विषयसूची:
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1.ऑस्ट्रेलिया भारत शिक्षा एवं कौशल परिषद (AIESC ) की पहली बैठक गांधीनगर में आयोजित होगी:
सामान्य अध्ययन: 2
अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध:
विषय: द्विपक्षीय, क्षेत्रीय एवं वैश्विक समूह और भारत से जुड़े और/ या भारत के हितों को प्रभावित करने वाले करार।
प्रारंभिक परीक्षा: ऑस्ट्रेलिया भारत शिक्षा एवं कौशल परिषद (AIESC)।
मुख्य परीक्षा: भारत ऑस्ट्रेलिया संबंधों पर चर्चा कीजिए।
प्रसंग:
- ऑस्ट्रेलिया भारत शिक्षा एवं कौशल परिषद (AIESC) की प्रथम बैठक 06 नवंबर 2023 को आईआईटी गांधीनगर में आयोजित होगी।
उद्देश्य:
- यह बैठक अकादमिक और कौशल विशेषज्ञों को पारस्परिक रूप से सम्मत प्राथमिकताओं की एक विस्तृत श्रृंखला पर चर्चा करने के लिए एक मंच प्रदान करेगी, जिसका अंतिम उद्देश्य दोनों देशों में शिक्षा और कौशल के भविष्य को आकार देना है।
- परस्पर बातचीत की एक प्रमुख विशेषता अनुसंधान संवाद: अनुसंधान सहयोग में नया युग विषय पर चर्चा रहेगी।
- इस परस्पर बातचीत से उद्योग साझेदारी, अनुसंधान कार्यबल और कार्यनीतियों के माध्यम से एक गतिशील अनुसंधान इको-सिस्टम में द्विपक्षीय अनुसंधान सहयोग को बढ़ाने के लिए अभिनव अवसरों की पहचान होने की उम्मीद है।
- इसका लक्ष्य दोनों देशों के बीच चुने हुए विषयों में अनुसंधान नेटवर्क की सुविधा प्रदान करना भी होगा।
विवरण:
- ऐसा पहली बार है जब शिक्षा और कौशल को एक ही संस्थागत मंच के तहत लाया जा रहा है।
- इस यात्रा से शिक्षा और कौशल क्षेत्र में पारस्परिक हित के महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग, भागीदारी व तालमेल को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
- बैठक की अध्यक्षता भारत सरकार के शिक्षा मंत्री और कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान, ऑस्ट्रेलिया सरकार के शिक्षा मंत्री जेसन क्लेयर एमपी और ऑस्ट्रेलिया सरकार के कौशल व प्रशिक्षण मंत्री श्री ब्रेंडन ओ’कॉनर संयुक्त रूप से करेंगे।
- भविष्य के कार्यबल को आकार देने, शिक्षा में संस्थागत भागीदारी को सुदृढ़ बनाने और अंतर्राष्ट्रीयकरण के माध्यम से अनुसंधान प्रभाव को बढ़ाने के तीन प्रमुख विषयों पर ध्यान केंद्रित करने पर चर्चा की जाएगी।
- सहयोग के लिए महत्वपूर्ण विषयों की पहचान करने के लिए मंत्रीगण प्रमुख संस्थानों का दौरा करेंगे।
- इसमें क्रिएटिव लर्निंग सेंटर, आईआईटी गांधीनगर का दौरा शामिल है, जो उपकरणों के निर्माण, एसटीईएम कला, खिलौनों पर ध्यान केंद्रित करने वाले विचारों के प्रसार, आईआईटी गांधीनगर में विज्ञान केंद्रों की स्थापना और प्रयोगशाला कार्यों के माध्यम से छात्रों और शिक्षकों में वैज्ञानिक रुझान और अंतर्निहित रचनात्मकता को बढ़ावा देने पर काम करता है।
- पीडीडीयू की स्थापना तेजी से विकसित हो रहे और प्रतिस्पर्धी ऊर्जा उद्योग के साथ तालमेल बनाए रखने, भविष्य की योजना बनाने और आवश्यक बौद्धिक पूंजी का निरंतर निर्माण और मानव संसाधन कौशल का विकास करने के लिए की गई थी।
