किसानो की सहायता के लिए ई-प्रौद्योगिकी।

प्रारंभिक परीक्षा: ई-नाम (राष्ट्रीय कृषि बाजार)।

मुख्य परीक्षा: कृषि उपज विपणन समितियां (AOMC) का महत्व।

प्रसंग:

  • भारत सरकार हमेशा कृषि उपज विपणन समितियों (AOMC) को मजबूत करने और किसानों को अवसंरचनाओं तथा सेवाओं में सुधार के माध्यम से नई डिजिटल प्रौद्योगिकियों के आगमन के साथ इन्‍हें अधिक पारदर्शी और प्रतिस्पर्धी बनाने के विचार का समर्थन करती रही है।

उद्देश्य:

  • अप्रैल 2016 में लॉन्च होने के बाद से, ई-नाम (राष्ट्रीय कृषि बाजार) एक लंबी यात्रा तय कर चुका है।
  • अभी तक यह 23 राज्यों और 04 केंद्रशासित प्रदेशों की 1361 मंडियों को ई-नाम प्लेटफॉर्म पर एकीकृत किया गया है।

विवरण:

  • कृषि-विपणन क्षेत्र में ई-नाम की उपलब्धि महत्‍वपूर्ण रही है।
    • 1361 विनियमित बाजार ई-नाम प्लेटफॉर्म का हिस्सा बन गए हैं।
    • यह आवश्यक है कि अंतर-मंडी और अंतर-राज्य व्यापार के क्रम में, पारदर्शी मूल्य व्‍यवस्‍था के साथ गुणवत्ता आधारित व्यापार को बढ़ावा देने के लिए ठोस कार्यक्रम लागू किए जाएं, ताकि पूरे भारत में एक कुशल और निर्बाध विपणन प्रणाली के माध्यम से किसानों की अधिशेष उपज तक पहुंच का विस्‍तार हो सके।
  • नीतिगत सुधारों को अगले स्तर पर ले जाते हुए और अंतिम उपभोक्ता मूल्य में उत्पादकों की हिस्सेदारी बढ़ाने की दृष्टि से, भारत सरकार ने राष्ट्रीय महत्व के बाजार यार्ड (MNI) की अवधारणा और कार्यान्वयन के माध्यम से अंतर-मंडी और अंतर-राज्य व्यापार को बढ़ावा देने के लिए 21 अप्रैल, 2023 को एक उच्च स्तरीय विशेषज्ञ समिति का गठन किया था।
    • उक्त विशेषज्ञ समिति की अध्यक्षता कर्नाटक सरकार के विशेष सचिव (कृषि) डॉ. मनोज राजन द्वारा की गई।
    • इसमें उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, राजस्थान, तेलंगाना, ओडिशा और बिहार के राज्य कृषि विपणन बोर्डों के सदस्य शामिल थे।
    • राज्य प्रतिनिधियों के अलावा, भारत सरकार के डीए एंड एफडब्ल्यू के निदेशक (कृषि विपणन), डिप्टी एएमए, डीएमआई, एसएफएसी के प्रतिनिधि और ई-नाम के रणनीतिक भागीदार भी उक्त समिति के सदस्य थे।
    • समिति को एमएनआई के कार्यान्वयन के लिए रूपरेखा की सिफारिश करने का काम सौंपा गया है।
  • 4 जुलाई, 2023 को विशेषज्ञ समिति के अध्यक्ष ने एमएनआई प्लेटफॉर्म पर विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट प्रस्तुत की।
    • उपरोक्त समिति ने एमएनआई-पी प्लेटफॉर्म की कार्यान्वयन रूपरेखा, कानूनी रूपरेखा और अंतर-राज्य स्‍तर पर लाइसेंस तथा आवागमन, विवाद समाधान व्‍यवस्‍था, शुरुआत करने के लिए रणनीति आदि के संबंध में सिफारिशें की हैं।
    • यह प्‍लेटफॉर्म, भाग लेने वाले राज्यों के किसानों को अपनी राज्य की सीमाओं से बाहर अपनी अधिशेष उपज बेचने का अवसर प्रदान करेगा।
    • यह प्‍लेटफॉर्म डिजिटल इकोसिस्‍टम तैयार करने में सहायता प्रदान करेगा और कृषि मूल्य श्रृंखला के विभिन्न क्षेत्रों की विशेषज्ञता का लाभ उठाने में सक्षम होगा।

प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:

1.मैनुअल स्केवेंजर्स अधिनियम 2013:

  • केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री ने नई दिल्ली में केंद्रीय निगरानी समिति की आठवीं बैठक की अध्यक्षता की।
    • बैठक में “मैनुअल स्केवेंजर्स के रूप में रोजगार का निषेध और उनका पुनर्वास अधिनियम, 2013” (एमएस अधिनियम, 2013) के कार्यान्वयन की समीक्षा की।
    • यह महत्वपूर्ण केंद्रीय अधिनियम सितंबर, 2013 में संसद द्वारा अधिनियमित किया गया था और दिसंबर, 2014 में इस अधिनियम को लागू हुआ।
    • इसका उद्देश्य हाथ से मैला साफ करने की प्रथा को उसके विभिन्न रूपों में पूरी तरह से समाप्त करना और पहचाने गए हाथ से मैला साफ करने वालों का व्यापक पुनर्वास करना है।
  • सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने वर्ष 2013 और वर्ष 2018 में मैनुअल स्कैवेंजर्स के दो सर्वेक्षण शुरू किए।
    • इन सर्वेक्षणों के दौरान, कुल 58,098 पात्र मैनुअल स्कैवेंजर्स की पहचान की गई थी और उन सभी को 40,000/- रुपये राशि की एकमुश्त नकद सहायता प्रदान की गई है।
    • इनमें से 22,294 इच्छुक पहचाने गए मैनुअल स्कैवेंजर्स/आश्रितों को कौशल विकास प्रशिक्षण प्रदान किया गया है और 2,313 मैनुअल स्कैवेंजर्स/आश्रितों के संबंध में पूंजीगत सब्सिडी जारी की गई है, जिन्होंने स्व-रोज़गार परियोजनाओं के लिए बैंक से ऋण लिया है।
    • इसके अलावा, सीवर और सेप्टिक टैंक की सफाई के दौरान मृत्यु को कम करने के लिए 641 सफाई कर्मचारियों और उनके आश्रितों को स्वच्छता संबंधी परियोजनाओं के लिए पूंजीगत सब्सिडी स्वीकृत की गई है।
  • इसके अलावा, जोखिमभरी सफाई की प्रक्रिया को समाप्त करने, सीवर और सेप्टिक टैंक श्रमिकों की मृत्यु के मामलों को रोकने और उनकी सुरक्षा और सम्मान सुनिश्चित करने के लिए, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय तथा आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय ने संयुक्त रूप से यंत्रीकृत स्वच्छता इको-सिस्टम के लिए राष्ट्रीय कार्रवाई (नमस्ते) नामक एक योजना तैयार की है।
  • यह योजना वर्ष 2025-26 तक तीन वर्षों के दौरान देश के सभी 4800 से अधिक शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) में 349.70 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ लागू की जाएगी।

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