- विद्या समीक्षा केंद्र का लक्ष्य राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (एनईपी 2020) के लक्ष्यों को सुदृढ़ करना है, यह एक संस्थागत संरचना है जो शैक्षणिक और गैर-शैक्षणिक कार्यकलापों के लिए प्रमुख हितधारकों द्वारा डेटा-आधारित निर्णय को बढ़ाने और कदम उठाने के लिए समेकित व साझी ‘दृष्टि’ को सक्षम बनाती है और इस प्रकार सीखने के परिणामों में सुधार लाती है।
पृष्ठ्भूमि:
- ऑस्ट्रेलिया भारत शिक्षा एवं कौशल परिषद, जिसे पहले ऑस्ट्रेलियाई भारत शिक्षा परिषद (एआईईसी) कहा जाता था, दोनों देशों के बीच शिक्षा, प्रशिक्षण और अनुसंधान साझेदारी की कार्यनीतिक दिशा का मार्गदर्शन करने के लिए 2011 में स्थापित एक द्वि-राष्ट्रीय निकाय है।
- इस मंच का कार्य क्षेत्र दोनों देशों की राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के अनुरूप बढ़ाया गया ताकि अंतर्राष्ट्रीयकरण को बढ़ावा देने, दो-तरफा आवागमन और शिक्षा के साथ-साथ कौशल इको-सिस्टम में सहयोग पर ध्यान केंद्रित किया जा सके।
2. एनसीआर और आसपास के क्षेत्रों के वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने जीआरएपी के चरण-IV के अनुसार 8-सूत्रीय कार्य योजना लागू की:
सामान्य अध्ययन: 3
पर्यावरण:
विषय: संरक्षण पर्यावरण प्रदुषण और क्षरण, पर्यावरण प्रभाव का आकलन।
प्रारंभिक परीक्षा: वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) के ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP)।
मुख्य परीक्षा: जीआरएपी के चरण-IV के अनुसार 8-सूत्रीय कार्य योजना के प्रभाव एवं महत्व पर चर्चा कीजिए।
प्रसंग:
- एनसीआर और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) के ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) के परिचालन के लिए 03.11.2023 को आयोजित अपनी पिछली बैठक में उप-समिति ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि जीआरएपी के चरण-IV के अंतर्गत ज्यादा कठोर और विघटनकारी कदम लागू करने से पहले, वायु गुणवत्ता के हालात की और निगरानी की जाएगी, क्योंकि दिल्ली के औसत एक्यूआई में कमी आनी शुरू हो गई थी।
उद्देश्य:
- इस क्षेत्र में पूरी वायु गुणवत्ता स्थिति के साथ-साथ आईएमडी/आईआईटीएम द्वारा उपलब्ध कराई मौसम संबंधी स्थितियों और वायु गुणवत्ता सूचकांक के पूर्वानुमानों की व्यापक समीक्षा करते हुए पाया कि 04.11.2023 को शाम 4 बजे दिल्ली का औसत एक्यूआई 415 दर्ज किया गया जो और निरंतर बढ़ने लगा।
- अगले दिन सुबह 5 बजे, दिल्ली का औसत एक्यूआई 454 था, जो लगातार प्रतिकूल मौसम और जलवायु परिस्थितियों के कारण दोपहर 3 बजे बढ़कर 463 हो गया।
विवरण:
- केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा उपलब्ध कराए दैनिक एक्यूआई बुलेटिन के अनुसार, 05 नवंबर को दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 454 दर्ज किया गया।
- वायु गुणवत्ता की इस मौजूदा स्थिति को देखते हुए और क्षेत्र में वायु गुणवत्ता में गिरावट को और अधिक रोकने के लिए उप-समिति ने जीआरएपी चरण-IV – ‘गंभीर+’ वायु गुणवत्ता (दिल्ली का एक्यूआई > 450) के अंतर्गत निर्धारित सब कदम पूरे एनसीआर में तत्काल प्रभाव से लागू करने का आह्वान किया है।
- ये कदम जीआरएपी के चरण-I, चरण-II और चरण-III में उल्लिखित निवारक/प्रतिबंधात्मक कार्रवाइयों के अलावा हैं।
- जीआरएपी के अंतर्गत उपायों को लागू करने के लिए जिम्मेदार विभिन्न एजेंसियों और एनसीआर तथा डीपीसीसी के प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों (पीसीबी) को भी सलाह दी गई है कि जीआरएपी के वर्तमान में लागू चरण-I, चरण-II, चरण-III के सभी कदमों के अलावा संशोधित जीआरएपी के चरण-IV के कदमों का भी कड़ाई से कार्यान्वयन सुनिश्चित करवाएं।
- जीआरएपी के चरण-IV के अनुरूप 8-सूत्रीय कार्य योजना पूरे एनसीआर में तत्काल प्रभाव से लागू हो गई है।
- इस 8-सूत्रीय कार्य योजना में विभिन्न एजेंसियों और एनसीआर तथा डीपीसीसी के प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों द्वारा कार्यान्वित/सुनिश्चित किए जाने वाले कदम शामिल हैं।
ये कदम हैं:
- दिल्ली में ट्रक यातायात का प्रवेश रोकना (आवश्यक वस्तुएं लाने-ले जाने वाले/आवश्यक सेवाएं प्रदान करने वाले ट्रकों और सभी एलएनजी/सीएनजी/इलेक्ट्रिक ट्रकों को छोड़कर)।
- ईवी/सीएनजी/बीएस-VI डीजल वाहनों के अलावा दिल्ली के बाहर पंजीकृत एलसीवी वाहनों को दिल्ली में प्रवेश की अनुमति न देना। इसमें सिर्फ आवश्यक वस्तुएं ले जाने वाले/आवश्यक सेवाएं प्रदान करने वाले वाहन अपवाद होंगे।
- दिल्ली में पंजीकृत, डीजल चालित मध्यम माल वाहनों (एमजीवी) और भारी माल वाहनों (एचजीवी) के दिल्ली में चलने पर प्रतिबंध होगा। आवश्यक वस्तुएं ले जाने वाले/आवश्यक सेवाएं प्रदान करने वाले ऐसे वाहन अपवाद होंगे।
- राजमार्ग, सड़क, फ्लाईओवर, ओवरब्रिज, बिजली ट्रांसमिशन, पाइपलाइन जैसी रैखिक सार्वजनिक परियोजनाओं में भी सी एंड डी गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाएं।
- एनसीआर राज्य सरकारें और जीएनसीटीडी कक्षा VI से IX, कक्षा XI के लिए भी भौतिक कक्षाएं बंद करने और ऑनलाइन मोड में पढ़ाई करवाने पर निर्णय ले सकती हैं।
- एनसीआर राज्य सरकारें/जीएनसीटीडी सरकारी, नगरपालिका और निजी कार्यालयों को 50 प्रतिशत क्षमता पर काम करने और बाकी को घर से काम करने की अनुमति देने पर निर्णय लेंगी।
- केंद्र सरकार के कार्यालयों में कर्मचारियों को घर से काम करने की अनुमति देने पर केंद्र सरकार उचित निर्णय ले सकती है।
- राज्य सरकारें कॉलेजों/शैक्षिक संस्थानों को बंद करने और गैर-आपातकालीन वाणिज्यिक गतिविधियों को बंद करने, पंजीकरण संख्या के आधार पर सम-विषम के रूप में वाहनों को चलाने की अनुमति देने जैसे अतिरिक्त आपातकालीन उपायों पर भी विचार कर सकती हैं।
प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:
1. भारतीय नौसेना की परियोजना 15बी युद्धपोत “सूरत” का अनावरण:
- भारतीय नौसेना के नवीनतम, स्वदेशी, निर्देशित मिसाइल विध्वंसक, ‘सूरत’ का अनावरण गुजरात के मुख्यमंत्री द्वारा 06 नवंबर 2023 को सूरत में आयोजित एक समारोह में किया जाएगा।
- इस समारोह में नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार भी शामिल होंगे।
- गौरतलब है कि रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने इसको 17 मार्च, 2022 को मुंबई में लॉन्च किया था।
- निर्माणाधीन नवीनतम अग्रिम युद्धपोत परियोजनाओं में ‘परियोजना 15 बी’ इस कार्यक्रम की चौथी अगली पीढ़ी के स्टील्थ गाइडेड मिसाइल विध्वंसक का निर्माण है, जिनमें ‘सूरत’ चौथा और अंतिम जहाज है।
- यह युद्धपोत वर्तमान समय में मझगांव डॉक्स शिपबिल्डर्स लिमिटेड, मुंबई में निर्माणाधीन है।
- इस युद्धपोत का निर्माण स्वदेशी अत्याधुनिक युद्धपोत निर्माण प्रौद्योगिकी और रणनीतिक सैन्य प्रगति के लिए राष्ट्र को समर्पित है।
- सर्वविदित है कि सूरत शहर 16वीं से 18वीं शताब्दी तक भारत और कई अन्य देशों के लिए सबसे महत्वपूर्ण समुद्री व्यापारिक केंद्र रहा है।
- सूरत शहर जहाज निर्माण कार्यों के लिए एक समृद्ध केंद्र भी रहा है और इस अवधि में यह अपने यहां निर्मित जहाज के लिए प्रसिद्ध भी रहा है क्योंकि यहां निर्मित अनेक जहाज 100 वर्षों से ज्यादा समय तक अपनी सेवाएं प्रदान की है।
- भारत देश में यह एक समुद्री परंपरा और एक नौसैनिक परंपरा बनी हुई है कि हमारे नौसैना के जहाजों का नाम हमारे देश के प्रमुख शहरों के नाम पर रखा जाता है और इसलिए देश की नौसेना को सूरत शहर के नाम पर अपने नवीनतम और तकनीकी रूप से सबसे उन्नत युद्धपोत का नाम देने पर बहुत गर्व महसूस हो रहा है।
- यह गुजरात के किसी भी शहर के नाम पर रखा जाने वाला पहला युद्धपोत है और यह पहली बार है कि एक युद्धपोत के शिखर का अनावरण उसी शहर में किया जा रहा है जिसके नाम पर इसका नाम रखा गया है।
- इस युद्धपोत का अनावरण समारोह गुजरात नौसेना द्वारा पश्चिमी नौसेना कमान के तत्वावधान में 06 नवंबर 2023 को सूरत में आयोजित किया जा रहा है।
2. रक्षा मंत्री ने महिला सैनिकों, नौसैनिकों और वायु सैनिकों के लिए मातृत्व, शिशु देखभाल और शिशु गोद लेने की छुट्टियों के प्रावधान को स्वीकृति दी:
- रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने सशस्त्र बलों में महिला सैनिकों, नौसैनिकों और वायु सैनिकों के लिए उनके अधिकारी समकक्षों के समान मातृत्व, शिशु देखभाल और शिशु गोद लेने की छुट्टियों के नियमों में विस्तार के प्रस्ताव को स्वीकृति दी।
- यह नियम जारी होने के साथ ही सेना में सभी महिलाओं को, चाहे वह अधिकारी हो या किसी अन्य रैंक की, ऐसी छुट्टियाँ देना समान रूप से लागू होगा।
- यह निर्णय सशस्त्र बलों में सभी महिलाओं, चाहे उनकी रैंक कुछ भी हो उनकी समावेशी भागीदारी के रक्षा मंत्री के दृष्टिकोण के अनुरूप है।
- छुट्टी नियमों के विस्तार से सशस्त्र बलों से संबंधित महिला-विशिष्ट पारिवारिक और सामाजिक मुद्दो से समाधान में अत्यधिक सहायता मिलेगी।
- इस कार्य से सेना में महिलाओं की कार्य स्थितियों में सुधार होगा और उन्हें पेशेवर और पारिवारिक जीवन के क्षेत्रों में बेहतर तरीके से संतुलन बनाने में सहायता मिलेगी।
- नारी शक्ति के प्रति प्रतिबद्धता को आगे बढ़ाते हुए, तीनों सेनाओं ने महिलाओं को सैनिकों, नौसैनिकों और वायु सैनिकों के रूप में सम्मलित करके एक आदर्श बदलाव की शुरुआत की है।
- महिला अग्निवीरों की भर्ती से सशस्त्र बल देश की भूमि, समुद्र और हवाई सीमाओं की रक्षा हेतु महिला सैनिकों, नौसैनिकों और वायु सैनिकों की बहादुरी, समर्पण और देशभक्ति से सशक्त होंगे।
- विश्व के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र सियाचिन में ऑपरेशनल रूप से तैनात होने से लेकर युद्धपोतों पर तैनात होने के साथ-साथ आसमान में परचम लहराने तक, भारतीय महिलाएं अब सशस्त्र बलों में लगभग हर क्षेत्र में बाधाओं को तोड़ रही हैं।
- वर्ष 2019 में, भारतीय सेना में सैन्य पुलिस कोर में महिला सैनिकों की भर्ती के माध्यम से एक महत्वपूर्ण उपलब्धि भी प्राप्त की गई थी।
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